गया: बिहार के गया में अस्पताल में हर्बल गार्डन लगाने की पहल की गई है. हर्बल गार्डन लगाए जाने का मकसद जरूरत के अनुसार इसका मेडिसिनल यूज करना है. मरीजों की स्थिति को देखते हुए अंग्रेजी दवा के साथ-साथ हर्बल गार्डन के औषधीय पौधों का उपयोग भी किया जाएगा. हर्बल प्लांट के कई ऐसे पौधे हैं, जो काफी लाभदायक हैं, कई बीमारियों में इसका इस्तेमाल किया जाता है. वहीं इससे इनफेक्शन भी कंट्रोल रहता है.
गया के इन अस्पतालों में हर्बल गार्डन: जयप्रकाश नारायण अस्पताल में हर्बल गार्डन लगाया गया है. हर्बल गार्डन गया के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बनाए जाने की योजना है. यहां सिविल सर्जन रंजन कुमार सिंह की पहल से ऐसा संभव पाया है. मरीजों को हर्बल गार्डन के औषधीय पौधों के महत्व को बताया जाएगा, वहीं अंग्रेजी दवा के साथ-साथ इसकी मेडिसिनल यूज को लेकर भी जागरूक किया जाएगा. फिलहाल गया के जयप्रकाश नारायण अस्पताल, बोधगया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्रभावती अस्पताल समेत अस्पतालों में हर्बल गार्डन लगाए गए हैं.
हर्बल गार्डन में हैं ये औषधीय पौधे: पहले अंग्रेजी दवा के आगे औषधीय पौधों के उपयोग और फायदों को कम आंंका जाता था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है. अंग्रेजी दवा के साथ-साथ हर्बल गार्डन के औषधीय पौधों का भी उपयोग मरीज करें इसकी तैयारी की जा रही है. फिलहाल हर्बल गार्डन में एलोवेरा, गिलोय, तुलसी, करी पत्ता, सदाबहार, पत्थरचट्टा, नींबू घास, गुङची, तुलसी आदि लगाए गए हैं. जल्द ही अन्य औषधीय पौधे भी लगाए जाएंगे.
मरीजों को किया जा रहा जागरूक: गया के सिविल सर्जन रंजन कुमार सिंह ने बताया कि औषधीय पौधों का मेडिसिनल यूज किया जाएगा. यही वजह है कि गया के जय प्रकाश नारायण अस्पताल में हर्बल गार्डन लगाया गया है. हर्बल गार्डन को लेकर मरीजों को जागरूक किया जाएगा और महत्व को बताया जाएगा. वहीं मरीजों को अंग्रेजी दवा के साथ-साथ इसे लेने की सलाह दी जाएगी. हर्बल गार्डन इसलिए लगाए जा रहे हैं, क्योंकि अंग्रेजी दवा के साथ इसे लेने से कई तरह की बीमारियां कंट्रोल में रहती है. एलोवेरा से स्किन की बीमारियां ठीक होती है. गुडची डायबिटीज, फीवर, मलेरिया में फायदेमंद होता है. स्नेक प्लांट प्रदूषण कम करता है.
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