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सहकारी बैंकों में ग्रुप डी भर्ती मामले पर सुनवाई, HC ने सेक्रेटरी कॉपरेटिव से मांगा जवाब - Nainital High Court - NAINITAL HIGH COURT

Uttarakhand High Court नैनीताल हाईकोर्ट में आज सहकारी बैंकों में ग्रुप डी भर्ती मामले पर सुनवाई हुई. जिसमें खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा कि सेक्रेटरी कॉपरेटिव इस मामले में अपना विस्तृत जवाब पेश करें.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 16, 2024, 7:34 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के जिला सहकारी बैंकों में ग्रुप डी की भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितता के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा है कि सेक्रेटरी कॉपरेटिव इस मामले में अपना विस्तृत जवाब पेश करें. इसके अलावा कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि इस मामले में कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसका भी शपथ पत्र में उल्लेख करें. जबकि इस मामले में जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट शासन को दे चुकी है, लेकिन इस रिपोर्ट में सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है.

मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी प्रियांशु त्यागी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2020 में प्रदेश के सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के लिए 423 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी हुई थी. जिसमें भर्ती प्रक्रिया के दौरान कई अनियमितताएं सामने आई. याचिकाकर्ता का कहना है कि इस भर्ती प्रक्रिया में अधिकारियों और नेताओं के रिश्तेदारों का चयन किया गया और कई अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर भर्ती की जा रही है. इसकी शिकायत ज्वालापुर हरिद्वार से विधायक सुरेश राठौर द्वारा मुख्यमंत्री से की गई, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

समाचार पत्रों में अनियमितताएं की खबर छपने के बाद मुख्य सचिव के निर्देश पर सचिव सहकारिता ने हरिद्वार में इस भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया था, लेकिन नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून और पिथौरागढ़ में इसके बाद भी भर्तियां की गई. याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में कहा है कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

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मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी प्रियांशु त्यागी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2020 में प्रदेश के सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के लिए 423 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी हुई थी. जिसमें भर्ती प्रक्रिया के दौरान कई अनियमितताएं सामने आई. याचिकाकर्ता का कहना है कि इस भर्ती प्रक्रिया में अधिकारियों और नेताओं के रिश्तेदारों का चयन किया गया और कई अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर भर्ती की जा रही है. इसकी शिकायत ज्वालापुर हरिद्वार से विधायक सुरेश राठौर द्वारा मुख्यमंत्री से की गई, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

समाचार पत्रों में अनियमितताएं की खबर छपने के बाद मुख्य सचिव के निर्देश पर सचिव सहकारिता ने हरिद्वार में इस भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया था, लेकिन नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून और पिथौरागढ़ में इसके बाद भी भर्तियां की गई. याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में कहा है कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

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