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लातेहार के इस गांव के लोग 5 किलोमीटर दूर जाकर डालते हैं वोट, मुश्किलों के बावजूद मतदान के लिए ग्रामीण रहते हैं उत्साहित - Hesalbar village polling booth

Hesalbar village of Latehar. लातेहार के हेसलबार गांव के लोग वोट डालने के लिए 5 किलोमीटर दूर स्थित मतदान केंद्र पर जाते हैं. इतनी दूरी तय करने के बावजूद उनका उत्साह कम नहीं होता और वे अनिवार्य रूप से वोट डालते हैं.

Hesalbar village of Latehar
Hesalbar village of Latehar
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 6, 2024, 8:53 AM IST

5 किलोमीटर दूर जाकर ग्रामीण डालते हैं वोट

लातेहार: मतदाताओं को जागरूक करने के लिए सरकार की ओर से कई तरह के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. इसके बाद भी कई लोग वोट देने नहीं जाते. लेकिन लातेहार का हेसलबार एक ऐसा गांव है, जहां ग्रामीण वोटिंग को लेकर काफी उत्साहित हैं. यहां के ग्रामीण गांव से 5 किलोमीटर दूर स्थित पोलिंग बूथ पर जाकर वोट डालते हैं.

दरअसल, लातेहार सदर प्रखंड के सासंग पंचायत स्थित हेसलबार गांव प्रखंड मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. अत्यंत सुदूरवर्ती गांव होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से यहां मतदान केंद्र बनाना काफी कठिन है. इसी वजह से गांव से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सासंग गांव में एक पोलिंग बूथ बनाया गया है, जहां यहां के मतदाताओं को आकर मतदान करना होता है.

सबसे अच्छी बात यह है कि मतदान केंद्र दूर होने के बावजूद यहां के मतदाता मतदान को लेकर काफी उत्साहित रहते हैं. गांव से मतदान केंद्र तक जाने के लिए उन्हें दो नदियों को पार करना पड़ता है. सड़क की हालत भी काफी खराब है. इस कारण लोग पैदल या मोटरसाइकिल से वोट देने जाते हैं.

अत्यंत जरूरी है मतदान

स्थानीय मतदाता रामदयाल सिंह कहते हैं कि मतदान सभी मतदाताओं के लिए महत्वपूर्ण है. इसलिए मतदान अवश्य करना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनके गांव के लोगों को वोट देने के लिए 5 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. इसके बाद भी गांव के अधिकांश मतदाता अनिवार्य रूप से वोट डालते हैं.

इधर, ग्रामीण नंदकिशोर सिंह का कहना है कि मतदान केंद्र तक पहुंचने में ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. गांव से मतदान केंद्र तक सड़क की स्थिति काफी खराब है. बीच में दो नदियां भी हैं, जिन पर कोई पुल नहीं है. इसके बाद भी मतदाता पूरे उत्साह के साथ वोट डालने जाते हैं. अगर सड़क बन जाये और नदी पर पुल बन जाये तो यहां के ग्रामीणों को काफी सुविधा मिलेगी.

स्थानीय ग्रामीण कामिल तिरु कहते हैं कि चुनाव से पहले नेता और उनके कार्यकर्ता गांव आते हैं और ग्रामीणों को आश्वासन देते हैं कि नदियों पर पुल बनाया जाएगा और सड़कें भी अच्छी बनाई जाएंगी, लेकिन मतदान खत्म होते ही नेता अपने वादे भूल जाते हैं. इसके बाद भी गांव के 80 फीसदी से ज्यादा मतदाता वोट देने के लिए 5 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं.

गांव में रहते हैं आदिवासी समुदाय के लोग

हेसलबार गांव में अधिकतर आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं. गांव की कुल आबादी करीब 250 है. सुविधा के नाम पर गांव में बिजली और पानी की व्यवस्था की गयी है. लेकिन सड़क की हालत बेहद खराब है.

गांव तक पहुंचने के लिए दो नदियां हैं. जिस पर पुलों का निर्माण नहीं कराया गया है. गर्मी के दिनों में ग्रामीण किसी तरह गांव से प्रखंड मुख्यालय तक का सफर तय करते हैं. लेकिन बरसात के मौसम में जब नदियों में बाढ़ आ जाती है तो ग्रामीण अपने गांवों तक ही सीमित हो जाते हैं.

