पटनाः बिहार में पुल निर्माण के कई ऐसे काम हैं जो आज तक पूरा नहीं हुआ. इसी में एक हाजीपुर से छपरा के बीच गंगा नदी पर पुल निर्माण भी शामिल है. इसका निर्माण कार्य 11 साल पूर्व हुआ था लेकिन आज तक यह पूरे तरीके से नहीं बन पाया. यह मामला पटना हाईकोर्ट में चल रहा है. सोमवार को इसको लेकर सुनवाई की गयी जिसमें पटना हाईकोर्ट ने कंपनी से कई सवाल पूछे.
हाईकोर्ट ने लिया संज्ञानः चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने अधिवक्ता सत्यम शिवम सुंदरम की जनहित याचिका पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने पुल का निर्माण कर रही कंपनी के प्रबंधन निदेशक को 2 दिसंबर 2024 को कोर्ट के समक्ष प्रगति का ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने पुल निर्माण कर रही कंपनी को कार्य में शीघ्रता लाने का भी निर्देश दिया है.
11 साल से अटका है निर्माणः ये प्रोजेक्ट काफी दिनों से चल रहा है लेकिन अब तक पुल निर्माण कंपनी की शिथिलता के कारण पूरा नहीं हो पाया है. ये प्रोजेक्ट लगभग ग्यारह साल पहले प्रारम्भ हुआ था, लेकिन इतने लम्बे अरसे के बाद भी पुल निर्माण का कार्य अधूरा है. इस मामलें में अधिवक्ता सत्यम शिवम सुंदरम याचिकाकर्ता की ओर से और राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार व अधिवक्ता आलोक कुमार राही ने कोर्ट के समक्ष तथ्यों को रखा.
पुल बनने से कई फायदे होंगेः बता दें कि हाजीपुर और छपरा के बीच गंगा नदी पर बन रहे पुल का काफी महत्व है. इस पुल के बन जाने से इस क्षेत्र के लोगों को हाजीपुर, पटना आने-जाने में सुविधा होगी. लेकिन लंबे समय से इसका निर्माण अटका है. अब पटना हाईकोर्ट ने गंभीरता से संज्ञान लिया है. इस मामलें की अगली सुनवाई 2 दिसंबर 2024 को की जाएगी.
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