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हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा- कैसे आकलन करते हैं कि कितने सरकारी वकीलों की नियुक्ति करनी है? - High Court Lawyer Appointment - HIGH COURT LAWYER APPOINTMENT

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच वकीलों से जुड़े मामले में एक के बाद एक करके टिप्पणी कर रही है. वकीलों के बीमा के बाद अब बेंच ने नियुक्ति को लेकर भी जवाब मांगा है.

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. (PHOTO Credit; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 2, 2024, 1:46 PM IST

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार से पूछा है कि वह किस आधार पर तय करती है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट और इसकी लखनऊ खंडपीठ में कितने सरकारी वकीलों की नियुक्ति करनी है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजन राय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने महेंद्र सिंह पवार व अन्य की ओर से अलग-अलग दाखिल जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान पारित किया.

सरकार ने कोर्ट में हलफनामा पेश कर बताया था कि मुकदमों की बढ़ती संख्या के अनुरूप सरकारी वकीलों की तैनाती की जाती है. हालांकि न्यायालय हलफनामे से संतुष्ट नहीं हुई. सरकार से नया हलफनामा मांगा है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए जुलाई का दूसरा सप्ताह निर्धारित किया है. सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सरकार का पक्ष रखा और कहा कि सरकार अपनी आवश्यक्ताओं के अनुरूप ही सरकारी वकीलों की नियुक्ति करती है.

इससे पूर्व लखनऊ बेंच ने वकीलों की बीमा को लेकर भी आदेश जारी किए थे. राज्य सरकार से पूछा था कि हाईकोर्ट के सरकारी वकीलों के लिए बीमा की सुविधा है या नहीं. हादसा होने पर वकीलों को मदद कैसे पहुंचाई जा सकती है. इस पर सरकार ने ऐसी किसी योजना से इंकार किया था. न्यायालय ने बीमा योजना पर विचार करने की बात कहते हुए चार सप्ताह में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था.

यह भी पढ़ें : क्या कम वोटिंग पीएम मोदी के रिकॉर्ड जीत में बनेगी बाधक, किस वजह से घर से नहीं निकले मतदाता?, पढ़िए डिटेल

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार से पूछा है कि वह किस आधार पर तय करती है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट और इसकी लखनऊ खंडपीठ में कितने सरकारी वकीलों की नियुक्ति करनी है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजन राय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने महेंद्र सिंह पवार व अन्य की ओर से अलग-अलग दाखिल जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान पारित किया.

सरकार ने कोर्ट में हलफनामा पेश कर बताया था कि मुकदमों की बढ़ती संख्या के अनुरूप सरकारी वकीलों की तैनाती की जाती है. हालांकि न्यायालय हलफनामे से संतुष्ट नहीं हुई. सरकार से नया हलफनामा मांगा है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए जुलाई का दूसरा सप्ताह निर्धारित किया है. सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सरकार का पक्ष रखा और कहा कि सरकार अपनी आवश्यक्ताओं के अनुरूप ही सरकारी वकीलों की नियुक्ति करती है.

इससे पूर्व लखनऊ बेंच ने वकीलों की बीमा को लेकर भी आदेश जारी किए थे. राज्य सरकार से पूछा था कि हाईकोर्ट के सरकारी वकीलों के लिए बीमा की सुविधा है या नहीं. हादसा होने पर वकीलों को मदद कैसे पहुंचाई जा सकती है. इस पर सरकार ने ऐसी किसी योजना से इंकार किया था. न्यायालय ने बीमा योजना पर विचार करने की बात कहते हुए चार सप्ताह में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था.

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