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रांची की ट्रैफिक व्यवस्था पर हाईकोर्ट की सख्त मौखिक टिप्पणी, क्या अदृश्य हो गये हैं 600 अतिरिक्त होमगार्ड के जवान - High court on poor traffic system

Jharkhand High court on poor traffic system रांची में लगातार हो रहे ट्रैफिक जाम पर झारखंड हाईकोर्ट ने सख्त मौखिक टिप्पणी की है. कोर्ट ने पूछा कि क्या 600 अतिरिक्त होमगार्ड के जवान अदृश्य हो गए हैं.

HIGH COURT ON POOR TRAFFIC SYSTEM
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 25, 2024, 7:37 PM IST

रांची: राजधानी की लचर ट्रैफिक व्यवस्था से आम हो या खास, सभी परेशान हैं. कोई ऐसा दिन नहीं गुजरता, जब किसी रूट पर जाम की समस्या उत्पन्न ना होती हो. इस मसले को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सख्त मौखिक टिप्पणी की है.

जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रौशन की अदालत में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि कई जगहों पर ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू करने के लिए होमगार्ड के अतिरिक्त जवान लगाए गये हैं. इस खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार की ओर दायर शपथ पत्र के जरिए कहा गया था कि 15 जून से रांची में 600 अतिरिक्त होमगार्ड के जवानों को तैनात किया जाएगा. अब कहा जा रहा है कि कुछ जगहों पर होमगार्ड से भी सेवा ली जा रही है. क्या 600 अतिरिक्त जवान अदृश्य हो गये हैं.

हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि खंडपीठ ने ट्रैफिक व्यवस्था से जुड़े कई मसलों पर नाराजगी जतायी है. कोर्ट ने कहा कि 900 परमिट की जगह शहर में साढ़े चार हजार से ज्यादा ई-रिक्शा चल रहे हैं. राजधानी में जगह-जगह जाम की स्थिति रहती है. कई जगहों पर ट्रैफिक लाइट खराब पड़े हैं. कोर्ट ने यह भी कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू करने के लिए तैनात जवानों को कड़ी धूप से बचाने के लिए मुकम्मल व्यवस्था तक नहीं है.

कोर्ट ने मामले को गंभीर बताते हुए सुनवाई की अगली तारीख गुरुवार को तय की है. कोर्ट ने यह भी कहा कि आदेश जारी होने पर दो-तीन तक ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए पहल की जाती है. इसको बरकरार नहीं रखा जाता है. कुछ दिन बाद पुरानी स्थिति नजर आने लगती है. कोर्ट ने यहां तक कहा कि अब शपथ पत्र से काम नहीं चलेगा.

रांची: राजधानी की लचर ट्रैफिक व्यवस्था से आम हो या खास, सभी परेशान हैं. कोई ऐसा दिन नहीं गुजरता, जब किसी रूट पर जाम की समस्या उत्पन्न ना होती हो. इस मसले को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सख्त मौखिक टिप्पणी की है.

जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रौशन की अदालत में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि कई जगहों पर ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू करने के लिए होमगार्ड के अतिरिक्त जवान लगाए गये हैं. इस खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार की ओर दायर शपथ पत्र के जरिए कहा गया था कि 15 जून से रांची में 600 अतिरिक्त होमगार्ड के जवानों को तैनात किया जाएगा. अब कहा जा रहा है कि कुछ जगहों पर होमगार्ड से भी सेवा ली जा रही है. क्या 600 अतिरिक्त जवान अदृश्य हो गये हैं.

हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि खंडपीठ ने ट्रैफिक व्यवस्था से जुड़े कई मसलों पर नाराजगी जतायी है. कोर्ट ने कहा कि 900 परमिट की जगह शहर में साढ़े चार हजार से ज्यादा ई-रिक्शा चल रहे हैं. राजधानी में जगह-जगह जाम की स्थिति रहती है. कई जगहों पर ट्रैफिक लाइट खराब पड़े हैं. कोर्ट ने यह भी कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू करने के लिए तैनात जवानों को कड़ी धूप से बचाने के लिए मुकम्मल व्यवस्था तक नहीं है.

कोर्ट ने मामले को गंभीर बताते हुए सुनवाई की अगली तारीख गुरुवार को तय की है. कोर्ट ने यह भी कहा कि आदेश जारी होने पर दो-तीन तक ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए पहल की जाती है. इसको बरकरार नहीं रखा जाता है. कुछ दिन बाद पुरानी स्थिति नजर आने लगती है. कोर्ट ने यहां तक कहा कि अब शपथ पत्र से काम नहीं चलेगा.

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