रांचीः हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद सियासी हलचल तेज है. झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद के द्वारा एक बार फिर सत्ता पर काबिज होने के लिए राजभवन के समक्ष विधायकों के समर्थन से संबंधित पत्र सौंपा जा चुका है. हालांकि इस पर राजभवन की ओर से अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. इन सबके बीच झारखंड के 23 वर्षों के राजनीतिक सफर को देखें तो अब तक राज्य में 11 मुख्यमंत्री बने जिसमें रघुवर दास को छोड़कर किसी ने 5 वर्षों का कार्यकाल पूरा नहीं किया है.
रघुवर दास के नाम झारखंड के प्रथम गैरआदिवासी मुख्यमंत्री बनने का भी रिकॉर्ड है. वो राज्य की गद्दी पर 28 दिसंबर 2014 से 29 दिसंबर 2019 तक बने रहे. रघुवर दास के बाद उम्मीद लगाई जा रही थी कि हेमंत सोरेन आदिवासी मुख्यमंत्री के रुप में पहले व्यक्ति होंगे जो पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लेंगे. 2019 में पूर्ण बहुमत के साथ जिस तरह से जनता का समर्थन महागठबंधन को मिला उसके बाद सभी के जुबान पर यही बातें आ रही थीं. शुरुआती दौर में सरकार कोरोना से जुझती रही और जैसे ही स्थितियां सामान्य होने लगी भ्रष्टाचार सरकार के अंदर हावी होता चला गया. ईडी की कार्रवाई इतनी तेज हुई कि अधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक इसके लपेटे में आ गए.
झारखंड के मुख्यमंत्री का कार्यकालः