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जिंदल ग्रुप सोसायटी भूमि आवंटन मामला, नया शपथ दाखिल करेगी राज्य सरकार - जिंदल ग्रुप

Uttarakhand High Court नैनीताल हाईकोर्ट में आज जिंदल ग्रुप सोसायटी को रानीखेत के नैनीसार में सरकार द्वारा भूमि आवंटन करने के मामले में सुनवाई हुई. इसी बीच कोर्ट ने राज्य सरकार को इस संबंध में फिर से नया शपथ पत्र देने का निर्देश दिया है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 16, 2024, 4:31 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जिंदल ग्रुप सोसायटी को रानीखेत के नैनीसार में सरकार द्वारा भूमि आवंटन करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि इस संबंध में फिर से नया शपथ पत्र दें. आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई.

राज्य सरकार पर नियमों के खिलाफ भूमि आवंटित करने का आरोप: सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से नियुक्त स्पेशल काउंसिल वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह ने कोर्ट को अवगत कराया कि इस स्कूल के बनने से क्षेत्र के बच्चों को बेहतर शिक्षा के अवसर मिलेंगे. साथ ही स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा. इसके बनने से क्षेत्र वासियों के बच्चों को पढ़ने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा, इसलिए इसे यहां बनाए जाने की अनुमति दी जाए. वहीं, याचिकाकर्ता का कहना था कि राज्य सरकार ने नियमों के विरुद्ध जाकर इसे भूमि आवंटित की है.

2015 में दायर की गई थी याचिका: मामले के अनुसार अल्मोड़ा निवासी बिशन सिंह और पीसी तिवाड़ी की ओर से नवंबर 2015 में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि रानीखेत तहसील के ग्राम नैनीसार में राज्य सरकार ने 22 सितंबर 2015 को हिमांशु एजुकेशन सोसायटी को 353 नाली भूमि बिना मानकों के आवंटित कर दी है. जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने बिना विधि के विरुद्ध जाकर अपने चेहतों को यह भूमि आवंटित कर दी है, जिसे निरस्त किया जाय.

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नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जिंदल ग्रुप सोसायटी को रानीखेत के नैनीसार में सरकार द्वारा भूमि आवंटन करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि इस संबंध में फिर से नया शपथ पत्र दें. आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई.

राज्य सरकार पर नियमों के खिलाफ भूमि आवंटित करने का आरोप: सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से नियुक्त स्पेशल काउंसिल वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह ने कोर्ट को अवगत कराया कि इस स्कूल के बनने से क्षेत्र के बच्चों को बेहतर शिक्षा के अवसर मिलेंगे. साथ ही स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा. इसके बनने से क्षेत्र वासियों के बच्चों को पढ़ने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा, इसलिए इसे यहां बनाए जाने की अनुमति दी जाए. वहीं, याचिकाकर्ता का कहना था कि राज्य सरकार ने नियमों के विरुद्ध जाकर इसे भूमि आवंटित की है.

2015 में दायर की गई थी याचिका: मामले के अनुसार अल्मोड़ा निवासी बिशन सिंह और पीसी तिवाड़ी की ओर से नवंबर 2015 में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि रानीखेत तहसील के ग्राम नैनीसार में राज्य सरकार ने 22 सितंबर 2015 को हिमांशु एजुकेशन सोसायटी को 353 नाली भूमि बिना मानकों के आवंटित कर दी है. जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने बिना विधि के विरुद्ध जाकर अपने चेहतों को यह भूमि आवंटित कर दी है, जिसे निरस्त किया जाय.

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