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जयपुर के करतारपुरा नाले का पीटी सर्वे पेश करने के आदेश - RAJASTHAN HIGHCOURT JAIPUR

राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर विकास प्राधिकरण को करतारपुरा नाले का पीटी सर्वे कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.

Rajasthan HighCourt Jaipur
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 4 hours ago

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने जेडीए को कहा है कि करतारपुरा नाले में अतिक्रमण से जुड़े मामले को लेकर आठ सप्ताह में पीटी सर्वे पेश करे. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश राजेन्द्र प्रसाद शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश टेलर ने कहा कि करतारपुरा नाला बारिश में ओवरफ्लो हो जाता है और नाले की फेसिंग और उसके पक्का नहीं होने के कारण अतिक्रमण के साथ हादसे हो जाते हैं. इसके अलावा अभी तक नाले की सीमा भी तय नहीं है. इसके चलते अतिक्रमण नहीं रुक पा रहे.

दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि नाले में निजी खातेदारी की भूमि भी आ रही है. इसके अलावा यहां हुए अतिक्रमणों के वर्तमान हालात जानने के लिए पीटी सर्वे करना जरूरी है. ऐसे में जल्द ही नाले का ड्रोन और फिजिकल वेरिफिकेशन कर सर्वे किया जाएगा और कोर्ट में उसकी रिपोर्ट पेश की जाएगी.इस पर अदालत ने जेडीए को पीटी सर्वे कराने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया है.

पढ़ें: बार एसोसिएशन चुनाव, महेन्द्र शांडिल्य और गजराज अध्यक्ष, रमित व राजावत महासचिव निर्वाचित

जनहित याचिका में कहा गया कि करतारपुरा नाले में जगह-जगह अतिक्रमण है और नाला पक्का भी नहीं है. वहीं नाले की चौडाई भी घोषित नहीं है. जिसके चलते यहां कई जगहों पर नाले की चौडाई कुछ फीट ही रह गई है. बारिश में यहां कई हादसे भी हो गए हैं. ऐसे में यहां से अतिक्रमण हटाकर नाले को पक्का करने के निर्देश दिए जाए.

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने जेडीए को कहा है कि करतारपुरा नाले में अतिक्रमण से जुड़े मामले को लेकर आठ सप्ताह में पीटी सर्वे पेश करे. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश राजेन्द्र प्रसाद शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश टेलर ने कहा कि करतारपुरा नाला बारिश में ओवरफ्लो हो जाता है और नाले की फेसिंग और उसके पक्का नहीं होने के कारण अतिक्रमण के साथ हादसे हो जाते हैं. इसके अलावा अभी तक नाले की सीमा भी तय नहीं है. इसके चलते अतिक्रमण नहीं रुक पा रहे.

दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि नाले में निजी खातेदारी की भूमि भी आ रही है. इसके अलावा यहां हुए अतिक्रमणों के वर्तमान हालात जानने के लिए पीटी सर्वे करना जरूरी है. ऐसे में जल्द ही नाले का ड्रोन और फिजिकल वेरिफिकेशन कर सर्वे किया जाएगा और कोर्ट में उसकी रिपोर्ट पेश की जाएगी.इस पर अदालत ने जेडीए को पीटी सर्वे कराने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया है.

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जनहित याचिका में कहा गया कि करतारपुरा नाले में जगह-जगह अतिक्रमण है और नाला पक्का भी नहीं है. वहीं नाले की चौडाई भी घोषित नहीं है. जिसके चलते यहां कई जगहों पर नाले की चौडाई कुछ फीट ही रह गई है. बारिश में यहां कई हादसे भी हो गए हैं. ऐसे में यहां से अतिक्रमण हटाकर नाले को पक्का करने के निर्देश दिए जाए.

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