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कुछ घंटे की बरसात में पानी-पानी हुई राजधानी, सांसद ने नापी सड़क, मुख्य सचिव के बंगले पर जलभराव - Rain Havoc in Jaipur

बुधवार को राजधानी जयपुर एक बार फिर पानी-पानी हो गई. शहर की सड़कों पर जलपुर की तस्वीर नजर आने लगी. शाम को हुई बारिश ने शहर के ट्रैफिक की रफ्तार को रोक दिया. जगह-जगह जलभराव के बीच परेशान आम और खास लोगों की परेशानी भरी तस्वीर सामने आने लगी.

Rain Havoc in Jaipur
जयपुर में तेज बारिश ने मचाया गदर (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 14, 2024, 10:50 PM IST

जयपुर की तेज बारिश ने खोली प्रशासन की पोल (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: बुधवार को शाम 5 बजे बाद जयपुर में बरसे बादलों ने राजधानी के सिस्टम की पोल खोल कर रख दी. चारदिवारी से लेकर बाहरी इलाकों में न सिर्फ जलभराव वाले हालात देखने को मिले, बल्कि गाड़ियां पानी में तैरती हुई नजर आई. कुछ घंटे की बारिश के बाद बहाल राजधानी की तस्वीर सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रही है. इस दौरान न सिर्फ आम आदमी, बल्कि वीआईपी इलाकों में भी परेशानी की सूरत साफ देखने को मिली. बारिश के बाद जयपुर कलेक्टर ने 15 अगस्त को एतिहातन प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों के लिए छुट्टी का ऐलान किया. वहीं नगर निगम और जेडीए आग लगने पर कुआं खोदने की तर्ज पर सड़कों पर टीम तैनात कर लोगों को फौरी राहत दिलाने का प्रयास करते हुए नजर आए. जेडीए ने पानी भराव वाले 11 अंडरपासों पर टीम तैनात की. यहां पंप, जेसीबी मशीन और मजदूर के साथ तैनात की टीम में कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंताओं को मालबा हटाकर राह सुगम करने की निर्देश दिए गए.

सांसद राजकुमार रोत हुए बेहाल: डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर जयपुर की बरसात के बाद की तस्वीरों को पोस्ट किया. उन्होंने लिखा कि प्रदेश की राजधानी के सबसे VIP इलाके का यह हाल है. अपनी पोस्ट में सांसद राजकुमार ने लिखा कि बाईस गोदाम से सिविल लाइन फाटक होते हुए रेलवे स्टेशन तक वाली सड़क पर पानी भरने से घंटों तक वाहन फंसे रहे. लोगों में खौफ का माहौल बना रहा. सड़क पर जगह-जगह गड्ढों के बीच जान जोखिम में डालकर पैदल चलकर अपनी राह तय कर रहे थे. इस दौरान कई लोग गड्ढों में गिरते-उठते रहे. इन सड़कों पर प्रशासन का कोई नुमाइंदा नहीं दिखा, लोग एक-दूसरे की मदद करते रहे.

पढ़ें: जयपुर बना जलपुर : फिर आई 14 अगस्त की शाम, 4 साल पहले भी इसी तरह आया था जलसैलाब - Heavy Rain in Jaipur

अपने अनुभव को लेकर सांसद ने कहा कि मैं स्वयं 2 किलोमीटर पैदल चलकर रेलवे स्टेशन पहुंचा. इस दौरान देखा कि शहर की जनता का सड़कों पर कोई रखवाला नहीं है. न ही लोगों को राहत देने के लिए सरकार के पास कोई योजना है. हादसे होने के बाद सरकार जागती है और फिर गहरी नींद में सो जाती है. उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे व्यवस्थित कहलाने वाले जयपुर शहर को हमने अपने स्वार्थ के लिए ऐसा बना दिया कि थोड़ी सी बरसात होते ही सड़कें नदियों में तब्दील हो जाती है. राजकुमार रोत बोले कि राज्य सरकार से मेरा आग्रह है कि शहरों का विकास पूरी प्लानिंग के साथ करें, पानी निकासी की समुचित व्यवस्था हो और नालों की समय पर सफाई हो.

पढ़ें: मोरेल बांध 5 साल बाद फिर उफान पर, दौसा और सवाई माधोपुर के 83 गांवों को मिलेगा फायदा - Morel dam in Dausa

गहलोत और टीकाराम जूली ने भी की पोस्ट: 14 अगस्त की बारिश को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी एक अकाउंट पर एक ट्वीट को रिपोस्ट किया. इस पोस्ट में मुख्य सचिव के बंगले के बाहर जलभराव के हालात साफ नजर आ रहे थे. जूली ने सरकारी व्यवस्था पर तंज करते हुए लिखा कि मुख्यमंत्री जी, हेलीकाप्टर से फुर्सत मिल गई हो, तो थोड़ा जमीन पर उतर कर हालात देख लो, प्रदेश के मुख्य सचिव के घर के बाहर की हालात जब ऐसी है तो राजस्थान में बाकी जगह पर क्या स्थिति होगी? उन्होंने सीएम से सवाल करते हुए पूछा कि क्या यही है आपका अमृतकाल? वहीं जयपुर के हालात को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चिंतित नजर आए. उन्होंने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी.

