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पूर्व मंत्री की सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ करने के आदेश - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

High Court on Pramod Jain Bhaya, राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री की सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने हाईकोर्ट प्रशासन को कहा है कि वह लंबित सभी याचिकाएं 16 जुलाई को सुनवाई के लिए एक साथ सूचीबद्ध करें. यह है पूरा मामला...

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 12, 2024, 8:31 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ बारां जिले के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज एक दर्जन से अधिक एफआईआर से जुडी सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ करना तय किया है. इसके साथ ही अदालत ने हाईकोर्ट प्रशासन को कहा है कि वह लंबित सभी याचिकाएं 16 जुलाई को सुनवाई के लिए एक साथ सूचीबद्ध करें. वहीं, अदालत ने बारां पुलिस अधीक्षक को कहा है कि वह रिकॉर्ड सहित वीसी के जरिए पेश हों. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश प्रमोद जैन भाया की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता राहुल तिवाड़ी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ बारां जिले के विभिन्न थानों में करीब एक दर्जन से अधिक एफआईआर दर्ज हुई हैं. इनमें से अधिकांश मामलों में एक समान या मिलते-जुलते आरोप लगाए गए हैं. इन एफआईआर में याचिकाकर्ता के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों से टेंडर प्रक्रिया अपनाने, आचार संहिता में टेंडर खुलवाने और अपने चहेतों को भूमि आवंटन जैसे आरोप लगाए गए हैं.

पढ़ें : लिलीपूल को लेकर पूर्व राजपरिवार के सदस्य देवराज और लालित्या को किया पाबंद - Jaipur District Court

ऐसे में इन सभी एफआईआर की जांच के लिए बारां और झालावाड जिले के अलावा अन्य स्थान पर तैनात आईपीएस अधिकारी को नियुक्त किया जाए, जिसका विरोध करते हुए शिकायतकर्ता की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता पर लगाए आरोप गंभीर किस्म के हैं. ऐसे में हर मामले की जांच अलग-अलग ही होनी चाहिए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने इस संबंध में लंबित सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ करना तय किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ बारां जिले के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज एक दर्जन से अधिक एफआईआर से जुडी सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ करना तय किया है. इसके साथ ही अदालत ने हाईकोर्ट प्रशासन को कहा है कि वह लंबित सभी याचिकाएं 16 जुलाई को सुनवाई के लिए एक साथ सूचीबद्ध करें. वहीं, अदालत ने बारां पुलिस अधीक्षक को कहा है कि वह रिकॉर्ड सहित वीसी के जरिए पेश हों. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश प्रमोद जैन भाया की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता राहुल तिवाड़ी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ बारां जिले के विभिन्न थानों में करीब एक दर्जन से अधिक एफआईआर दर्ज हुई हैं. इनमें से अधिकांश मामलों में एक समान या मिलते-जुलते आरोप लगाए गए हैं. इन एफआईआर में याचिकाकर्ता के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों से टेंडर प्रक्रिया अपनाने, आचार संहिता में टेंडर खुलवाने और अपने चहेतों को भूमि आवंटन जैसे आरोप लगाए गए हैं.

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ऐसे में इन सभी एफआईआर की जांच के लिए बारां और झालावाड जिले के अलावा अन्य स्थान पर तैनात आईपीएस अधिकारी को नियुक्त किया जाए, जिसका विरोध करते हुए शिकायतकर्ता की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता पर लगाए आरोप गंभीर किस्म के हैं. ऐसे में हर मामले की जांच अलग-अलग ही होनी चाहिए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने इस संबंध में लंबित सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ करना तय किया है.

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