अजमेर. बदलते मौसम में मौसमी बीमारियों का प्रकोप रहता है. ऐसे मौसम में वायरल इंफेक्शन होने की संभावना ज्यादा रहती है, जो उपचार लेने पर 3 से 5 दिन में ठीक हो जाता है. लेकिन इस बार वायरल इंफेक्शन का असर रोगी में लंबे समय तक हो रहा है. ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि लोगों को वायरल इंफेक्शन से घबराने की जरूरत नहीं है. कमला नेहरू टीबी अस्पताल में प्रभारी डॉ रमाकांत दीक्षित का मानना है कि वायरस के रूप बदलने के कारण रोगियों में बीमारी का असर 2 हफ्ते तक बना रहता है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि उपचार से इंफेक्शन खत्म भी हो रहा है. लेकिन लापरवाही बरतने पर वायरल इंफेक्शन दोबारा हो रहा है. डॉ दीक्षित बताते हैं कि सर्दी, जुकाम, खांसी होने पर अक्सर लोग मेडिकल से दवा ले लेते हैं. इस कारण इंफेक्शन बढ़ने के आसार ज्यादा रहते हैं. इसलिए चिकित्सक से परामर्श लेकर ही दवा लें. उन्होंने बताया कि मौसम बदल रहा है. दिन के समय गर्मी और सुबह, शाम और रात को सर्दी होती है. ऐसे मौसम में अक्सर लोग लापरवाही करते हैं. मसलन सर्दी से बचाव नहीं रखते. वहीं बाजार की खाद्य वस्तुओं का सेवन करते हैं. इस कारण वे वायरल इंफेक्शन के शिकार हो जाते हैं.
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वायरल इंफेक्शन की यह लक्षण: डॉ दीक्षित ने बताया कि गले में खराश, खांसी, जुखाम, बुखार, जोड़ों में दर्द, हाथ पैर में दर्द, उल्टी का मन करना, घबराहट, जोड़ों में दर्द और सिरदर्द वायरल इंफेक्शन के लक्षण हैं. इस तरह के लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेकर ही उपचार लें. उन्होंने बताया कि वायरस में बदलाव के कारण लोगों को लंबे समय तक खांसी, गले में खराश, जोड़ों में दर्द, बदन दर्द की शिकायत रहती है. आमतौर पर वायरल इनफेक्शन बच्चों और बुजुर्गों में अधिक होता है. लेकिन यह वायरल इंफेक्शन हर उम्र के लोगों को हो रहा है.
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वायरल इंफेक्शन से कैसे करें बचाव: अनियमित दिनचर्या के कारण लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है. ऐसे में ही लोगों को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार लेने के साथ ही व्यायाम, योग करना चाहिए. बदलते मौसम में लापरवाही ना बरतें. गर्म कपड़े पहन कर रहें. इस मौसम में बाहर का खाना ना खाएं. उन्होंने बताया कि वायरल इन्फेक्शन का असर लंबे समय तक रहने के लिए कई लोग स्ट्रेस ले लेते हैं. इस कारण उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है. ऐसे में खुद को तनाव मुक्त रखें. गुनगुना पानी पिएं, ठंडी और खट्टी चिकनाई युक्त भोजन, तला हुआ भोजन न खाएं. इंफेक्शन होने पर हल्का भोजन लें. साथ ही रोगी को मास्क लगाकर रहना चाहिए ताकि खांसते और छींकते हुए अन्य व्यक्ति संक्रमित नहीं हो.
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फेफड़े संबंधी बीमारी से ग्रस्त रहे ज्यादा सतर्क: अजमेर में कमला नेहरू टीवी अस्पताल में प्रभारी डॉ रमाकांत दीक्षित ने बताया कि जिन लोगों के फेफड़े कमजोर होते हैं. मसलन अस्थमा, सीओपीडी, आदतन स्मोकर, फेफड़ों की पुरानी बीमारी से ग्रसित हैं. ऐसे लोगों को निमोनिया का खतरा ज्यादा रहता है. वायरल इंफेक्शन से बचने के लिए बच्चों को सर्दी से बचाएं. पैकेट वाले जूस, कोल्ड ड्रिंक और ठंडा पानी ना पिलाएं. लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सक को दिखाएं.