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देहरा ने रखा ध्याण का मान, हिमाचल विधानसभा में पहली बार दिखेगी पति-पत्नी की जोड़ी - Himachal CM wife wins bypoll

Himachal CM Sukhvinder Singh Sukhu Wife Kamlesh Thakur Himachal Bypolls: हिमाचल प्रदेश की देहरा सीट पर हुए उपचुनाव में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर ने जीत हासिल की है. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार को 9 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया है.

सुखविंदर सुक्खू और कमलेश ठाकुर
सुखविंदर सुक्खू और कमलेश ठाकुर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 13, 2024, 12:40 PM IST

शिमला: आखिरकार देहरा की जनता ने अपनी ध्याण (बेटी) का मान रख लिया. उपचुनाव में मुख्यमंत्री की पत्नी कमलेश ठाकुर को अच्छे-खासे वोटों से जीत मिली है. शनिवार को उपचुनाव की मतगणना हुई. जहां देहरा सीट पर कमलेश ठाकुर को 32737 वोट मिले और उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार होशियार सिंह को 9399 वोट से हराया. होशियार सिंह को 23338 वोट मिले. दरअसल देहरा कमलेश ठाकुर का मायका है और कांग्रेस को उन्हें टिकट देने का कदम कारगर साबित हो गया.

देहरा ने रखा ध्याण का मान

देहरा के मतदाताओं ने देहरा की ध्याण की झोली वोट रूपी शगुन से भर दी. शनिवार को मतगणना में पहले तीन राउंड में पीछे चल रही कमलेश ठाकुर ने बाद में उल्लेखनीय बढ़त बनाई. आठवें राउंड में कमलेश ठाकुर की बढ़त इतनी हो गई थी कि उसे तोड़ पाना नामुमकिन हो गया था. वैसे कुल 10 में से शुरुआती चार राउंड की काउंटिंग में कमलेश ठाकुर लगातार पीछे चल रही थी. 5वें राउंड में वो पहली बार आगे निकलीं और फिर देहरा के दंगल में आगे ही बनी रहीं.

देहरा से कमलेश ठाकुर ने जीता चुनाव
देहरा से कमलेश ठाकुर ने जीता चुनाव (ECI)

विधानसभा में साथ दिखेगी पति-पत्नी की जोड़ी

इस जीत के साथ ही ये तय हो गया है कि अब हिमाचल विधानसभा में पहली बार पति-पत्नी की जोड़ी एक साथ दिखेगी. इससे पहले हिमाचल विधानसभा में पिता-पुत्र की जोड़ी देखने को मिल चुकी है. वीरभद्र सिंह और विक्रमादित्य सिंह 2017 के चुनाव में जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. लेकिन पति पत्नी की जोड़ी पहली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा में दिखेगी.

हिमाचल में क्यों आई उपचुनाव की नौबत

राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग के बाद हिमाचल में उपचुनाव की नौबत आई थी. विधानसभा चुनाव 2022 कांग्रेस को 68 में से 40 सीटों पर जीत के साथ प्रचंड बहुमत मिला था, लेकिन फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने हर्ष महाजन को प्रत्याशी बना कर कांग्रेस के सामने चुनौती पेश कर दी. भाजपा राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के भीतर सेंध लगाने में कामयाब हुई. चुनाव में कांग्रेस के हाथ पराजय लगी और सियासी घटनाक्रम तेजी से बदला. कांग्रेस के छह बागी और तीन निर्दलीयों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा का साथ दिया. इसके बाद क्रॉस वोटिंग करने वाले सभी विधायक बीजेपी में शामिल हो गए और हिमाचल में 9 सीटों पर उपचुनाव हुए. 6 सीटों पर 1 जून को लोकसभा चुनाव के साथ वोटिंग हुई जबकि निर्दलीय विधायकों वाली 3 सीटों पर 10 जुलाई को मतदान हुआ था.

राज्यसभा चुनाव में मिले झटके से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू चौकन्ने हुए. उपचुनाव में सीएम व उनकी टीम ने सारी ताकत झोंक दी. अकसर उपचुनाव में जनता सरकार के साथ ही चलती है. ऐसे में देहरा में सीएम की पत्नी कमलेश ठाकुर को जीतने में कोई बाधा नहीं आई. ये बात अलग है कि सीएम सुखविंदर सिंह व कमलेश ठाकुर ने प्रचार में देहरा में दिन-रात एक कर दिया था. खैर, अब देहरा की सीट कमलेश ठाकुर की झोली में आ गई है. यहां से होशियार सिंह पिछली दो बार से जीतते आ रहे थे. उनके विजय अभियान को ब्रेक लग गई है.

सियासी गलियों में भले वंशवाद की राजनीति को लेकर बेशक बहस होती रहे, लेकिन जनता अपने निर्वाचन क्षेत्र के अनुसार ही फैसला लेती है. देहरा की जनता ने ये माना कि सत्ता के साथ चलने पर ही विकास कार्य होंगे, लिहाजा उनके लिए वंशवाद कोई मुद्दा नहीं रहा. ये भी प्रतीत होता है कि कांग्रेस ने जनता के बीच जो सवाल फेंका था कि निर्दलीयों को इस्तीफा देने की क्या जरूरत थी, उसको भी जनता की मुहर लगी है. कमलेश ठाकुर ने चुनाव प्रचार में वादा किया था कि वे देहरा में विकास की गंगा बहा देंगी. अब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू व कांग्रेस सरकार को अपने वादे की कसौटी पर खरा उतरना है.

