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SSB जवान के नौकरी से बर्खास्त आदेश पर HC का हस्तक्षेप से इनकार, दूसरी शादी के मामले पर सुनवाई - SSB jawan dismissal from job - SSB JAWAN DISMISSAL FROM JOB

Patna High Court: पटना हाईकोर्ट ने पत्नी व दो नाबालिग बच्ची को छोड़ दूसरी लड़की के साथ रहने वाले एसएसबी जवान के नौकरी से बर्खास्तगी आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया. जस्टिस डॉ अंशुमान ने मुख्तार अहमद उर्फ मुख्तार अली की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की. पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 2, 2024, 8:11 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट ने एसएसबी जवान के नौकरी से बर्खास्तगी आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया. पत्नी व दो नाबालिग बच्ची को छोड़ दूसरी लड़की के साथ रहने वाले मामले पर जस्टिस डॉ अंशुमान ने मुख्तार अहमद उर्फ मुख्तार अली की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की. पटना हाईकोर्ट ने आवेदक की ओर से दी गई हर दलील को नामंजूर करते हुए याचिका को खारिज कर दिया.

पटना कोर्ट में सुनवाई: आवेदक के अधिवक्ता का कहना था कि पत्नी रुखसाना खातून ने बगहा एसएसबी कमांडेंट को लिखित शिकायत की है कि ढाई साल पहले उसकी शादी आवेदक से हुई थी. दो बच्ची हुई, लेकिन उसे बच्चों के साथ मायके में छोड़ दिया गया. यहां तक कि खर्चा भी नहीं दे रहे हैं. आवेदक पैसा देने इंकार कर दिया है. उनका कहना था कि शिकायत पर जांच की गई और उसे कारण बताओ नोटिस जारी की गई.

कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी: आवेदक नोटिस का जवाब दिया गया. जिसके बाद कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी शुरू की गई. कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने आवेदक को बगैर किसी सूचना दिये दूसरी लड़की के साथ शादी करने का दोषी और दूसरी लड़की के साथ रहने की सूचना नहीं देने का दोषी करार दिया. कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के रिपोर्ट के बाद कमांडेंट ने प्रत्येक माह आठ हजार रुपये पत्नी को देने का आदेश दिया.

पत्नी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं: उनका कहना था कि अधिकारियों के दवाब में आवेदक ने स्वीकार किया कि वह दूसरी शादी की है, जबकि दूसरी शादी का कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया. उनका कहना था कि पत्नी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उसने शिकायत की थी. उनका कहना था कि आवेदक की पत्नी साथ में रहने को तैयार है और दूसरी शादी नहीं किये जाने को लेकर अपना बयान दर्ज कराने को राजी है.

आवेदक को नौकरी से बर्खास्त: वहीं केंद्र सरकार के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आवेदक के जबाब और कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के रिपोर्ट के बाद ही आवेदक को नौकरी से बर्खास्त किया गया है. कोर्ट ने आवेदक की ओर से दी गई हर दलील को नामंजूर करते हुए याचिका को खारिज कर दिया.वहीं केंद्र सरकार के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आवेदक के जबाब और कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के रिपोर्ट के बाद ही आवेदक को नौकरी से बर्खास्त किया गया है.

पटना: पटना हाईकोर्ट ने एसएसबी जवान के नौकरी से बर्खास्तगी आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया. पत्नी व दो नाबालिग बच्ची को छोड़ दूसरी लड़की के साथ रहने वाले मामले पर जस्टिस डॉ अंशुमान ने मुख्तार अहमद उर्फ मुख्तार अली की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की. पटना हाईकोर्ट ने आवेदक की ओर से दी गई हर दलील को नामंजूर करते हुए याचिका को खारिज कर दिया.

पटना कोर्ट में सुनवाई: आवेदक के अधिवक्ता का कहना था कि पत्नी रुखसाना खातून ने बगहा एसएसबी कमांडेंट को लिखित शिकायत की है कि ढाई साल पहले उसकी शादी आवेदक से हुई थी. दो बच्ची हुई, लेकिन उसे बच्चों के साथ मायके में छोड़ दिया गया. यहां तक कि खर्चा भी नहीं दे रहे हैं. आवेदक पैसा देने इंकार कर दिया है. उनका कहना था कि शिकायत पर जांच की गई और उसे कारण बताओ नोटिस जारी की गई.

कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी: आवेदक नोटिस का जवाब दिया गया. जिसके बाद कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी शुरू की गई. कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने आवेदक को बगैर किसी सूचना दिये दूसरी लड़की के साथ शादी करने का दोषी और दूसरी लड़की के साथ रहने की सूचना नहीं देने का दोषी करार दिया. कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के रिपोर्ट के बाद कमांडेंट ने प्रत्येक माह आठ हजार रुपये पत्नी को देने का आदेश दिया.

पत्नी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं: उनका कहना था कि अधिकारियों के दवाब में आवेदक ने स्वीकार किया कि वह दूसरी शादी की है, जबकि दूसरी शादी का कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया. उनका कहना था कि पत्नी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उसने शिकायत की थी. उनका कहना था कि आवेदक की पत्नी साथ में रहने को तैयार है और दूसरी शादी नहीं किये जाने को लेकर अपना बयान दर्ज कराने को राजी है.

आवेदक को नौकरी से बर्खास्त: वहीं केंद्र सरकार के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आवेदक के जबाब और कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के रिपोर्ट के बाद ही आवेदक को नौकरी से बर्खास्त किया गया है. कोर्ट ने आवेदक की ओर से दी गई हर दलील को नामंजूर करते हुए याचिका को खारिज कर दिया.वहीं केंद्र सरकार के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आवेदक के जबाब और कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के रिपोर्ट के बाद ही आवेदक को नौकरी से बर्खास्त किया गया है.

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