शिमला: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा की चार सीटों विधानसभा की छह सीटों पर उपचुनाव के लिए एक जून को मतदान होगा. हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के अलावा सुजानपुर और बड़सर में विधानसभा के उपचुनाव भी होने हैं. हमीरपुर जिला सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का गृह जिला है. लोकसभा के साथ-साथ उपचुनाव में जिले की दोनों सीटों पर जीत हासिल की जिम्मेदारी उन्होंने अपने कंधों पर ले रखी है. उपचुनाव के नतीजे प्रदेश सरकार का भविष्य तय करेंगे.
सीएम सुक्खू उपचुनाव के चलते धर्मशाला से लेकर लाहौल स्पीति तक खूब पसीना बहा रहे हैं. बड़सर विधानसभा क्षेत्र में सीएम सुक्कू ने 15 दिन में चार दौरे और दर्जनों जनसभाएं की हैं. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के बागी और बीजेपी के उम्मीदवार लखनपाल पर खूब जुबानी तीर छोड़े. उन्होंने सभी बागी विधायकों को हर मंच से बिकाऊ करार दिया है. सीएम की रैलियों और जनसभाओं ने कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष चंद ढटवालिया के लिए चुनावी जमीन तैयार करने की भरपूर कोशिश की है. साथ ही मंगलवार को बड़सर में प्रियंका गांधी के रोड शो ने भी कांग्रेस के चुनावी अभियान में जान फूंकने का काम किया है. बड़सर विधानसभा में कुल 89, 357 वोटर्स हैं. पुरुष मतदाताओं 44,784 और महिला मतदताओं की संख्या 44,572 है. साथ ही एक ट्रांसजेंडर वोटर्स भी उपचुनाव और लोकसभा चुनाव के लिए मतदान करेगा.
बीजेपी प्रत्याशियों को बदनाम करने का आरोप: बीजेपी प्रत्याशी आईडी लखनपाल भी लगातार सीएम सुक्खू को अपने रडार पर लिए हुए हैं. लखनपाल भी हर वार का पलटवार कर रहे हैं. उनका कहना है कि अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए सीएम और कांग्रेस पार्टी बीजेपी प्रत्याशियों को बदनाम कर रही है. लखनपाल ने सीएम पर उनकी और उनके क्षेत्र की अनदेखी के आरोप भी लगाए हैं. इसके साथ ही बीजेपी कांग्रेस सरकार के समय में बंद किए संस्थानों को मुद्दे को भी भुनाने की कोशिश कर रही है. पीएम समेत बीजेपी के प्रदेश स्तरीय नेता प्रदेश की सरकार को तालाबंदी सरकार का तमगा दे रही है. वहीं, बीजेपी 4 जून के बाद केंद्र-प्रदेश में डबल इंजन की सरकार बनाने की दावा कर रही है.
दोनों प्रत्याशियों की अलग-अलग रणनीति: चुनाव प्रचार को समाप्त होने में कुछ ही घंटे बाकी हैं. ऐसे में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए दोनों ही दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. व्यक्तिगत आरोप और प्रत्यारोप की सिलसिला जारी है. कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष चंद ढटवालिया सीएम जिला और उनके नाम पर वोट मांग रहे हैं. वहीं, लखनपाल अपने कोर वोटर्स को साधने में लगे हैं. सीएम सुक्खू का गृह जिला होने के नाते बड़सर और सुजानपुर सीट उनकी प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है.
तीन बार जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं लखनपाल: बता दें कि बड़सर सीट पर मुकाबला कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए आईडी लखनपाल और सुभाष चंद ढटवालिया के बीच है. बीजेपी प्रत्याशी इंद्र दत्त लखनपाल ने वर्ष 2012, 2017, 2022 में कांग्रेस की टिकट पर बड़सर से जीत हासिल की थी. इस बार लखनपाल ने हाथ का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार सुभाष चंद जिला कांग्रेस के कोषाध्यक्ष हैं. इसके अलावा वो बड़सर वार्ड से जिला परिषद सदस्य, कलवाड पंचायत से प्रधान और बिझड़ी वार्ड से सदस्य भी रह चुके हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि पार्टी से हटकर लखनपाल का यहां अपना एक वोट बैंक हैं. उन्हें काफी मिलनसार नेता माना जाता है. ऐसे में उनके दलबदल के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार सुभाष चंद के लिए ये चुनाव आसान नहीं होने वाला है. सुभाष ढटवालिया पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं.
करीब 42 साल बाद इस सीट पर ब्राह्मण बनाम राजपूत के बीच चुनावी टक्कर होगी. कांग्रेस के बड़ी बात ये है कि उनके प्रत्याशी सुभाष ढटवालिया उस क्षेत्र से आते हैं, जिसे तप्पा ढटवाल कहा जाता है. इस इलाके में 23 पंचायतें हैं, यहां मतदाताओं की संख्या 35 से 40 हजार के आसपास है. ये इलाका हर चुनाव में बड़सर विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी को जिताने या हराने में पूरा योगदान रहता है, लेकिन यहां से किसी पार्टी ने कभी कोई प्रत्याशी नहीं दिया था.