जोधपुर: संभाग के सबसे बड़े मथुरादास माथुर अस्पताल के मरीजों को अब एमआरआई के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अस्पताल की न्यू डायग्नोस्टिक विंग में प्रदेश की पहली हीलियम फ्री एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) मशीन इंस्टॉल की गई है. श्री नाकोड़ा पारस भैरव अक्षय चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से 18 करोड़ रुपए की लागत से इसे नीदरलैंड से मंगवाया गया है. इस मशीन की खूबी यह है कि यह दस मिनट में जांच कर सकती है. हीलियम फ्री होने से अस्पताल का सालाना खर्च भी बचेगा.
अस्पताल के उपअधीक्षक डॉ. संदीप अरोड़ा ने बताया कि यह पश्चिमी भारत की पहली मशीन है. इस एमआरआई मशीन का फायदा संभाग भर से जोधपुर आने वाले मरीजों को मिलेगा. खास बात यह है कि इतनी उन्नत मशीन एम्स में भी नहीं है. इस मशीन से एक दिन में 100 एमआरआई हो सकेगी. वर्तमान में लगी मशीन से 40 से 50 जांचें हो रही है. एक जांच में करीब 30 से 40 मिनट लग रहे है.
बचेगा हीलियम का खर्चा: यह मशीन हीलियम फ्री है. अभी डॉ. एसएन मेडिकल के एमजीएच अस्पताल में सरकारी मशीन में अक्सर हीलियम उड़ने लगता है. हीलियम का उपयोग मशीन को कूल रखने में किया जाता है. क्योंकि यह दुनिया का सबसे ठंडा पदार्थ है. इसमें सिर्फ 7 लीटर हीलियम रहेगा, इसलिए इसे हीलियम फ्री कहा जाता है. अन्य मशीनों में हीलियम खत्म होने पर खर्चा 50 लाख रुपए तक आता है.
मोटे लोगों की भी आसानी से होगी जांच: डॉ अरोड़ा ने बताया कि नई मशीन एमडीएम अस्पताल के न्यू डाइग्नोस्टिक विंग में इंस्टॉल कर दी गई है. इस मशीन के अंदर मरीज को घुटन महसूस नहीं होगी. मोटे लोग व बच्चे भी इसमें आसानी से जांच करवा सकते हैं. इसका वाइड बोर 70 सेंटीमीटर का है, जबकि और मशीनों में 60 सेमी होता है. इस मशीन को पश्चिमी इंडिया की सबसे अत्याधुनिक बड़ी मशीन बताया जा रहा है. यह मशीन पूरी तरह से डिजिटल है, जबकि अन्य मशीन एनालॉग होती है. एक खासियत ये भी है कि इसमें प्रति सेकंड 60 हजार इमेजेज कंसोल की जा सकती है.