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नैनीताल हाईकोर्ट में गूंजा बागेश्वर की खनन न्यास धनराशि के उपयोग का मामला, सरकार से मांगा जवाब - Hearing in Nainital High Court

Bageshwar Mining Trust funds Hearing बागेश्वर जिले में खनन कारोबारियों द्वारा जमा कराई जा रही खनन न्यास की धनराशि का मामला नैनीताल हाईकोर्ट में गूंजा. जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि खनन न्यास की धनराशि का प्रयोग खनन से हो रहे नुकसान की भरपाई में नहीं किया जा रहा है. इस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

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नैनीताल हाईकोर्ट समाचार
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 13, 2024, 11:32 AM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश में खनन के पट्टों पर दी जाने वाली खनन न्यास की धनराशि का जिला प्रशासन बागेश्वर के द्वारा दुष्प्रयोग किये जाने के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा है कि प्रदेश में जिस संस्था ने इस क्षेत्र में बढ़िया कार्य किया है, उनकी भी लिस्ट दें.

मंगलवार को मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यामूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई. मामले के अनुसार बागेश्वर निवासी गोपाल वनवासी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि बागेश्वर में 109 खनन कारोबारी हैं. ये खनन कारोबारी प्रत्येक वर्ष अपने खनन पट्टों से खनन के दौरान पर्यवारण और अन्य को होने वाले नुकसान की क्षति की भरपाई के लिए राज्य सरकार को भुगतान करते हैं. परन्तु राज्य सरकार के द्वारा इस धनराशि का उपयोग उनके द्वारा खनन के दौरान हुई पर्यवारण क्षति में उपयोग नहीं किया जा रहा रहा है.

जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि जिला अधिकारी के द्वारा इस धन का उपयोग अपने ऑफिस के नव निर्माण और अन्य कार्यों में किया जा रहा है. खनन पट्टाधारियों से प्राप्त इन धनराशि या इस तरह का प्रयोग केंद्र सरकार की नियमावली के विरुद्ध है. केंद्र ने अपनी नियमावली में लिखा है कि खनन के कार्यों से जो नुकसान होता है, उसकी भरपाई खनन की मद से ही की जाए.

अधिवक्ता परिषद ने मनाया महिला दिवस: अधिवक्ता परिषद उत्तराखंड की हाईकोर्ट इकाई द्वारा मंगलवार को अंतरष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में बार सभागार में गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी थीं. न्यायमूर्ति बाहरी ने कहा कि उत्तराखंड हाईकोर्ट में करीब एक माह के अपने कार्यकाल से वे सन्तुष्ट हैं. उत्तराखंड महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अग्रणी है. यहां विधान सभाध्यक्ष, राज्य की मुख्य सचिव, हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश सहित कई पदों पर महिलाएं आसीन हैं, जो सम्मान की बात है.

अधिवक्ता परिषद की राज्य अध्यक्ष जानकी सूर्या ने मुख्य न्यायाधीश व अन्य न्यायधीशों सहित समस्त अधिवक्ताओं का स्वागत करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को होता है लेकिन 8 मार्च को शिवरात्रि का अवकाश होने के कारण यह आयोजन मंगलवार को किया गया है. उन्होंने इस आयोजन में अधिवक्ताओं की बड़ी संख्या में भागीदारी करने को महिला सम्मान की बात बताया. उन्होंने मुख्य न्यायधीश को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता लोकेंद्र डोभाल ने किया.

इस कार्यक्रम में हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी, न्यायमूर्ति आलोक वर्मा, न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल, न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित, न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा, रजिस्ट्रार जनरल आशीष नैथानी, महाधिवक्ता एस एन बाबुलकर, मुख्य स्थायी अधिवक्ता चन्द्रशेखर रावत, अपर महाधिवक्ता गजेंद्र सिंह संधू, वरिष्ठ अधिवक्ता पुष्पा जोशी, एस के मण्डल, श्वेता बडोला डोभाल, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डी सी एस रावत, महासचिव सौरभ अधिकारी, यशवर्धन कांडपाल, भाष्कर जोशी, सुयश पन्त सहित बड़ी संख्या में अधिवक्तागण मौजूद थे.
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नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश में खनन के पट्टों पर दी जाने वाली खनन न्यास की धनराशि का जिला प्रशासन बागेश्वर के द्वारा दुष्प्रयोग किये जाने के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा है कि प्रदेश में जिस संस्था ने इस क्षेत्र में बढ़िया कार्य किया है, उनकी भी लिस्ट दें.

मंगलवार को मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यामूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई. मामले के अनुसार बागेश्वर निवासी गोपाल वनवासी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि बागेश्वर में 109 खनन कारोबारी हैं. ये खनन कारोबारी प्रत्येक वर्ष अपने खनन पट्टों से खनन के दौरान पर्यवारण और अन्य को होने वाले नुकसान की क्षति की भरपाई के लिए राज्य सरकार को भुगतान करते हैं. परन्तु राज्य सरकार के द्वारा इस धनराशि का उपयोग उनके द्वारा खनन के दौरान हुई पर्यवारण क्षति में उपयोग नहीं किया जा रहा रहा है.

जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि जिला अधिकारी के द्वारा इस धन का उपयोग अपने ऑफिस के नव निर्माण और अन्य कार्यों में किया जा रहा है. खनन पट्टाधारियों से प्राप्त इन धनराशि या इस तरह का प्रयोग केंद्र सरकार की नियमावली के विरुद्ध है. केंद्र ने अपनी नियमावली में लिखा है कि खनन के कार्यों से जो नुकसान होता है, उसकी भरपाई खनन की मद से ही की जाए.

अधिवक्ता परिषद ने मनाया महिला दिवस: अधिवक्ता परिषद उत्तराखंड की हाईकोर्ट इकाई द्वारा मंगलवार को अंतरष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में बार सभागार में गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी थीं. न्यायमूर्ति बाहरी ने कहा कि उत्तराखंड हाईकोर्ट में करीब एक माह के अपने कार्यकाल से वे सन्तुष्ट हैं. उत्तराखंड महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अग्रणी है. यहां विधान सभाध्यक्ष, राज्य की मुख्य सचिव, हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश सहित कई पदों पर महिलाएं आसीन हैं, जो सम्मान की बात है.

अधिवक्ता परिषद की राज्य अध्यक्ष जानकी सूर्या ने मुख्य न्यायाधीश व अन्य न्यायधीशों सहित समस्त अधिवक्ताओं का स्वागत करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को होता है लेकिन 8 मार्च को शिवरात्रि का अवकाश होने के कारण यह आयोजन मंगलवार को किया गया है. उन्होंने इस आयोजन में अधिवक्ताओं की बड़ी संख्या में भागीदारी करने को महिला सम्मान की बात बताया. उन्होंने मुख्य न्यायधीश को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता लोकेंद्र डोभाल ने किया.

इस कार्यक्रम में हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी, न्यायमूर्ति आलोक वर्मा, न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल, न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित, न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा, रजिस्ट्रार जनरल आशीष नैथानी, महाधिवक्ता एस एन बाबुलकर, मुख्य स्थायी अधिवक्ता चन्द्रशेखर रावत, अपर महाधिवक्ता गजेंद्र सिंह संधू, वरिष्ठ अधिवक्ता पुष्पा जोशी, एस के मण्डल, श्वेता बडोला डोभाल, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डी सी एस रावत, महासचिव सौरभ अधिकारी, यशवर्धन कांडपाल, भाष्कर जोशी, सुयश पन्त सहित बड़ी संख्या में अधिवक्तागण मौजूद थे.
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