लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अयोध्या जनपद के कैंट क्षेत्र में सेना की जमीनों पर अवैध कब्जे के मामले में स्वतः संज्ञान याचिका दर्ज करने का आदेश दिया है. मंगलवार को इस सम्बंध में दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने आदेश पारित करते हुए कहा कि इस मामले में बेहतर होगा कि वर्तमान याचिका पर सुनवाई के बजाय स्वतः संज्ञान (सुओ मोटो) याचिका दर्ज की जाए. इसके साथ ही न्यायालय ने स्वतः संज्ञान याचिका को सुनवाई के लिए बुधवार को पेश करने का भी आदेश दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने अयोध्या निवासी प्रवीण कुमार दूबे की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया. न्यायालय ने उक्त मामले में रजिस्ट्री को ‘प्रोटेक्शन ऑफ डिफेंस लैंड एट अयोध्या’ शीर्षक से स्वतः संज्ञान याचिका दर्ज करने का आदेश दिया.
दरअसल याची प्रवीण कुमार दूबे की ओर से लेफ्टिनेंट कर्नल, स्टेशन हेडक्वार्टर, अयोध्या कैंट की ओर से 11 फरवरी 2023 को जिलाधिकारी, अयोध्या को भेजे गए एक पत्र का हवाला दिया गया. इसके साथ ही जिलाधिकारी अयोध्या द्वारा 19 फरवरी 2024 को डिफेंस अधिकारियों को उक्त मामले में भेजे गए पत्र को भी पेश करते हुए दावा किया गया कि लगभग 13391 एकड़ जमीन सेना के रायफल रेंज के तौर पर संरक्षित है जो कैंट क्षेत्र के कई गांवों में विस्तारित है. आरोप है कि उक्त जमीनों पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं. याचिका का अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर से विरोध करते हुए कहा गया कि याची का आपराधिक इतिहास है. इसी वजह से पूर्व में उसके द्वारा दाखिल जनहित याचिका को न्यायालय ने नहीं सुना था. इस पर न्यायालय ने सुओ मोटो याचिका दर्ज कर बुधवार को सुनवाई के लिए पेश करने का आदेश दिया है.