नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जयपुर (राजस्थान) में आयोजित राष्ट्रीय सीनियर वॉलीबॉल प्रतियोगिता में उत्तराखंड के खिलाड़ियों को प्रतिभाग न करने के मामले में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका को वापस ले लिया. कोर्ट के आदेश पर आज विशेष खेल सचिव अमित सिन्हा और अतिरिक्त निदेशक अदालत में वर्चुअली पेश हुए.
विशेष खेल सचिव अमित सिन्हा और अतिरिक्त निदेशक द्वारा कोर्ट में कहा गया कि राज्य के खिलाड़ियों को इसलिए जयपुर नहीं भेजा जा रहा है, क्योंकि उनका ट्रायल यहीं होना है और 38वें राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड में ही आयोजित होने हैं, इसलिए इन्हें नहीं भेजा जा रहा है. आज मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ में हुई.
खिलाड़ी प्रशांत सिंह बिष्ट की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि वॉलीबॉल फेडरेशन आफ इंडिया की तदर्थ कमेटी की ओर से जयपुर में आगामी 07 जनवरी से 13 जनवरी, 2025 के बीच राष्ट्रीय स्तर की सीनियर वॉलीबॉल (महिला-पुरूष) प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. इसमें अधिकांश राज्यों की टीमें भाग ले रही हैं.
उत्तराखंड की टीम को भी भाग लेने के लिए बुलाया गया है. प्रदेश के खेल महकमे की ओर से 11 दिसंबर, 2024 को तीन सदस्यीय कमेटी के गठन के साथ-साथ 16 दिसंबर से देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में ट्रायल किये जाने का फैसला लिया गया. 12 दिसंबर को अतिरिक्त खेल निदेशक ने ट्रायल पर रोक लगा दी है.
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वॉलीबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया में गुटबाजी के चलते वर्ष 2019 से अब तक पांच सालों में कोई भी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता नहीं हो पाई है. खिलाड़ियों को खेलने का अवसर नहीं मिल पाया है. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से जयपुर प्रतियोगिता में खिलाड़ियों को भाग लेने की अनुमति देने की मांग की गई है.
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