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पिथौरागढ़ में खेत में मलबा डालकर मुआवजा नहीं देने का मामला, HC ने DG BRO को पेश होने का दिया आदेश

खेत में मलबा डालने और मुआवजा नहीं देने के मामले में HC में सुनवाई. बीआरओ डीजी को 4 दिसंबर को पेश होने का आदेश.

NAINITAL HIGH COURT
नैनीताल हाईकोर्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 6, 2024, 4:32 PM IST

नैनीताल: पिथौरागढ़ में सड़क का मलबा खेत में डालने और फिर बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन) नई दिल्ली द्वारा मुआवजा नहीं दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर बीआरओ के डायरेक्टर जनरल को 4 दिसंबर को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. अब मामले की अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी.

बीते 15 अक्टूबर को कोर्ट ने डायरेक्टर जनरल के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए 6 नवंबर को पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन वे आज ना तो कोर्ट में पेश हुए और ना ही कोई जवाब दिया. विभाग ने सीधे संबंधित अधिकारियों को भेज दिया, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब डायरेक्टर जनरल के खिलाफ जमानती वारंट जारी हुए हैं, तो उनको कोर्ट के आदेश का पालन करना था. सुनवाई पर बीआरओ की तरफ से कहा गया कि उनकी व्यक्तिगत पेशी को माफ किया जाए. जिस पर कोर्ट ने पूर्व के आदेश को बरकरार रखते हुए, उन्हें 4 दिसंबर को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं.

मामले के अनुसार धारचूला निवासी कुंदन सिंह और अन्य ने 2023 में याचिका दायर कर कहा था कि 1996 में तवाघाट से पांगती के लिए बीआरओ नई दिल्ली द्वारा रोड का निर्माण किया गया. निर्माण के दौरान बीआरओ ने रोड का मलबा उनकी कृषि योग्य भूमि पर डाल दिया. मलबे की वजह से उनकी कृषि भूमि क्षतिग्रस्त हो गई, जिसकी वजह से वो कृषि विहीन किसान हो गए हैं. जब उनके द्वारा इसका मुआवजा बीआरओ से मांगा गया, तो बीआरओ द्वारा बार-बार आश्वासन ही दिया गया मुआवजा नहीं दिया गया.

2023 में उनके द्वारा उच्च न्यायालय में मुआवजा दिलाए जाने को लेकर याचिका दायर की गई. पूर्व में हुई सुनवाई पर कोर्ट ने बीआरओ से कहा था कि इस पर आप जवाब दें. कोर्ट को बताएं कि क्यों अभी तक पीड़ितों को मुआवजा नहीं दिया गया, लेकिन 2023 से अभी तक बीआरओ के द्वारा न्यायालय में कोई शपथ पत्र पेश नहीं किया. बीते 21 अगस्त को कोर्ट ने बीआरओ से कहा था कि या तो शपथ पत्र पेश करें. शपथ पत्र पेश ना करने पर डीजी बीआरओ 15 अक्टूबर को खुद कोर्ट में पेश हों, लेकिन ना तो शपथ पत्र पेश किया गया और ना ही खुद पेश हुए, जिस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद डीजी बीआरओ न्यू दिल्ली के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए उनसे 6 नवंबर को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन आज भी वे पेश नहीं हुए.

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बीते 15 अक्टूबर को कोर्ट ने डायरेक्टर जनरल के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए 6 नवंबर को पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन वे आज ना तो कोर्ट में पेश हुए और ना ही कोई जवाब दिया. विभाग ने सीधे संबंधित अधिकारियों को भेज दिया, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब डायरेक्टर जनरल के खिलाफ जमानती वारंट जारी हुए हैं, तो उनको कोर्ट के आदेश का पालन करना था. सुनवाई पर बीआरओ की तरफ से कहा गया कि उनकी व्यक्तिगत पेशी को माफ किया जाए. जिस पर कोर्ट ने पूर्व के आदेश को बरकरार रखते हुए, उन्हें 4 दिसंबर को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं.

मामले के अनुसार धारचूला निवासी कुंदन सिंह और अन्य ने 2023 में याचिका दायर कर कहा था कि 1996 में तवाघाट से पांगती के लिए बीआरओ नई दिल्ली द्वारा रोड का निर्माण किया गया. निर्माण के दौरान बीआरओ ने रोड का मलबा उनकी कृषि योग्य भूमि पर डाल दिया. मलबे की वजह से उनकी कृषि भूमि क्षतिग्रस्त हो गई, जिसकी वजह से वो कृषि विहीन किसान हो गए हैं. जब उनके द्वारा इसका मुआवजा बीआरओ से मांगा गया, तो बीआरओ द्वारा बार-बार आश्वासन ही दिया गया मुआवजा नहीं दिया गया.

2023 में उनके द्वारा उच्च न्यायालय में मुआवजा दिलाए जाने को लेकर याचिका दायर की गई. पूर्व में हुई सुनवाई पर कोर्ट ने बीआरओ से कहा था कि इस पर आप जवाब दें. कोर्ट को बताएं कि क्यों अभी तक पीड़ितों को मुआवजा नहीं दिया गया, लेकिन 2023 से अभी तक बीआरओ के द्वारा न्यायालय में कोई शपथ पत्र पेश नहीं किया. बीते 21 अगस्त को कोर्ट ने बीआरओ से कहा था कि या तो शपथ पत्र पेश करें. शपथ पत्र पेश ना करने पर डीजी बीआरओ 15 अक्टूबर को खुद कोर्ट में पेश हों, लेकिन ना तो शपथ पत्र पेश किया गया और ना ही खुद पेश हुए, जिस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद डीजी बीआरओ न्यू दिल्ली के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए उनसे 6 नवंबर को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन आज भी वे पेश नहीं हुए.

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