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मितानिनों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित, दो सूत्रीय मांगों पर अड़ा स्वास्थ्य मितानिन संघ - STRIKE BY MILITANTS

छत्तीसगढ़ में मितानिनों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं हैं.मितानिनों ने संविलियन समेत 50 फीसदी मानदेय बढ़ाने की मांग की है.

Health services collapsed due to strike
मितानिनों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 2 hours ago

दुर्ग : गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं घरों तक पहुंचाने वाली मितानिन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.लेकिन उनकी मांगों पर किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं हुई.लिहाजा दुर्ग जिले में प्रदेश स्वास्थ्य मितानिन संघ के बैनर तले 1100 मितानिनों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया है.

मितानिनों ने की है वेतन की मांग : स्वास्थ्य मितानिन संघ की पदाधिकारी के मुताबिक उनकी दो सूत्रीय मांग है. बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में वादा किया था,उसे सरकार में आने के बाद पूरा नहीं किया गया है. जब गांव में कोई डिलीवरी नहीं होती है, तो मितानिनों को राशि नहीं मिलती है. ऐसे में इन्हें भी निश्चित वेतन दिया जाए.ताकि आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके.

Health services collapsed
हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
Health services collapsed
दो सूत्रीय मांगों पर अड़ा स्वास्थ्य मितानिन संघ (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

मितानिनों के मुताबिक सभी मितानिन , मितानिन प्रशिक्षक, ब्लॉक समन्यवक, स्वास्थ्य पंचायत समन्यवक, एरिया कोऑडिनेटर और मितानिन हेल्प डेस्क फैसिलिटेटर को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) में संविलियन किया जाए.क्योंकि SHRC, NGO के साथ काम करने पर उन्हें आर्थिक लाभ नहीं मिलता है. सरकार ने मितानिनों का मानदेय 50% बढ़ाने का वादा किया था.लेकिन अब तक इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया है.

Health services collapsed due to strike
प्रदेश सरकार से वादा निभाने की मांग (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
मितानिनों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

एक मितानिन 200 परिवार देखती है. हमारी मांग जायज है, इन्हें पूरा किया जाए. केन्द्र और राज्य सरकार महिलाओं के सम्मान की बात करती है. लेकिन दिनरात मेहनत करने वाली मितानिनों के बारे में नहीं सोच रही. उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. बच्चों की पढ़ाई के लिए फीस तक जुटाना मुश्किल हो जाता है- दुर्गा चंद्राकर, मितानिन

संविलियन की मांग : आपको बता दें कि मितानिनों के मुताबिक उनके पदाधिकारी 21 साल से सेवा दे रहे हैं.लेकिन अब तक उन्हें संविलियन से वंचित रखा गया है. लंबा अनुभव होने के बाद भी कम प्रोत्साहन राशि और क्षतिपूर्ति बेस से काम लिया जा रहा है.प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जब तक मांगों को पूरा नहीं करते तब तक हड़ताल जारी रहेगी.

आपको बता दें कि प्रदेश स्वास्थ्य मितानिन संघ ने सड़क पर उतरकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. जिसके कारण जिले की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं. वर्तमान में जिले में 2311 एवं प्रदेश में 72 हजार मितानिन कार्यरत हैं. काम बंद कलम बंद हड़ताल के कारण प्रदेश में टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, टीबी, कुष्ठ, गर्भवती एवं नवजात की देखभाल, स्वास्थ्य सर्वे जैसे कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

मितानिन संघ ने खोला मोर्चा, दो सूत्रीय मांग नहीं पूरा करने पर आंदोलन की चेतावनी

मितानिन संघ ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, अप्रैल से लागू मानदेय देने की मांग - राजनांदगांव कलेक्ट्रेट में जन चौपाल

नियमितिकरण की मांग पर मितानिनों का प्रदर्शन

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मितानिनों ने की है वेतन की मांग : स्वास्थ्य मितानिन संघ की पदाधिकारी के मुताबिक उनकी दो सूत्रीय मांग है. बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में वादा किया था,उसे सरकार में आने के बाद पूरा नहीं किया गया है. जब गांव में कोई डिलीवरी नहीं होती है, तो मितानिनों को राशि नहीं मिलती है. ऐसे में इन्हें भी निश्चित वेतन दिया जाए.ताकि आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके.

Health services collapsed
हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
Health services collapsed
दो सूत्रीय मांगों पर अड़ा स्वास्थ्य मितानिन संघ (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

मितानिनों के मुताबिक सभी मितानिन , मितानिन प्रशिक्षक, ब्लॉक समन्यवक, स्वास्थ्य पंचायत समन्यवक, एरिया कोऑडिनेटर और मितानिन हेल्प डेस्क फैसिलिटेटर को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) में संविलियन किया जाए.क्योंकि SHRC, NGO के साथ काम करने पर उन्हें आर्थिक लाभ नहीं मिलता है. सरकार ने मितानिनों का मानदेय 50% बढ़ाने का वादा किया था.लेकिन अब तक इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया है.

Health services collapsed due to strike
प्रदेश सरकार से वादा निभाने की मांग (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
मितानिनों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

एक मितानिन 200 परिवार देखती है. हमारी मांग जायज है, इन्हें पूरा किया जाए. केन्द्र और राज्य सरकार महिलाओं के सम्मान की बात करती है. लेकिन दिनरात मेहनत करने वाली मितानिनों के बारे में नहीं सोच रही. उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. बच्चों की पढ़ाई के लिए फीस तक जुटाना मुश्किल हो जाता है- दुर्गा चंद्राकर, मितानिन

संविलियन की मांग : आपको बता दें कि मितानिनों के मुताबिक उनके पदाधिकारी 21 साल से सेवा दे रहे हैं.लेकिन अब तक उन्हें संविलियन से वंचित रखा गया है. लंबा अनुभव होने के बाद भी कम प्रोत्साहन राशि और क्षतिपूर्ति बेस से काम लिया जा रहा है.प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जब तक मांगों को पूरा नहीं करते तब तक हड़ताल जारी रहेगी.

आपको बता दें कि प्रदेश स्वास्थ्य मितानिन संघ ने सड़क पर उतरकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. जिसके कारण जिले की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं. वर्तमान में जिले में 2311 एवं प्रदेश में 72 हजार मितानिन कार्यरत हैं. काम बंद कलम बंद हड़ताल के कारण प्रदेश में टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, टीबी, कुष्ठ, गर्भवती एवं नवजात की देखभाल, स्वास्थ्य सर्वे जैसे कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

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