सदर प्रखंड का हेसलबार गांव ग्रामीण समाज के लिए एक मिसाल है. कई समस्याओं का सामना करने के बावजूद यहां के ग्रामीण अनिवार्य रूप से वोट देने जाते हैं. सरकार और प्रशासन को भी चाहिए कि ऐसे गांवों के लोगों तक सरकारी सुविधाएं मुहैया कराए.

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5 किलोमीटर दूर जाकर ग्रामीण डालते हैं वोट

लातेहार: मतदाताओं को जागरूक करने के लिए सरकार की ओर से कई तरह के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. इसके बाद भी कई लोग वोट देने नहीं जाते. लेकिन लातेहार का हेसलबार एक ऐसा गांव है, जहां ग्रामीण वोटिंग को लेकर काफी उत्साहित हैं. यहां के ग्रामीण गांव से 5 किलोमीटर दूर स्थित पोलिंग बूथ पर जाकर वोट डालते हैं.

दरअसल, लातेहार सदर प्रखंड के सासंग पंचायत स्थित हेसलबार गांव प्रखंड मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. अत्यंत सुदूरवर्ती गांव होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से यहां मतदान केंद्र बनाना काफी कठिन है. इसी वजह से गांव से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सासंग गांव में एक पोलिंग बूथ बनाया गया है, जहां यहां के मतदाताओं को आकर मतदान करना होता है.

सबसे अच्छी बात यह है कि मतदान केंद्र दूर होने के बावजूद यहां के मतदाता मतदान को लेकर काफी उत्साहित रहते हैं. गांव से मतदान केंद्र तक जाने के लिए उन्हें दो नदियों को पार करना पड़ता है. सड़क की हालत भी काफी खराब है. इस कारण लोग पैदल या मोटरसाइकिल से वोट देने जाते हैं.

अत्यंत जरूरी है मतदान

स्थानीय मतदाता रामदयाल सिंह कहते हैं कि मतदान सभी मतदाताओं के लिए महत्वपूर्ण है. इसलिए मतदान अवश्य करना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनके गांव के लोगों को वोट देने के लिए 5 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. इसके बाद भी गांव के अधिकांश मतदाता अनिवार्य रूप से वोट डालते हैं.

इधर, ग्रामीण नंदकिशोर सिंह का कहना है कि मतदान केंद्र तक पहुंचने में ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. गांव से मतदान केंद्र तक सड़क की स्थिति काफी खराब है. बीच में दो नदियां भी हैं, जिन पर कोई पुल नहीं है. इसके बाद भी मतदाता पूरे उत्साह के साथ वोट डालने जाते हैं. अगर सड़क बन जाये और नदी पर पुल बन जाये तो यहां के ग्रामीणों को काफी सुविधा मिलेगी.

स्थानीय ग्रामीण कामिल तिरु कहते हैं कि चुनाव से पहले नेता और उनके कार्यकर्ता गांव आते हैं और ग्रामीणों को आश्वासन देते हैं कि नदियों पर पुल बनाया जाएगा और सड़कें भी अच्छी बनाई जाएंगी, लेकिन मतदान खत्म होते ही नेता अपने वादे भूल जाते हैं. इसके बाद भी गांव के 80 फीसदी से ज्यादा मतदाता वोट देने के लिए 5 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं.

गांव में रहते हैं आदिवासी समुदाय के लोग

हेसलबार गांव में अधिकतर आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं. गांव की कुल आबादी करीब 250 है. सुविधा के नाम पर गांव में बिजली और पानी की व्यवस्था की गयी है. लेकिन सड़क की हालत बेहद खराब है.

गांव तक पहुंचने के लिए दो नदियां हैं. जिस पर पुलों का निर्माण नहीं कराया गया है. गर्मी के दिनों में ग्रामीण किसी तरह गांव से प्रखंड मुख्यालय तक का सफर तय करते हैं. लेकिन बरसात के मौसम में जब नदियों में बाढ़ आ जाती है तो ग्रामीण अपने गांवों तक ही सीमित हो जाते हैं.

सदर प्रखंड का हेसलबार गांव ग्रामीण समाज के लिए एक मिसाल है. कई समस्याओं का सामना करने के बावजूद यहां के ग्रामीण अनिवार्य रूप से वोट देने जाते हैं. सरकार और प्रशासन को भी चाहिए कि ऐसे गांवों के लोगों तक सरकारी सुविधाएं मुहैया कराए.

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