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हाईकोर्ट का सवाल; लखनऊ मॉडल जेल में कैदियों को भोजन देने की क्या है व्यवस्था, आश्रितों के सहयोग के लिए कोई योजना है - हाईकोर्ट का सवाल

Lucknow Model Jail: खंडपीठ ने वर्ष 1998 में मॉडल जेल से मिले एक कैदी के पत्र के आधार पर दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछे हैं. यह पत्र एक कैदी ने भेजा था.

Lucknow Model Jail
Lucknow Model Jail
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 7, 2024, 10:40 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार से पूछा है कि लखनऊ मॉडल जेल में बंद कैदियों के भोजन की क्या व्यवस्था है. इसके साथ ही न्यायालय ने यह भी जानकारी मांगी है कि अंडर ट्रायल व दोषसिद्ध कैदियों की कमाई पर निर्भर उनके परिवारों को सहयोग किए जाने की भी क्या कोई योजना है. मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी.

यह सवाल राज्य सरकार से न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने वर्ष 1998 में मॉडल जेल से मिले एक कैदी के पत्र के आधार पर दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछे हैं. यह पत्र इश्तियाक हसन खान नाम के कैदी ने भेजा था. न्यायालय ने राज्य सरकार के अधिवक्ता को निर्देश प्राप्त कर यह जानकारी भी देने को कहा है कि मॉडल जेल में कुल कितने विचाराधीन कैदी और कितने सजायाफता कैदी बंद हैं.

इसके साथ ही मॉडल जेल में पुरुष व महिला कैदियों की संख्या कितनी है. कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या किसी महिला कैदी के साथ कोई बच्चा भी रह रहा है. सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिए जाने की मांग की, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया. न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि अगली सुनवाई पर जेल प्रशासन के कार्यों का जानकार कोई अधिकारी भी कोर्ट के सहयोग के लिए सुनवाई के दौरान उपस्थित रहे.

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार से पूछा है कि लखनऊ मॉडल जेल में बंद कैदियों के भोजन की क्या व्यवस्था है. इसके साथ ही न्यायालय ने यह भी जानकारी मांगी है कि अंडर ट्रायल व दोषसिद्ध कैदियों की कमाई पर निर्भर उनके परिवारों को सहयोग किए जाने की भी क्या कोई योजना है. मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी.

यह सवाल राज्य सरकार से न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने वर्ष 1998 में मॉडल जेल से मिले एक कैदी के पत्र के आधार पर दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछे हैं. यह पत्र इश्तियाक हसन खान नाम के कैदी ने भेजा था. न्यायालय ने राज्य सरकार के अधिवक्ता को निर्देश प्राप्त कर यह जानकारी भी देने को कहा है कि मॉडल जेल में कुल कितने विचाराधीन कैदी और कितने सजायाफता कैदी बंद हैं.

इसके साथ ही मॉडल जेल में पुरुष व महिला कैदियों की संख्या कितनी है. कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या किसी महिला कैदी के साथ कोई बच्चा भी रह रहा है. सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिए जाने की मांग की, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया. न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि अगली सुनवाई पर जेल प्रशासन के कार्यों का जानकार कोई अधिकारी भी कोर्ट के सहयोग के लिए सुनवाई के दौरान उपस्थित रहे.

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