ETV Bharat / state

Rajasthan: त्योहार पर रखें सेहत का ख्याल, दीपावली पर घर बैठे पहचानें मावे, पनीर और दूध में मिलावट

दीपावली के मौके पर दूध, मावा और पनीर का इस्तेमाल करने से पहले इस तरह जांच लें कि ये मिलावटी तो नहीं है.

दीपावली पर घर बैठे पहचानें मिलावट
दीपावली पर घर बैठे पहचानें मिलावट (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 28, 2024, 1:08 PM IST

जयपुर : प्रदेश में खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से मिलावट को लेकर लगातार अभियान चल रहा है. अब तक बड़ी मात्रा में मिलावटी पनीर, मसाले, दूध और मिठाइयां खाद्य सुरक्षा विभाग ने सीज की हैं. मिलावट को लेकर विभाग आमजन को भी लगातार सतर्क कर रहा है, ताकि इस त्योहारी सीजन में लोगों को मिलावट रहित खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो सके. मावा, पनीर, दूध और मिठाइयों में मिलावट कर मिलावटखोर आपके स्वास्थ्य को नुकसान न पहुंचा सकें. आप खुद घर बैठे इनमें मिलावट की जांच कर सकते हैं. फूड एनालिस्ट शुचिता अग्रवाल का कहना है कि एक साधारण से प्रयोग से आप घर बैठे मिलावट की जांच आसानी से कर सकते हैं.

इन वस्तुओं की होती है मिलावट : आमतौर पर बाजार में मिलने वाले दूध, पनीर और मावे में विभिन्न हानिकारक पदार्थ मिलाए जाते हैं. इनमें सोप स्टोन, नुकसान देने वाले रंग, सेकरीन एल्यूमीनियम का वर्क आदि शामिल है, जो स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचाते हैं.

दूध में मिलावट की जांच : दूध में टिन्चर आयोडिन की कुछ बूंदें डालिए. दूध में यदि मिलावट की गई है तो दूध का रंग गहरा नीला या काला हो जाएगा, वहीं शुद्ध दूध का रंग कॉफी जैसा होगा.

पढ़ें. कहीं आपका घी भी मिलवटी तो नहीं? घर बैठे ऐसे करें शुद्धता की पहचान - UTILITY NEWS

मावे में मिलावट की जांच : मावे में कुछ बूंदे टिंचर आयोडीन की मिलाएं. यदि मावे का रंग गहरा भूरा हो जाता है तो मावे में मिलावट नहीं है. यदि मावे का रंग गहरा नीला हो जाता है तो इसमें मिलावट है.

देसी घी में मिलावट की जांच : एक परखनली में बराबर मात्रा में घी और सान्द्र हाइड्रो क्लोरिक एसिड डालें. उसमें दो-तीन बूंद फरफ्यूराल सोल्यूशन या चीनी के कुछ दानों को तवे पर गर्म करके डालकर हिलाएं. एसिड लेयर में पिंक कलर आता है तो यह घी मिलावटी है.

सरसों के तेल में मिलावट की जांच : सरसों का तेल एक परखनली में लेकर बराबर मात्रा में सान्द्र नाइट्रिक एसिड डालकर हिलाएं. एसिड लेयर में गुलाबी रंग दिखाई देता है तो तेल में आर्जीमोन ऑयल की मिलावट है.

बेसन में मिलावट की जांच : एक परखनली में बेसन को पानी में घोलकर उसमें सान्द्र हाइड्रोक्लोरिक एसिड की तीन चार बूंद डालकर गरम करें. यदि हल्का गुलाबी रंग आता है जो बाद में लाइट बैंगनी कलर में बदल जाता है तो बेसन मिलावटी है, ध्यान रहे शुद्ध बेसन रंग नहीं बदलता है.

पढ़ें. जयपुर में नकली घी बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा, 954 लीटर नकली घी सीज

केसर में मिलावट की जांच : शुद्ध केसर पानी में शीघ्र घुल जाती है जबकि नकली नहीं. वहीं, केसर यदि असली है तो आसानी से नहीं टूटती है, जबकि नकली टूट जाती है.

चांदी का वर्क में मिलावट की जांच : चांदी के वर्क का उपयोग मिठाइयों को सजाने के लिए बहुत ज्यादा किया जाता है. इसकी शुद्धता की जांच के लिए एक आसान प्रयोग है शुद्ध चांदी का वर्क जलाने पर आसानी से जल जाता, जबकि मिलावटी नहीं.

मिलावटी खाद्य पदार्थों के प्रयोग से होने वाले नुकसान-

  1. शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी हो जाती है.
  2. पौष्टिक तत्वों की कमी के चलते थकान, कमजोरी, दुर्बलता की शिकायत हो सकती है.
  3. पौष्टिक तत्वों की कमी से कई बीमारियां एवं संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
  4. पौष्टिक तत्वों की कमी वाले मिलावटी खाद्य पदार्थ गर्भवती महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों के लिए सबसे अधिक हानिकारक होते हैं.
  5. मिलावटी भोजन बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में भी बाधक होता है.
  6. मिलावटी खाद्य पदार्थों के साथ ही बासी, तैलीय, पुरानी, कीड़े लगी और सड़ चुकी खाद्य सामग्री से भी नुकसान होता है.

