प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी अलीगढ़ से पूछा है कि गलत वेतन निर्धारण से अधिक भुगतान की सेवानिवृत्ति परिलाभ से कटौती का उनका आदेश क्यों न रद्द कर दिया जाए और कटौती की गई राशि वापस कराई जाए. साथ ही शफीक मसीह केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आदेश के लिए उनपर क्यों न हर्जाना लगाया जाए.
यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने रिटायर डिप्टी एसपी रामदास व सिराजुद्दीन की याचिका पर अधिवक्ता इरफान अहमद मलिक को सुनकर दिया है. याचिका में अधिक भुगतान की कटौती के एसएसपी के आदेश की वैधता को चुनौती दी गई है. दोनों याची 31 जुलाई 2023 को रिटायर हुए थे. इसके बाद रामदास व सिराजुद्दीन के सेवानिवृत्ति परिलाभ से क्रमशः 412096 रुपये व 159331 रुपये की कटौती कर ली गई थी. याचिका में कहा गया कि उन्हें सुनवाई का मौका भी नहीं दिया गया. अधिवक्ता इरफान अहमद मलिक ने हाईकोर्ट में दलील दी कि एसएसपी का यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले का खुला उल्लंघन है, इसलिए इसे निरस्त कर कटौती राशि वापस कराई जाए. इस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए अलीगढ़ के एसएसपी से जवाब मांगा है.