ETV Bharat / state

गया में 18 हजार हरा-भरा पेड़ काटने पर रोक, पटना HC का बड़ा फैसला - Patna High Court - PATNA HIGH COURT

Cutting down 18 thousand trees : एक तरफ बालू खनन कंपनी ने प्रशासन से 18 हजार पेड़ काटने की अनुमति मांगी है. वहीं दूसरी तरफ पटना उच्च न्यायालय ने इसपर रोक लगा दिया है. पढ़ें पूरी खबर.

Etv Bharat
पटना हाईकोर्ट (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 21, 2024, 10:57 PM IST

पटना : पटना हाईकोर्ट ने गया जिला के खिजरसराय प्रखंड स्थित देवगावँ में बालू खनन को लेकर 18 हजार हरा-भरा पेड़ काटने पर रोक लगा दिया. चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ ने रौशन कुमार व अन्य की याचिकायों पर सुनवाई करते हुए बालू खनन कंपनी को नोटिस जारी किया है.

18 हजार पेड़ काटने पर रोक : आवेदकों की ओर से कोर्ट को बताया गया कि गया जिला के खिजरसराय प्रखंड स्थित देवगावँ में वर्ष 2020-21 में फल्गु नदी के किनारे 18 हजार पड़े लगाये गए थे. सभी पेड़ पांच छह फीट से ज्यादा बड़ा हो गया है. उनका कहना था कि राज्य सरकार ने बालू खनन के लिए इस क्षेत्र को गया के मानपुर स्थित लक्खीबाग के सियाराम कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया है. कंपनी ने हरे-भरे पेड़ काटने की गुहार खनन पदाधिकारी सहित डीएम और प्रमंडलीय आयुक्त से लगाई है.

जल जीवन हरियाली के तहत लगाए गए थे पेड़ : आवेदकों का कहना था कि एक ओर सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ लगाने की बात कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर बालू खनन के लिए पेड़ काटे जाने पर कार्रवाई करने की बात सामने में आ रही है. राज्य सरकार ने वर्ष 2020-21 में जल जीवन हरियाली योजना के तहत 18 हजार पेड़ लगाया. ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में पेड़ काटने से जलवायु परिवर्तन में मदद मिलेगी.

बालू खनन कंपनी ने पेड़ काटने के लिए लगाई है गुहार : आवेदकों का कहना है कि खनन विभाग ने इस क्षेत्र में बालू खनन के लिए फल्गु नदी का बड़ा हिस्सा बालू खनन कंपनी को दे दिया है. बालू खनन कंपनी ने पेड़ काटने के लिए वरीय अधिकारियों से गुहार लगाई है. कहा है कि बालू खनन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिस कारण बालू खनन नहीं हो रहा है.

हलफनामा दायर करने का आदेश : कोर्ट ने फिलहाल पेड़ काटने पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया. वहीं बालू खनन कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. कोर्ट ने इस मामले में मगध प्रमंडल के आयुक्त सहित गया के डीएम और खनन विभाग को जवाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 26 जुलाई 2024 निर्धारित तय की गयी है.

ये भी पढ़ें :-

20 साल से जंगल को बचा रही हैं चिंता देवी, सीटी की आवाज सुन भागते हैं पेड़ काटने वाले

पटना : पटना हाईकोर्ट ने गया जिला के खिजरसराय प्रखंड स्थित देवगावँ में बालू खनन को लेकर 18 हजार हरा-भरा पेड़ काटने पर रोक लगा दिया. चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ ने रौशन कुमार व अन्य की याचिकायों पर सुनवाई करते हुए बालू खनन कंपनी को नोटिस जारी किया है.

18 हजार पेड़ काटने पर रोक : आवेदकों की ओर से कोर्ट को बताया गया कि गया जिला के खिजरसराय प्रखंड स्थित देवगावँ में वर्ष 2020-21 में फल्गु नदी के किनारे 18 हजार पड़े लगाये गए थे. सभी पेड़ पांच छह फीट से ज्यादा बड़ा हो गया है. उनका कहना था कि राज्य सरकार ने बालू खनन के लिए इस क्षेत्र को गया के मानपुर स्थित लक्खीबाग के सियाराम कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया है. कंपनी ने हरे-भरे पेड़ काटने की गुहार खनन पदाधिकारी सहित डीएम और प्रमंडलीय आयुक्त से लगाई है.

जल जीवन हरियाली के तहत लगाए गए थे पेड़ : आवेदकों का कहना था कि एक ओर सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ लगाने की बात कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर बालू खनन के लिए पेड़ काटे जाने पर कार्रवाई करने की बात सामने में आ रही है. राज्य सरकार ने वर्ष 2020-21 में जल जीवन हरियाली योजना के तहत 18 हजार पेड़ लगाया. ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में पेड़ काटने से जलवायु परिवर्तन में मदद मिलेगी.

बालू खनन कंपनी ने पेड़ काटने के लिए लगाई है गुहार : आवेदकों का कहना है कि खनन विभाग ने इस क्षेत्र में बालू खनन के लिए फल्गु नदी का बड़ा हिस्सा बालू खनन कंपनी को दे दिया है. बालू खनन कंपनी ने पेड़ काटने के लिए वरीय अधिकारियों से गुहार लगाई है. कहा है कि बालू खनन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिस कारण बालू खनन नहीं हो रहा है.

हलफनामा दायर करने का आदेश : कोर्ट ने फिलहाल पेड़ काटने पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया. वहीं बालू खनन कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. कोर्ट ने इस मामले में मगध प्रमंडल के आयुक्त सहित गया के डीएम और खनन विभाग को जवाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 26 जुलाई 2024 निर्धारित तय की गयी है.

ये भी पढ़ें :-

20 साल से जंगल को बचा रही हैं चिंता देवी, सीटी की आवाज सुन भागते हैं पेड़ काटने वाले

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.