मंडी: हिमाचल प्रदेश का 'मिनी पंजाब' कही जाने वाली बल्ह घाटी में इस बार टमाटर का बंपर कारोबार हुआ है. इस सीजन में अभी तक बल्हघाटी से 10 करोड़ से अधिक के टमाटर बेचे जा चुके हैं. हालांकि, अब यह सीजन अपनी समाप्ति की तरफ है. लेकिन फिर से खेतों में बड़ी संख्या में टमाटर की पैदावार मौजूद है. जिसे रोजाना मंडियों को भेजा जा रहा है.
एपीएमसी जिला मंडी के चेयरमैन संजीव गुलेरिया ने कहा, "इस बार बल्हघाटी में 1200 हेक्टेयर भूमि पर 2200 किसानों ने टमाटर की खेती की थी. अभी तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 1500 मीट्रिक टन टमाटर की फसल मंडियों तक पहुंचाई जा चुकी है. जबकि बीते साल सिर्फ 920 मीट्रिक टन का ही उत्पादन हुआ था. इस बार अभी तक ₹10 करोड़ से अधिक का टमाटर का कारोबार दर्ज किया जा चुका है. हालांकि इस बार किसानों की 30 से 35 फीसदी फसल को नुकसान भी पहुंचा है, लेकिन बावजूद इसके बीते साल के मुकाबले इस बार अधिक उत्पादन और मुनाफा दर्ज किया जा रहा है".
इस बार कोई किसान नहीं बना करोड़पति: इस सीजन टमाटर का कारोबार पिछले साल के मुकाबले अधिक दर्ज किया जा रहा है. लेकिन इस बार अब तक कोई किसान करोड़पति नहीं बन पाया है. बता दें कि बीते साल बल्हघाटी के किसान जयराम सैनी ने ₹1 करोड़ से अधिक के टमाटर बेचकर नया कीर्तिमान स्थापित किया था. इसकी बड़ी वजह पिछले साल टमाटर की फसल कम होने के कारण बहुत अच्छे दाम किसानों को मिले थे.
बल्ह घाटी के किसान श्याम सिंह, बंटी और गुलाब सिंह ने बताया कि इस साल शुरुआती दौर में टमाटर के काफी कम दाम मिले. लेकिन अब टमाटर के दामों में उछाल आया है, जिससे उन्हें अच्छे दाम मिलना शुरू हुए हैं. किसानों ने बताया कि खेती में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों और खाद के दामों में जो बढ़ोतरी की गई है, उससे भी किसानों को घाटा झेलना पड़ रहा है. उन्होंने सरकार से फसलों की दवा और खाद के दामों में कटौती करने की मांग उठाई है.
ये भी पढ़ें: आज से नहीं बनेंगे हिमाचली प्रमाण पत्र सहित कई जरूरी सर्टिफिकेट, पटवारी और कानूनगो ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा