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उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किये जाने के मामले पर HC में दो सप्ताह सुनवाई - Chief Justice KV Chandran

पटना उच्च न्यायालय में उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किये जाने के मामले पर सुनवाई हुई. अगली तारीख दो सप्ताह बाद की मुकर्रर की गई है. आगे पढ़ें क्या है पूरा मामला.

Patna High Court Etv Bharat
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 9, 2024, 3:20 PM IST

पटना : पटना हाईकोर्ट में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किये जाने के मामले पर सुनवाई अब दो सप्ताह बाद की जाएगी. रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई कर रही है. बता दें कि पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए अकाउंटेंट जनरल और राज्य सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया था.

याचिकाकर्ता की तरफ से क्या लगाया गया है आरोप : इस जनहित याचिका में ये आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार के कई विभागों द्वारा उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं जमा किया गया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि राज्य सरकार के हलफनामा से स्पष्ट है कि ये राशि लगभग 70 हजार करोड़ रुपये का हैं, जिसका उपयोगिता प्रमाणपत्र अभी भी नहीं जमा किया गया है. ये आंकड़े 31अगस्त 2022 तक का है. ये राशि 2002-03 से लेकर 2020-21 तक सामंजित किया जाना लंबित हैं.

दो सप्ताह बाद होगी अगली सुनवाई : पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने अकाउंटेंट जनरल को हलफनामा दायर कर बताने को कहा था कि सन 2003-04 से 2018-19 तक का उपयोगिता प्रमाणपत्र राज्य सरकार व उनके विभागों द्वारा क्यों नहीं प्रस्तुत किये गए. कोर्ट ने ये भी जानना चाहा था कि उन्होंने अपने शक्तियों का प्रयोग क्यों नहीं किया. इस मामले पर दो सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी. ऐसे में उस दिन कोर्ट के सामने क्या साक्ष्य प्रस्तुत किए जाते हैं. साथ ही दोनों तरफ से वकीलों की क्या दलील रही है. इसपर निगाह टिकी रहेगी.

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याचिकाकर्ता की तरफ से क्या लगाया गया है आरोप : इस जनहित याचिका में ये आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार के कई विभागों द्वारा उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं जमा किया गया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि राज्य सरकार के हलफनामा से स्पष्ट है कि ये राशि लगभग 70 हजार करोड़ रुपये का हैं, जिसका उपयोगिता प्रमाणपत्र अभी भी नहीं जमा किया गया है. ये आंकड़े 31अगस्त 2022 तक का है. ये राशि 2002-03 से लेकर 2020-21 तक सामंजित किया जाना लंबित हैं.

दो सप्ताह बाद होगी अगली सुनवाई : पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने अकाउंटेंट जनरल को हलफनामा दायर कर बताने को कहा था कि सन 2003-04 से 2018-19 तक का उपयोगिता प्रमाणपत्र राज्य सरकार व उनके विभागों द्वारा क्यों नहीं प्रस्तुत किये गए. कोर्ट ने ये भी जानना चाहा था कि उन्होंने अपने शक्तियों का प्रयोग क्यों नहीं किया. इस मामले पर दो सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी. ऐसे में उस दिन कोर्ट के सामने क्या साक्ष्य प्रस्तुत किए जाते हैं. साथ ही दोनों तरफ से वकीलों की क्या दलील रही है. इसपर निगाह टिकी रहेगी.

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