लोगों ने बचाया स्कूली बच्चों को: जयपुर के बगरू में एक स्कूल बस पानी में फंस गई, तो गांव वाले एक एक बच्चे को कंधे पर बैठाकर निकाल लाए. सोशल मीडिया पर यह वीडियो भी वायरल होता हुआ नजर आया. जिसे स्थानीय निवासी गोपेश कुमार ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया.

जयपुर की तेज बारिश ने खोली प्रशासन की पोल (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: बुधवार को शाम 5 बजे बाद जयपुर में बरसे बादलों ने राजधानी के सिस्टम की पोल खोल कर रख दी. चारदिवारी से लेकर बाहरी इलाकों में न सिर्फ जलभराव वाले हालात देखने को मिले, बल्कि गाड़ियां पानी में तैरती हुई नजर आई. कुछ घंटे की बारिश के बाद बहाल राजधानी की तस्वीर सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रही है. इस दौरान न सिर्फ आम आदमी, बल्कि वीआईपी इलाकों में भी परेशानी की सूरत साफ देखने को मिली. बारिश के बाद जयपुर कलेक्टर ने 15 अगस्त को एतिहातन प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों के लिए छुट्टी का ऐलान किया. वहीं नगर निगम और जेडीए आग लगने पर कुआं खोदने की तर्ज पर सड़कों पर टीम तैनात कर लोगों को फौरी राहत दिलाने का प्रयास करते हुए नजर आए. जेडीए ने पानी भराव वाले 11 अंडरपासों पर टीम तैनात की. यहां पंप, जेसीबी मशीन और मजदूर के साथ तैनात की टीम में कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंताओं को मालबा हटाकर राह सुगम करने की निर्देश दिए गए.

सांसद राजकुमार रोत हुए बेहाल: डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर जयपुर की बरसात के बाद की तस्वीरों को पोस्ट किया. उन्होंने लिखा कि प्रदेश की राजधानी के सबसे VIP इलाके का यह हाल है. अपनी पोस्ट में सांसद राजकुमार ने लिखा कि बाईस गोदाम से सिविल लाइन फाटक होते हुए रेलवे स्टेशन तक वाली सड़क पर पानी भरने से घंटों तक वाहन फंसे रहे. लोगों में खौफ का माहौल बना रहा. सड़क पर जगह-जगह गड्ढों के बीच जान जोखिम में डालकर पैदल चलकर अपनी राह तय कर रहे थे. इस दौरान कई लोग गड्ढों में गिरते-उठते रहे. इन सड़कों पर प्रशासन का कोई नुमाइंदा नहीं दिखा, लोग एक-दूसरे की मदद करते रहे.

पढ़ें: जयपुर बना जलपुर : फिर आई 14 अगस्त की शाम, 4 साल पहले भी इसी तरह आया था जलसैलाब - Heavy Rain in Jaipur

अपने अनुभव को लेकर सांसद ने कहा कि मैं स्वयं 2 किलोमीटर पैदल चलकर रेलवे स्टेशन पहुंचा. इस दौरान देखा कि शहर की जनता का सड़कों पर कोई रखवाला नहीं है. न ही लोगों को राहत देने के लिए सरकार के पास कोई योजना है. हादसे होने के बाद सरकार जागती है और फिर गहरी नींद में सो जाती है. उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे व्यवस्थित कहलाने वाले जयपुर शहर को हमने अपने स्वार्थ के लिए ऐसा बना दिया कि थोड़ी सी बरसात होते ही सड़कें नदियों में तब्दील हो जाती है. राजकुमार रोत बोले कि राज्य सरकार से मेरा आग्रह है कि शहरों का विकास पूरी प्लानिंग के साथ करें, पानी निकासी की समुचित व्यवस्था हो और नालों की समय पर सफाई हो.

पढ़ें: मोरेल बांध 5 साल बाद फिर उफान पर, दौसा और सवाई माधोपुर के 83 गांवों को मिलेगा फायदा - Morel dam in Dausa

गहलोत और टीकाराम जूली ने भी की पोस्ट: 14 अगस्त की बारिश को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी एक अकाउंट पर एक ट्वीट को रिपोस्ट किया. इस पोस्ट में मुख्य सचिव के बंगले के बाहर जलभराव के हालात साफ नजर आ रहे थे. जूली ने सरकारी व्यवस्था पर तंज करते हुए लिखा कि मुख्यमंत्री जी, हेलीकाप्टर से फुर्सत मिल गई हो, तो थोड़ा जमीन पर उतर कर हालात देख लो, प्रदेश के मुख्य सचिव के घर के बाहर की हालात जब ऐसी है तो राजस्थान में बाकी जगह पर क्या स्थिति होगी? उन्होंने सीएम से सवाल करते हुए पूछा कि क्या यही है आपका अमृतकाल? वहीं जयपुर के हालात को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चिंतित नजर आए. उन्होंने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी.

लोगों ने बचाया स्कूली बच्चों को: जयपुर के बगरू में एक स्कूल बस पानी में फंस गई, तो गांव वाले एक एक बच्चे को कंधे पर बैठाकर निकाल लाए. सोशल मीडिया पर यह वीडियो भी वायरल होता हुआ नजर आया. जिसे स्थानीय निवासी गोपेश कुमार ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया.

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