नालंदा: बिहार का नालंदा जिला इनदिनों भीषण गर्मी की चपेट में है. जिससे आम जन जीवन बुरी तरह प्रभावित है. सदर अस्पताल में अबतक दो दर्जन मरीज हीट स्ट्रोक की वजह से भर्ती हुए हैं. जिनमें 4 लोगों की नाजुक हालात को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है. इस हीट स्ट्रोक की चपेट में बच्चे, बूढ़े और जवान सभी उम्र के लोग हैं.
नालंदा में बढ़ा मौत का आंकड़ा: अस्पताल की हालात कोरोना काल से भी ज्यादा भयावह दिख रही है. जिले के विभिन्न इलाके में महिला सहित 6 लोगों की भीषण गर्मी की वजह से मौत हो गई है. इनमें दो लोगों की कल मौत हुई है, जिनमें एक शिक्षक, एक किसान, आज सिवान के एक पुलिस कर्मी, जबकि दो अज्ञात लोगों के मौत का जानकारी मिली है. इनमें एक 70 वर्षीय वृद्ध महिला का राजगीर स्टेशन के श्रमजीवी ट्रेन के जनरल बोगी से शव मिला है.
दो अज्ञात का मिला शव: वहीं एक दीपनगर थाना क्षेत्र के पुलिस लाइन के पीछे अयोध्या नगर से 65 वर्षीय वृद्ध व्यक्ति का शव मिला है. फिल्हाल पुलिस ने दोनों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल बिहारशरीफ भेज दिया है और उनकी पहचान में जुट गई है. थानाध्यक्ष की मानें तो दोनों की मौत भीषण गर्मी की वजह से हुई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इसकी पुष्टि होगी. देखने से यह लगता है कि ये दोनों लोग घूम-घूमकर अपना जीवन चलाते थे.
गर्मी ने ली मजदूर की जान: इसके साथ ही सोहसराय थानाध्यक्ष राजमणि ने बताया कि नूरसराय थाना क्षेत्र जगदीशपुर तियारी गांव निवासी प्यारे जमादार के 40 वर्षीय पुत्र पागो जमादार के तौर पर हुआ है. इनका शव संदिग्ध हालात में सोहसराय थाना क्षेत्र के मंजूर नगर पहाड़ी से मिला है. ये लेबर का काम करते थे और स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे निर्माण काम के लिए आए थे.
"एक मजदूर की मौत हो गई है. गर्मी के कारण अचानक किसी तरह तबियत बिगड़ी और बेहोश होकर वो पहाड़ीं पर गिर पड़े. कुछ देर के बाद जब लोगों ने देखा तो इसकी सूचना स्थानीय थाना को मिली. आनन-फानन में उसे इलाज के लिए लाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया है." -राजमणि, थानाध्यक्ष, सोहसराय
भ्रमक खबर फैलाने पर 2 साल की सजा: बता दें कि जिले में लू से मौत होने की कुछ लोगों द्वारा खबरें चलाई जा रही है. जिसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. बिना चिकित्सीय एवं प्रशासनिक पुष्टि के लू से मृत्यु की खबरें चलाना आपदा प्रबंधन की धारा 52 एवं 54 के तहत संज्ञेय अपराध है. जिसमें 2 साल की सजा हो सकती है. हीट स्ट्रोक को लेकर सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में कार्यरत डॉ. राजीव रंजन कुमार ने बताया कि "हीट स्ट्रोक को लेकर जिला और अस्पताल प्रशासन दोनों मुस्तैद है. अभी तक कुल 23 मरीज भर्ती किए गए थे, जिनमें कुछ को छोड़ दिया गया है. जबकि कुछ को हायर सेंटर रेफर भेजा गया है."
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