इंदौर (PTI)। साल 2015 में पाकिस्तान से भारत लौटने पर गीता की चर्चा पूरे देश में हुई थी. 33 वर्षीय गीता ने मध्य प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित कक्षा 8 की परीक्षा में सामाजिक विज्ञान और संस्कृत में विशेष योग्यता के साथ 600 में से 411 अंक हासिल किए हैं. इंदौर के एक गैर-सरकारी संगठन आनंद सर्विस सोसाइटी ने पाकिस्तान से लौटने के बाद गीता को समाज की मुख्य धारा लाने की कोशिशें शुरू की थीं. ये कोशिशें अब साकार हो गई हैं.
नौकरी के साथ ही पढ़ाई करने की इच्छुक है
एनजीओ आनंद सर्विस सोसाइटी के सचिव और सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया "गीता अपने परीक्षा परिणाम को लेकर बहुत उत्साहित है और आशा के साथ अपने भविष्य की ओर देख रही है." गीता ने सांकेतिक भाषा का इस्तेमाल करते हुए बताया "वह सरकारी नौकरी करने के अलावा अपनी पढ़ाई जारी रखने की इच्छुक है." बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 8वीं पास है. गीता अब इस श्रेणी में सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने की पात्र है.
फिलहाल गीता अपनी मां के साथ रहती है
बता दें कि गीता का असली नाम राधा है और वह वर्तमान में अपनी मां मीना पंधारे के साथ महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में रहती है. गीता का परिवार गरीब है और वह आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने के लिए नौकरी करना चाहती है. गीता अभी शादी नहीं करना चाहती. बता दें कि गीता 23 साल पहले बचपन में गलती से ट्रेन में चढ़ने के बाद पाकिस्तान चली गई थी. पाकिस्तान रेंजर्स ने उसे लाहौर रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सप्रेस में अकेले बैठा हुआ पाया था.
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साल 2015 में पाकिस्तान से लौटी थी गीता
इसके बाद पाकिस्तान की सामाजिक संस्था 'ईधी फाउंडेशन' की बिलकिस ईधी ने सुनने और बोलने में अक्षम लड़की को गोद लिया और उसे कराची में रखा. तत्कालीन विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज के विशेष प्रयासों के कारण गीता 26