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राम मंदिर में हाईटेक सुरक्षा इंतजाम; गर्भगृह के पीछे लगेगी टाइटेनियम की जाली, शिखर पर लगेंगे 28 कॉपर के रॉड और एविएशन सेफ्टी लाइट - HITECH SECURITY IN RAM TEMPLE

राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक, जून 2025 तक मंदिर परिसर में निर्माण कार्य पूरा करने का टारगेट

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राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 29, 2024, 9:49 PM IST

अयोध्या: राम मंदिर की सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम भी किए जा रहे हैं. राम मंदिर को आकाशीय बिजली से बचाने के लिए 28 कॉपर के रॉड लगाए जाएंगे. आकाशीय बिजली गिरने के हालात में राम मंदिर से शिखर से 28 कॉपर के तार बाहर निकलेंगे और मंदिर को पूरी तरह से कवर कर लेंगे. इससे मंदिर आपदा से बचा रहेगा.

वहीं ऊंचे भवनों के ऊपर विमान को दिखने के लिए लाल रंग की लाइट लगाई जाती है, जिससे पायलट का उस पर ध्यान जाए और वो इमारत से दूर रहे. ऐसी ही लाइट राम मंदिर के शिखर पर ही लगाए जाएंगे ताकी कोई प्लेन राम मंदिर के ऊपर से गुजरेगा, तो उसे लाइट दिखेगा, जिससे विमान राम मंदिर के नजदीक नहीं आएगा.

राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे निर्माण का कार्य जून 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके साथ ही 70 एकड़ के परिसर में 30 एकड़ पर निर्माण और 40 एकड़ को प्राकृतिक हरियाली के रूप में विकसित करने की योजना है. सभी निर्माण कार्य तेज गति से किया जा रहा है. मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक के दूसरे दिन नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में संपन्न हुई.

राम मंदिर निर्माण कार्य की जानकारी देते हुए बताया गया कि साल 2025 में किस प्रकार से कार्य पूरा होने वाला है. समीक्षा बैठक में ये जानकारी दी गई है कि जून 2025 तक परकोटा और शू रैक को छोड़ कर सभी कार्य पूर्ण कर लिए जायेंगे और ये दोनों कार्य सितम्बर तक पूरा होगा. परकोटा और मंदिर के लोवर प्लींथ पर रामकथा और श्रीराम के म्यूरल लगने हैं. मंदिर के लोवर प्लींथ में लगभग 85 म्यूरल बनाये जाने है.

मंदिर के ग्राउंड फ्लोर और प्रथम तल और द्वितीय तल पर गर्भगृह के पीछे के हिस्से में विशेष टाइटेनियम धातू से जालियों का निर्माण किया जा रहा है. निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि जो बड़ी बड़ी पनडुब्बियों में टाइटेनियम का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे लगभग 30 की संख्या में जालियों का निर्माण कराया जा रहा है. इसे रक्षामंत्रालय की देखरेख में एक कंपनी से निर्माण कराया जा रहा है.

निर्माण समिति के समीक्षा बैठक से पहले निरीक्षण में मंदिर के रैंप मार्ग पर क्रेक होने की घटना सामने आई है. जिस पर समीक्षा बैठक में मंथन किया गया. कुछ निर्माण कार्य में तकनीकी दृष्टि से और अधिक समीक्षा करनी पड़ी, जिसमें मंदिर परिसर में व्हीलचेयर से जाने वाले बुजुर्ग और विशेष परिस्थितियों में प्रयोग किए जाने वाले रैंप मार्ग में जो पत्थर लगाए गए थे उसमें कुछ स्थानों पर क्रैक आये हैं. इसलिए अब उन पत्थर को हटाकर नए हैवी मार्बल को लगाए जाएंगे.

यह भी पढ़ें : अयोध्या राम मंदिर; जून तक बन जाएगा शिखर, 11 लेयर तैयार, आचार्यों के नामों से जाने जाएंगे परिसर के 4 मुख्य द्वार

अयोध्या: राम मंदिर की सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम भी किए जा रहे हैं. राम मंदिर को आकाशीय बिजली से बचाने के लिए 28 कॉपर के रॉड लगाए जाएंगे. आकाशीय बिजली गिरने के हालात में राम मंदिर से शिखर से 28 कॉपर के तार बाहर निकलेंगे और मंदिर को पूरी तरह से कवर कर लेंगे. इससे मंदिर आपदा से बचा रहेगा.

वहीं ऊंचे भवनों के ऊपर विमान को दिखने के लिए लाल रंग की लाइट लगाई जाती है, जिससे पायलट का उस पर ध्यान जाए और वो इमारत से दूर रहे. ऐसी ही लाइट राम मंदिर के शिखर पर ही लगाए जाएंगे ताकी कोई प्लेन राम मंदिर के ऊपर से गुजरेगा, तो उसे लाइट दिखेगा, जिससे विमान राम मंदिर के नजदीक नहीं आएगा.

राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे निर्माण का कार्य जून 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके साथ ही 70 एकड़ के परिसर में 30 एकड़ पर निर्माण और 40 एकड़ को प्राकृतिक हरियाली के रूप में विकसित करने की योजना है. सभी निर्माण कार्य तेज गति से किया जा रहा है. मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक के दूसरे दिन नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में संपन्न हुई.

राम मंदिर निर्माण कार्य की जानकारी देते हुए बताया गया कि साल 2025 में किस प्रकार से कार्य पूरा होने वाला है. समीक्षा बैठक में ये जानकारी दी गई है कि जून 2025 तक परकोटा और शू रैक को छोड़ कर सभी कार्य पूर्ण कर लिए जायेंगे और ये दोनों कार्य सितम्बर तक पूरा होगा. परकोटा और मंदिर के लोवर प्लींथ पर रामकथा और श्रीराम के म्यूरल लगने हैं. मंदिर के लोवर प्लींथ में लगभग 85 म्यूरल बनाये जाने है.

मंदिर के ग्राउंड फ्लोर और प्रथम तल और द्वितीय तल पर गर्भगृह के पीछे के हिस्से में विशेष टाइटेनियम धातू से जालियों का निर्माण किया जा रहा है. निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि जो बड़ी बड़ी पनडुब्बियों में टाइटेनियम का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे लगभग 30 की संख्या में जालियों का निर्माण कराया जा रहा है. इसे रक्षामंत्रालय की देखरेख में एक कंपनी से निर्माण कराया जा रहा है.

निर्माण समिति के समीक्षा बैठक से पहले निरीक्षण में मंदिर के रैंप मार्ग पर क्रेक होने की घटना सामने आई है. जिस पर समीक्षा बैठक में मंथन किया गया. कुछ निर्माण कार्य में तकनीकी दृष्टि से और अधिक समीक्षा करनी पड़ी, जिसमें मंदिर परिसर में व्हीलचेयर से जाने वाले बुजुर्ग और विशेष परिस्थितियों में प्रयोग किए जाने वाले रैंप मार्ग में जो पत्थर लगाए गए थे उसमें कुछ स्थानों पर क्रैक आये हैं. इसलिए अब उन पत्थर को हटाकर नए हैवी मार्बल को लगाए जाएंगे.

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