जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने झोटवाड़ा थाने के हिस्ट्रीशीटर को पुलिस हिरासत के दौरान प्रताड़ित और अमानवीय कृत्य करने से जुड़े मामले में मुख्य सचिव, एसीएस होम, डीजीपी, पुलिस कमिश्नर, डीसीपी पश्चिम और चित्रकूट थानाधिकारी से जवाब मांगा है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश उजागर सिंह की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता मिथिलेश कुमार ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को गत दिनों पुलिसकर्मियों ने गिरफ्तार कर चित्रकूट थाने में रखा था. यहां उसे नग्न कर प्रताड़ित किया गया. इस दौरान उससे पुलिस से जुड़े और भविष्य में अपराध नहीं करने को लेकर नारे लगाए गए. वहीं इसका 17 सेकंड़ का वीडियो भी बनाया गया. जिसे बाद में उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वीडियो में दीवार की खूंटी पर पुलिसकर्मियों की वर्दी भी टंगी नगर आ रही है.
याचिका में गुहार की गई कि मामले में दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जाए. इसके अलावा पीड़ित पक्ष को 15 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि दिलाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है. गौरतलब है कि पुलिस की सीएसटी क्राइम ब्रांच ने जून, 2024 में याचिकाकर्ता उजागर सिंह को पिस्तौल और तीन जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था. पुलिस का आरोप है कि उजागर सिंह झोटवाड़ा थाना पुलिस का हिस्ट्रीशीटर है और राजू ठेहट गैंग का सक्रिय सदस्य है. वह जवाहर सर्किल थाने में दर्ज प्रकरण में 2 साल से वांछित चल रहा था. वहीं उस पर डीसीपी पूर्व और डीसीपी दक्षिण ने 5-5 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर रखा था.