शिमला: नई सियासी परिस्थितियों में इस बार हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र हंगामे और तीखे वार-पलटवार का गवाह बनेगा. कैबिनेट ने इस बार सेशन 27 अगस्त से 9 सितंबर के बीच आयोजित करने पर सहमति जताई है. सेशन की अधिसूचना राज्यपाल की मंजूरी के बाद जारी होगी. कुल 14 दिन के सेशन में दस बैठकें प्रस्तावित हैं. कैबिनेट ने गुरुवार को मीटिंग में सेशन को लेकर राजभवन से 27 अगस्त से 9 सितंबर तक सत्र बुलाने की अनुशंसा की है. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार का बजट सत्र फरवरी महीने में हुआ था.
6 महीने के अंतराल में सत्र आयोजित
नियमों के अनुसार छह महीने के अंतराल में सत्र का आयोजन करना जरूरी होता है. बजट सत्र का समापन 28 फरवरी को हुआ था. ऐसे में तय नियम के अनुसार ही छह महीने के अंतराल में सेशन हो रहा है. इस बार मानसून सत्र की शुरुआत 27 अगस्त से होगी.
कांग्रेस के दो बागी अब बैठेंगे विपक्ष में
राज्यसभा चुनाव के बाद हिमाचल में सियासी हालात बदल गए हैं. कांग्रेस राज्यसभा सीट हार चुकी है. वहीं, राज्य में नौ सीटों पर उपचुनाव हुए. इनमें से 3 भाजपा के हिस्से आई हैं. कांग्रेस की सीटें अब फिर से 40 हो गयी हैं. बदली परिस्थितियों में इस बार सुधीर शर्मा व आईडी लखनपाल भाजपा के बैंचों पर नजर आएंगे. सारी राजनीतिक पारी कांग्रेस में खेलने के बाद अब ये दो बड़े नेता भाजपा के हुए हैं. ऐसे में इन पर सबकी नजर रहेगी.
इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
वहीं, अब विधानसभा में 3 महिला विधायक हैं. सीएम की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर सत्ता पक्ष में नजर आएंगी. वे भी सेशन में सबकी चर्चा का केंद्र बिंदु होंगी. सेशन में विपक्ष सत्ताधारी दल को निशुल्क बिजली व कर्ज के मसले पर घेरेगा. कुछ सवाल 300 यूनिट बिजली वाली गारंटी पूरी न होने पर गूंजेंगे तो कई अन्य तीखे सवालों से सत्ता पक्ष का सामना होगा. विपक्षी दल भाजपा अभी से ही सरकार को घेरने की रणनीति में जुट गया है. कर्ज के बोझ, फिजूलखर्ची और भ्रष्टाचार के मुद्दे खूब गरमाएंगे. 6 सीट पर जीत के बाद कांग्रेस का कॉन्फिडेंस भी बढ़ा हुआ है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी विपक्ष के हर सवाल का तर्कपूर्ण जवाब देने को तैयार हैं.
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