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सरकार की सौगात:  हजारों की जांचें व लाखों की दवाएं मिलेंगी फ्री, हेपेटाइटिस बी व सी के मरीजों का होगा निशुल्क इलाज - Health News

स्वास्थ्य व्यस्थाओं को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार काफी गंभीर (Health News) है. इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए अब सरकार ने देशभर के हेपेटाइटिस बी और सी से पीड़ित मरीजों का पूरी तरीके से निशुल्क इलाज करने का फैसला किया है.

हेपेटाइटिस बी व सी के मरीजों का होगा निशुल्क इलाज
हेपेटाइटिस बी व सी के मरीजों का होगा निशुल्क इलाज (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 18, 2024, 8:46 AM IST

जानकारी देते जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डाॅ विनय (Video credit: ETV Bharat)

कानपुर : जब भी किसी मरीज को कोई बीमारी होती है तो उसके सामने सबसे पहला सवाल यह होता है कि आखिर वह अपना इलाज कहां से कराएगा? कई जरूरतमंद और असहाय मरीज तो इसी वजह से ही दम तोड़ देते हैं, हालांकि सरकार की बात करें तो सरकार काफी हद तक मरीजों की मदद के लिए लगातार नई व्यवस्थाओं को क्रियान्वित कर रही है. इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए अब सरकार ने देशभर के हेपेटाइटिस बी और सी से पीड़ित मरीजों का पूरी तरीके से निशुल्क इलाज करने का फैसला किया है. सूबे के सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों में इस बाबत निर्देश भी जारी हो गए हैं.

इस मामले को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता ने कानपुर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में डॉक्टर विनय से बात की तो उन्होंने इसकी हामी भी भारी. डॉ विनय ने बताया कि लगभग एक हफ्ते बाद सरकारी अस्पतालों में केंद्र सरकार की ओर से नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम शुरू हो रहा है, जिसमें हेपेटाइटिस बी व सी से पीड़ित मरीज अगर अपना पंजीकरण कर लेते हैं तो उसे हजारों रुपए की जांच और लाखों रुपए की दवाएं पूरी तरीके से निशुल्क दी जाएंगी.

हेपेटाइटिस बी व सी से मरीज रहते अनजान : डॉ विनय ने बताया कि अक्सर ही देखने में आता है कि हेपेटाइटिस बी और सी से पीड़ित जो मरीज होते हैं वह काफी समय तक अनजान बने रहते हैं. ऐसे में जो बीमारी का दायरा होता है वह कहीं ना कहीं और उनके शरीर में बढ़ जाता है. अगर यह मरीज अपनी जांच कराते हैं तो उन्हें जांच में पता लग पाता है कि वह हेपेटाइटिस बी या सी बीमारी से संक्रमित हैं. डॉ विनय ने कहा कि आमतौर पर जब मरीज किसी निजी अस्पताल में जाकर इन बीमारियों का इलाज कराते हैं तो उन्हें जांच से लेकर दवाओं तक में लाखों रुपए खर्च करने होते हैं, लेकिन अब सरकार की तरफ से उन्हें यह एक बड़ी सौगात मिल सकेगी. जिसमें दवा और जांच के नाम पर कोई भी रुपए उन्हें खर्च नहीं करने होंगे.


लखनऊ जाते थे सैंपल, अब यहीं होगी जांच : जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी विभाग के डॉक्टर विनय ने बताया कि अभी तक जो हेपेटाइटिस बी व सी के मरीज एलएलआर अस्पताल में इलाज करने आते थे उनके सैंपल लखनऊ भेजे जाते थे, हालांकि अब ऐसा नहीं होगा मरीजों की जो जांच है वह एलएलार अस्पताल में ही संभव होगी. साथ ही साथ जो मरीज को दवाई दी जानी है, वह भी अस्पताल में आ चुकी हैं. अगर मरीज का इलाज 3 महीने, 6 महीने या आगे भी चलता है तो लगातार मरीज एलएलआर अस्पताल से ही अपनी दवाई फ्री ले सकेगा.

