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जल जीवन मिशन मामले में हाईकोर्ट ने ईडी को बनाया पक्षकार, तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के दिए आदेश - HC ON JAL JEEVAN MISSION CASE

जल जीवन मिशन मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने अब ईडी के पक्षकार बनाया है. साथ ही मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 13, 2024, 8:54 PM IST

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने जल जीवन मिशन मामले में लंबित जनहित याचिका में ईडी को पक्षकार बना लिया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश पब्लिक अगेंस्ट करप्शन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पीसी भंडारी की ओर से प्रार्थना पत्र पेश कर कहा कि प्रकरण हजारों करोड़ रुपए के घोटाले से जुड़ा है. वहीं सीबीआई जल जीवन मिशन से जुड़े सिर्फ दो प्रकरणों की जांच कर रही है. जबकि इसमें कई अन्य घोटाले भी हैं. कई मामलों में तो बिना काम किए ही भुगतान दिया गया है. वहीं कई मामलों में लोहे के पाइप के स्थान पर प्लास्टिक के पाइप लगाए गए हैं.

पढ़ें: जल जीवन मिशन घोटाले के आरोपी संजय बडाया को जमानत नहीं - Bail Denied to JJM Scam Accused

हाल ही में पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. ऐसे में मामले में ईडी को भी पक्षकार बनाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने ईडी को पक्षकार बनाते हुए तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है. जनहित याचिका में कहा कि श्रीगणपति ट्यूबवेल और श्रीश्याम कृपा ट्यूबवेल कंपनी ने फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र के जरिए जल जीवन मिशन में करीब 900 करोड़ रुपए का भुगतान लिया है. वहीं बाद में ये प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए. ऐसे में मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए.

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने जल जीवन मिशन मामले में लंबित जनहित याचिका में ईडी को पक्षकार बना लिया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश पब्लिक अगेंस्ट करप्शन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पीसी भंडारी की ओर से प्रार्थना पत्र पेश कर कहा कि प्रकरण हजारों करोड़ रुपए के घोटाले से जुड़ा है. वहीं सीबीआई जल जीवन मिशन से जुड़े सिर्फ दो प्रकरणों की जांच कर रही है. जबकि इसमें कई अन्य घोटाले भी हैं. कई मामलों में तो बिना काम किए ही भुगतान दिया गया है. वहीं कई मामलों में लोहे के पाइप के स्थान पर प्लास्टिक के पाइप लगाए गए हैं.

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हाल ही में पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. ऐसे में मामले में ईडी को भी पक्षकार बनाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने ईडी को पक्षकार बनाते हुए तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है. जनहित याचिका में कहा कि श्रीगणपति ट्यूबवेल और श्रीश्याम कृपा ट्यूबवेल कंपनी ने फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र के जरिए जल जीवन मिशन में करीब 900 करोड़ रुपए का भुगतान लिया है. वहीं बाद में ये प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए. ऐसे में मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए.

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