शिमला: आखिरकार देहरा की जनता ने अपनी ध्याण (बेटी) का मान रख लिया. उपचुनाव में मुख्यमंत्री की पत्नी कमलेश ठाकुर को अच्छे-खासे वोटों से जीत मिली है. शनिवार को उपचुनाव की मतगणना हुई. जहां देहरा सीट पर कमलेश ठाकुर को 32737 वोट मिले और उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार होशियार सिंह को 9399 वोट से हराया. होशियार सिंह को 23338 वोट मिले. दरअसल देहरा कमलेश ठाकुर का मायका है और कांग्रेस को उन्हें टिकट देने का कदम कारगर साबित हो गया.

देहरा ने रखा ध्याण का मान

देहरा के मतदाताओं ने देहरा की ध्याण की झोली वोट रूपी शगुन से भर दी. शनिवार को मतगणना में पहले तीन राउंड में पीछे चल रही कमलेश ठाकुर ने बाद में उल्लेखनीय बढ़त बनाई. आठवें राउंड में कमलेश ठाकुर की बढ़त इतनी हो गई थी कि उसे तोड़ पाना नामुमकिन हो गया था. वैसे कुल 10 में से शुरुआती चार राउंड की काउंटिंग में कमलेश ठाकुर लगातार पीछे चल रही थी. 5वें राउंड में वो पहली बार आगे निकलीं और फिर देहरा के दंगल में आगे ही बनी रहीं.

देहरा से कमलेश ठाकुर ने जीता चुनाव
देहरा से कमलेश ठाकुर ने जीता चुनाव (ECI)

विधानसभा में साथ दिखेगी पति-पत्नी की जोड़ी

इस जीत के साथ ही ये तय हो गया है कि अब हिमाचल विधानसभा में पहली बार पति-पत्नी की जोड़ी एक साथ दिखेगी. इससे पहले हिमाचल विधानसभा में पिता-पुत्र की जोड़ी देखने को मिल चुकी है. वीरभद्र सिंह और विक्रमादित्य सिंह 2017 के चुनाव में जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. लेकिन पति पत्नी की जोड़ी पहली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा में दिखेगी.

हिमाचल में क्यों आई उपचुनाव की नौबत

राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग के बाद हिमाचल में उपचुनाव की नौबत आई थी. विधानसभा चुनाव 2022 कांग्रेस को 68 में से 40 सीटों पर जीत के साथ प्रचंड बहुमत मिला था, लेकिन फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने हर्ष महाजन को प्रत्याशी बना कर कांग्रेस के सामने चुनौती पेश कर दी. भाजपा राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के भीतर सेंध लगाने में कामयाब हुई. चुनाव में कांग्रेस के हाथ पराजय लगी और सियासी घटनाक्रम तेजी से बदला. कांग्रेस के छह बागी और तीन निर्दलीयों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा का साथ दिया. इसके बाद क्रॉस वोटिंग करने वाले सभी विधायक बीजेपी में शामिल हो गए और हिमाचल में 9 सीटों पर उपचुनाव हुए. 6 सीटों पर 1 जून को लोकसभा चुनाव के साथ वोटिंग हुई जबकि निर्दलीय विधायकों वाली 3 सीटों पर 10 जुलाई को मतदान हुआ था.

राज्यसभा चुनाव में मिले झटके से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू चौकन्ने हुए. उपचुनाव में सीएम व उनकी टीम ने सारी ताकत झोंक दी. अकसर उपचुनाव में जनता सरकार के साथ ही चलती है. ऐसे में देहरा में सीएम की पत्नी कमलेश ठाकुर को जीतने में कोई बाधा नहीं आई. ये बात अलग है कि सीएम सुखविंदर सिंह व कमलेश ठाकुर ने प्रचार में देहरा में दिन-रात एक कर दिया था. खैर, अब देहरा की सीट कमलेश ठाकुर की झोली में आ गई है. यहां से होशियार सिंह पिछली दो बार से जीतते आ रहे थे. उनके विजय अभियान को ब्रेक लग गई है.

सियासी गलियों में भले वंशवाद की राजनीति को लेकर बेशक बहस होती रहे, लेकिन जनता अपने निर्वाचन क्षेत्र के अनुसार ही फैसला लेती है. देहरा की जनता ने ये माना कि सत्ता के साथ चलने पर ही विकास कार्य होंगे, लिहाजा उनके लिए वंशवाद कोई मुद्दा नहीं रहा. ये भी प्रतीत होता है कि कांग्रेस ने जनता के बीच जो सवाल फेंका था कि निर्दलीयों को इस्तीफा देने की क्या जरूरत थी, उसको भी जनता की मुहर लगी है. कमलेश ठाकुर ने चुनाव प्रचार में वादा किया था कि वे देहरा में विकास की गंगा बहा देंगी. अब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू व कांग्रेस सरकार को अपने वादे की कसौटी पर खरा उतरना है.

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