जयपुर : प्रदेश में खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से मिलावट को लेकर लगातार अभियान चल रहा है. अब तक बड़ी मात्रा में मिलावटी पनीर, मसाले, दूध और मिठाइयां खाद्य सुरक्षा विभाग ने सीज की हैं. मिलावट को लेकर विभाग आमजन को भी लगातार सतर्क कर रहा है, ताकि इस त्योहारी सीजन में लोगों को मिलावट रहित खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो सके. मावा, पनीर, दूध और मिठाइयों में मिलावट कर मिलावटखोर आपके स्वास्थ्य को नुकसान न पहुंचा सकें. आप खुद घर बैठे इनमें मिलावट की जांच कर सकते हैं. फूड एनालिस्ट शुचिता अग्रवाल का कहना है कि एक साधारण से प्रयोग से आप घर बैठे मिलावट की जांच आसानी से कर सकते हैं.

इन वस्तुओं की होती है मिलावट : आमतौर पर बाजार में मिलने वाले दूध, पनीर और मावे में विभिन्न हानिकारक पदार्थ मिलाए जाते हैं. इनमें सोप स्टोन, नुकसान देने वाले रंग, सेकरीन एल्यूमीनियम का वर्क आदि शामिल है, जो स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचाते हैं.

दूध में मिलावट की जांच : दूध में टिन्चर आयोडिन की कुछ बूंदें डालिए. दूध में यदि मिलावट की गई है तो दूध का रंग गहरा नीला या काला हो जाएगा, वहीं शुद्ध दूध का रंग कॉफी जैसा होगा.

पढ़ें. कहीं आपका घी भी मिलवटी तो नहीं? घर बैठे ऐसे करें शुद्धता की पहचान - UTILITY NEWS

मावे में मिलावट की जांच : मावे में कुछ बूंदे टिंचर आयोडीन की मिलाएं. यदि मावे का रंग गहरा भूरा हो जाता है तो मावे में मिलावट नहीं है. यदि मावे का रंग गहरा नीला हो जाता है तो इसमें मिलावट है.

देसी घी में मिलावट की जांच : एक परखनली में बराबर मात्रा में घी और सान्द्र हाइड्रो क्लोरिक एसिड डालें. उसमें दो-तीन बूंद फरफ्यूराल सोल्यूशन या चीनी के कुछ दानों को तवे पर गर्म करके डालकर हिलाएं. एसिड लेयर में पिंक कलर आता है तो यह घी मिलावटी है.

सरसों के तेल में मिलावट की जांच : सरसों का तेल एक परखनली में लेकर बराबर मात्रा में सान्द्र नाइट्रिक एसिड डालकर हिलाएं. एसिड लेयर में गुलाबी रंग दिखाई देता है तो तेल में आर्जीमोन ऑयल की मिलावट है.

बेसन में मिलावट की जांच : एक परखनली में बेसन को पानी में घोलकर उसमें सान्द्र हाइड्रोक्लोरिक एसिड की तीन चार बूंद डालकर गरम करें. यदि हल्का गुलाबी रंग आता है जो बाद में लाइट बैंगनी कलर में बदल जाता है तो बेसन मिलावटी है, ध्यान रहे शुद्ध बेसन रंग नहीं बदलता है.

पढ़ें. जयपुर में नकली घी बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा, 954 लीटर नकली घी सीज

केसर में मिलावट की जांच : शुद्ध केसर पानी में शीघ्र घुल जाती है जबकि नकली नहीं. वहीं, केसर यदि असली है तो आसानी से नहीं टूटती है, जबकि नकली टूट जाती है.

चांदी का वर्क में मिलावट की जांच : चांदी के वर्क का उपयोग मिठाइयों को सजाने के लिए बहुत ज्यादा किया जाता है. इसकी शुद्धता की जांच के लिए एक आसान प्रयोग है शुद्ध चांदी का वर्क जलाने पर आसानी से जल जाता, जबकि मिलावटी नहीं.

मिलावटी खाद्य पदार्थों के प्रयोग से होने वाले नुकसान-

  1. शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी हो जाती है.
  2. पौष्टिक तत्वों की कमी के चलते थकान, कमजोरी, दुर्बलता की शिकायत हो सकती है.
  3. पौष्टिक तत्वों की कमी से कई बीमारियां एवं संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
  4. पौष्टिक तत्वों की कमी वाले मिलावटी खाद्य पदार्थ गर्भवती महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों के लिए सबसे अधिक हानिकारक होते हैं.
  5. मिलावटी भोजन बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में भी बाधक होता है.
  6. मिलावटी खाद्य पदार्थों के साथ ही बासी, तैलीय, पुरानी, कीड़े लगी और सड़ चुकी खाद्य सामग्री से भी नुकसान होता है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.