सोलन: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल आईजीएमसी शिमला में इंजेक्शन न मिलने से कैंसर मरीज की मौत का मामला अब राजनीतिक रंग लेता जा रहा है. मृतक की बेटी के आरोपों पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा. वहीं, सुक्खू सरकार ने बीते दिन दावा किया कि मरीज को बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाई गई थी. इस कड़ी में आज सोलन पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा IGMC प्रबंधन ने इंजेक्शन मंगवाया था, लेकिन दुर्भाग्यवश मरीज को इसका लाभ नहीं मिल पाया.
स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा, "डॉक्टर कभी भी नहीं चाहते हैं कि उनके पेशेंट की हालत खराब हो या फिर उनकी मृत्यु हो जाए. अस्पताल प्रशासन ने इंजेक्शन मंगवाया था, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि मरीज को इसका लाभ नहीं मिल पाया. इस तरह के लाइफ सेविंग इंजेक्शन को भविष्य में रखना भी जरूरी होगा. इसके लिए कार्य किया जाएगा".
धनीराम शांडिल ने कहा कि जिस इंजेक्शन की बात की जा रही है, वह करीब ₹50,000 का था जो की बाहरी राज्यों से मंगाना पड़ता है. कैंसर पीड़ितों के लिए इस तरह के लाइफ सेविंग इंजेक्शन रखना जरूरी है. यह लाइफ सेविंग इंजेक्शन कैंसर पीड़ितों की जान बचाने के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं और इसके लिए कार्य किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को अस्पतालों में मरीजों को दिया जाए. इसके लिए प्रदेश सरकार लगातार कार्य कर रही है.
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