जयपुर : हेरिटेज नगर निगम की बोर्ड मीटिंग में शुक्रवार को सिर्फ एक ही पक्ष नजर आया. यहां सर्वसम्मति से मीटिंग में लिए गए सभी 13 एजेंडे पास हुए. खास बात यह है, जो कांग्रेस अब तक पक्ष में बैठा करती थी, आठ पार्षदों के भाजपा को समर्थन करने के बाद विपक्ष में बैठी दिखी. हालांकि, कार्यवाहक महापौर कुसुम यादव को सदन चलाने में एक पल भी विरोध का सामना नहीं करना पड़ा. मीटिंग में डिस्पेंसरी संख्या 4 से एनबीसी तक जाने वाले मार्ग का नाम हरिपुरा मार्ग, जनाना अस्पताल का नाम यशोदा अस्पताल, चांदपोल सर्किल का नाम महर्षि वाल्मीकि सर्किल किया गया. वहीं, सर्वसम्मति से एसीबी में दर्ज प्रकरणों में अभियोजन स्वीकृति प्रस्ताव को डेफर कर दिया गया.
मुनेश गुर्जर के निलंबन के बाद कार्यवाहक महापौर बनी कुसुम यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को हेरिटेज नगर निगम की तीसरी बोर्ड बैठक आयोजित हुई. इसमें निगम मुख्यालय में सफाईकर्मियों के लिए डिस्पेंसरी और दवाई के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने, दीपावली को देखते हुए प्रत्येक वार्ड में 10-10 अस्थायी सफाईकर्मी लगाने और सभी 100 वार्डों में 5-5 अकुशल श्रमिक लगाने, ई- रिक्शा का रंग, डिजायन और वाहन चालक के डेस कोड को दुरुस्त करने, निगम स्कूलों की इमारतों जीर्णोद्धार, मार्ग, भवन और चौराहों का नामकरण किया गया.
इसे भी पढ़ें - हेरिटेज क्षेत्र में ई रिक्शों को लेकर लाई जाएगी गाइडलाइन, बदला जाएगा चांदपोल सर्किल का नाम
महापौर कुसुम यादव ने बताया कि बोर्ड मीटिंग में 13 एजेंडे रखे गए थे. सभी बहुमत से पास हो गए. सभी पार्षद जयपुर की जनता और जयपुर के विकास को लेकर एक मत दिखे. हालांकि, सर्वसम्मति से एसीबी में दर्ज अपराधिक प्रकरणों के अंतर्गत अभियोजन स्वीकृति का जो प्रस्ताव था, उसे डेफर किया गया, क्योंकि उन पर अब तक जांच पूरी नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि इस मामले में समिति बनाई जाएगी और यदि समिति की जांच में कोई दोषी पाया जाता है तो अगली मीटिंग में वो एजेंडा वापस लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल जांच अधूरी है और कुछ व्यक्तियों को निर्दोष भी बताया जा रहा है.
इसके साथ ही मीटिंग में पांच बत्ती से सिंहद्वार जाने वाले मार्ग का नाम लीलावती मार्ग, डिस्पेंसरी संख्या 4 से एनबीसी तक जाने वाले मार्ग का नाम हरिपुरा मार्ग, जनाना अस्पताल का नाम यशोदा अस्पताल, चांदपोल सर्किल का नाम महर्षि वाल्मीकि सर्किल और परमानंद पार्क में स्थित भवन का नाम श्री गुलाब चंद नावरिया भवन किया गया. उन्होंने बताया कि मीटिंग के दौरान कुछ पार्षदों ने अधिकारियों पर अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उसकी जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही बस्सी सीतारामपुरा के पट्टों पर सवाल उठाए गए और उसकी जांच करने के लिए टीम का गठन किया जाएगा और अगर कोई अनियमितता पाई जाती है तो वो पट्टे भी निरस्त किए जाएंगे. इस दौरान मोक्षधाम के बिगड़े हुए हालातों पर भी चिंता व्यक्त की गई.
इसे भी पढ़ें - 25 अक्टूबर को होगी हेरिटेज निगम की बोर्ड बैठक, डिप्टी मेयर के खिलाफ लाया जा सकता है अविश्वास प्रस्ताव
वहीं, मेयर ने समितियों के गठन का अधिकार बोर्ड के पास नहीं होने की बात कहते हुए स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ही समितियों का गठन करेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस की भ्रष्टाचारी सरकार अब गई है. उनकी मेयर पर भ्रष्टाचार के आरोप थे. धीरे-धीरे सब कुछ बदल रहा है अधिकारियों का रवैया भी जल्द बदलेगा. इससे पहले उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यहां बीजेपी की महापौर बनी हुई है. कांग्रेस और एक निर्दलीय सहित 8 पार्षद बीजेपी के खेमे में शामिल हो चुके हैं. तो स्वत: कांग्रेस का बोर्ड भंग हो चुका है और बीजेपी का बोर्ड बन चुका है. हालांकि टी टाइम के बाद कांग्रेस के पार्षदों ने यहां लगे पक्ष और विपक्ष पार्षदों के बॉर्डर पर आपत्ति जताई, उसके बाद इन्हें हटा दिया गया.
इससे पहले कार्रवाई में शामिल हुईं जयपुर शहर संसद मंजू शर्मा ने शहर में साइनेज पर लगने वाले होर्डिंग- बैनर पर आपत्ति जताई. वहीं विधायक गोपाल शर्मा ने शहर में संचालित ई-रिक्शा चालकों को निगम के पार्षदों की मंजूरी के साथ टोकन देने की वकालत की. ताकि अवैध ई रिक्शा पर नकेल कसी जा सके.