यह भी पढ़ें : दुनिया में औसतन हर दिन हेपेटाइटिस से 3500 लोगों की जा रही है जान, चीन के बाद संक्रमण के मामले में भारत दूसरे पैदान पर - Global Hepatitis Report 2024

यह भी पढ़ें : हेपेटाइटिस बी और सी के इलाज की सुविधा बढ़ेगी, यूपी में खुलेंगे 6 नए वायरल लोड सेंटर, मुफ्त होगी जांच


जानकारी देते जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डाॅ विनय (Video credit: ETV Bharat)

कानपुर : जब भी किसी मरीज को कोई बीमारी होती है तो उसके सामने सबसे पहला सवाल यह होता है कि आखिर वह अपना इलाज कहां से कराएगा? कई जरूरतमंद और असहाय मरीज तो इसी वजह से ही दम तोड़ देते हैं, हालांकि सरकार की बात करें तो सरकार काफी हद तक मरीजों की मदद के लिए लगातार नई व्यवस्थाओं को क्रियान्वित कर रही है. इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए अब सरकार ने देशभर के हेपेटाइटिस बी और सी से पीड़ित मरीजों का पूरी तरीके से निशुल्क इलाज करने का फैसला किया है. सूबे के सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों में इस बाबत निर्देश भी जारी हो गए हैं.

इस मामले को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता ने कानपुर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में डॉक्टर विनय से बात की तो उन्होंने इसकी हामी भी भारी. डॉ विनय ने बताया कि लगभग एक हफ्ते बाद सरकारी अस्पतालों में केंद्र सरकार की ओर से नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम शुरू हो रहा है, जिसमें हेपेटाइटिस बी व सी से पीड़ित मरीज अगर अपना पंजीकरण कर लेते हैं तो उसे हजारों रुपए की जांच और लाखों रुपए की दवाएं पूरी तरीके से निशुल्क दी जाएंगी.

हेपेटाइटिस बी व सी से मरीज रहते अनजान : डॉ विनय ने बताया कि अक्सर ही देखने में आता है कि हेपेटाइटिस बी और सी से पीड़ित जो मरीज होते हैं वह काफी समय तक अनजान बने रहते हैं. ऐसे में जो बीमारी का दायरा होता है वह कहीं ना कहीं और उनके शरीर में बढ़ जाता है. अगर यह मरीज अपनी जांच कराते हैं तो उन्हें जांच में पता लग पाता है कि वह हेपेटाइटिस बी या सी बीमारी से संक्रमित हैं. डॉ विनय ने कहा कि आमतौर पर जब मरीज किसी निजी अस्पताल में जाकर इन बीमारियों का इलाज कराते हैं तो उन्हें जांच से लेकर दवाओं तक में लाखों रुपए खर्च करने होते हैं, लेकिन अब सरकार की तरफ से उन्हें यह एक बड़ी सौगात मिल सकेगी. जिसमें दवा और जांच के नाम पर कोई भी रुपए उन्हें खर्च नहीं करने होंगे.


लखनऊ जाते थे सैंपल, अब यहीं होगी जांच : जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी विभाग के डॉक्टर विनय ने बताया कि अभी तक जो हेपेटाइटिस बी व सी के मरीज एलएलआर अस्पताल में इलाज करने आते थे उनके सैंपल लखनऊ भेजे जाते थे, हालांकि अब ऐसा नहीं होगा मरीजों की जो जांच है वह एलएलार अस्पताल में ही संभव होगी. साथ ही साथ जो मरीज को दवाई दी जानी है, वह भी अस्पताल में आ चुकी हैं. अगर मरीज का इलाज 3 महीने, 6 महीने या आगे भी चलता है तो लगातार मरीज एलएलआर अस्पताल से ही अपनी दवाई फ्री ले सकेगा.

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