नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी नेता सत्येन्द्र कुमार जैन की डिफॉल्ट जमानत याचिका पर मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया. सत्येन्द्र जैन ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के 15 मई के आदेश को चुनौती दी है, जिसने उन्हें इस मामले में डिफ़ॉल्ट जमानत देने से इनकार कर दिया था. जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जवाब मांगा और मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई को तय की.
सत्येन्द्र जैन ने जमानत याचिका दायर की: सत्येन्द्र जैन ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में डिफॉल्ट बेल देने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था. जैन ने अपनी याचिका में दलील दी है कि ईडी वैधानिक अवधि के भीतर सभी मामलों में जांच पूरी करने में नाकाम रही. इसलिए उन्हें डिफॉल्ट बेल दी जाए. जैन ने आगे कहा, अभियोजन की शिकायत, जो सभी मामलों में पूरी नहीं है, सीआरपीसी की धारा 167 (2) के प्रावधानों के तहत आवेदक को डिफॉल्ट बेल के अधिकार से वंचित करने के प्रयास में दायर की गई थी. यह कानून की स्थापित स्थिति है कि जब जांच लंबित हो तो चार्जशीट दाखिल करने का इस्तेमाल डिफॉल्ट बेल के अधिकार को खत्म करने के लिए नहीं किया जा सकता.
बता दें कि, पिछले साल 6 अप्रैल को दिल्ली हाई कोर्ट ने सत्येन्द्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. हाईकोर्ट ने सत्येन्द्र जैन की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आवेदक एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की क्षमता रखते हैंं. इस स्तर पर, सत्येन्द्र जैन को धन शोधन निवारण अधिनियम की दोहरी शर्तों को पूरा करने के लिए नहीं रोका जा सकता है.
दो साल से जेल में हैं सत्येन्द्र जैन: सत्येन्द्र जैन को 30 मई, 2022 को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो पर आधारित है CBI ने इस आरोप पर शिकायत दर्ज की कि सत्येन्द्र जैन ने 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 तक विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर चल संपत्तियां अर्जित कीं, जिसका वह संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके.
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