लखनऊ: अलीगंज के सुमित मिश्रा हत्याकांड मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई. इस मामले में एक अभियुक्त ललित कांत पांडेय के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद तामीला न हो पाने पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. न्यायालय ने पुलिस आयुक्त को एनबीडब्ल्यू का तामील सुनिश्चित कराने का आदेश दिया है. साथ न्यायालय ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 23 मई को करेंगी. साथ ही न्यायालय ने अपने आदेश के अनुपालन की जानकारी भी तलब की है.
बता दें कि यह आदेश न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की एकल पीठ ने मृतक सुमित मिश्रा की मां मनोरमा मिश्रा की याचिका पर पारित किया. याची की ओर से अधिवक्ता राजेश कुमार श्रीवास्तव ने दलील दी कि मनोरमा मिश्रा ने 17 जुलाई 2021 को थाना अलीगंज में मामले की एफआईआर दर्ज कराई थी. एफआईआर में कहा गया था कि वादिनी के बेटे सुमित मिश्रा ने मुख्य अभियुक्त आयुष पांडेय की बहन से प्रेम विवाह किया था, इस बात को लेकर आयुष पांडेय उसके बेटे से रंजिश रखता था.
आरोप है कि 16 जुलाई 2021 को रात्रि लगभग 11 बजे आयुष पांडेय के साथ सह-अभियुक्त आदेश सिंह उर्फ जीतू ने गुप्ता होटल नवीन गल्ला मंडी पर मृतक पर क्रिकेट बैट व डंडे से हमला कर दिया व उसे पीटा तथा कार में जबरन बैठा कर अपहरण कर ले गए. अभियुक्तों ने अपहरण करने के बाद मृतक को आदेश सिंह के मकान पर ले जाकर दोबारा बुरी तरह से मारा-पीटा, इलाज के दौरान सुमित मिश्रा की मृत्यु हो गई. कहा गया कि मामले में विवेचना के दौरान आयुष के पिता ललित कांत पांडेय का नाम भी सामने आया व पुलिस ने उसके खिलाफ पहले शपथ पत्र दाखिल किया, जिस पर संज्ञान लेते हुए, निचली अदालत ने उसे तलब किया, लेकिन वह कोर्ट के समक्ष हाजिर नहीं हो रहा है.
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