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चकाचक हैं मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं, हेल्थ डायनेमिक्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में मिली ये रैंक - MP Health System Ranking

केंद्र सरकार ने हेल्थ डायनेमिक्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट जारी कर दी है. इस रिपोर्ट में मध्य प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं की अच्छी रैंकिंग है. शहरी क्षेत्र के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष सेवाएं देने के मामले में मध्य प्रदेश पहले नंबर पर है. जानिए रिपोर्ट का पूरा आकंड़ा...

MP HEALTH SYSTEM
मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं का नहीं कोई तोड़ (Getty Image)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 11, 2024, 7:23 PM IST

भोपाल: केंद्र सरकार ने हेल्थ डायनेमिक्स ऑफ इंडिया की ताजा रिपोर्ट जारी की है. इसमें सरकार ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर प्रदेशों की रैकिंग जारी की है. इसमें मध्य प्रदेश के लिए अच्छी खबर है. दरअसल, देश में एमपी पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां शहरी क्षेत्रों के सभी 328 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों के मामले में ओडिशा और छत्तीसगढ़ अव्वल

एमपी में ग्रामीण क्षेत्रों के 1440 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में से 695 में आयुष सुविधाएं उपलब्ध हैं और शेष में बढ़ाई जा रही हैं. जनजातीय क्षेत्रों में 228 प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष डाक्टर उपलब्ध हैं. इस मापदण्ड पर मध्य प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है. वहीं प्रथम स्थान पर 296 की संख्या के साथ ओडीशा और 279 की संख्या के साथ छत्तीसगढ़ दूसरे स्थान पर है.

जिला अस्पतालों के संचालन में एमपी तीसरे स्थान पर

रिपोर्ट के अनुसार सब डिविजनल स्तर पर संचालित अस्पतालों और जिला अस्पतालों की संख्या के हिसाब से मध्य प्रदेश देश के प्रथम तीन राज्यों में शामिल है. यहां सब डिविजनल अस्पतालों की संख्या 144 है. तमिलनाडु में 281 की संख्या के साथ पहले और कर्नाटक 147 की संख्या के साथ दूसरे नंबर पर है. प्रदेश में जिला अस्पतालों की संख्या 52 है. इन मामले में एमपी देश में दूसरे स्थान पर है, जबकि 125 स्वास्थ्य केंद्रों के साथ उत्तर प्रदेश पहले और दिल्ली 40 के साथ तीसरे स्थान पर हैं.

एमपी में ऐसा है हेल्थ सिस्टम

रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के 55,885 गांवों में 10,258 उप स्वास्थ्य केन्द्र सेवाएं दे रहे हैं. गांवों में 1440 और शहरी क्षेत्र में 328 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं. गांवों में 332 और शहरों में 21 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं. सब डिविजन स्तर पर 144 और जिला स्तर पर 52 अस्पताल संचालित हैं. रिपोर्ट के अनुसार 13 मेडिकल कॉलेज कार्यरत हैं. धार जिले में सबसे ज्यादा 479 उप स्वास्थ्य केन्द्र हैं. दूसरे नम्बर पर बड़वानी 329, तीसरे स्थान पर रीवा 326 और चौथे पर सतना 302 हैं.

सबसे अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छिंदवाड़ा में

प्रदेश में ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा 68 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छिंदवाड़ा में है. इसके बाद खरगोन में 58 और रीवा 46 हैं. शहरों में भोपाल में सबसे ज्यादा 54 केन्द्र है. दूसरे नंबर पर इंदौर-40 और तीसरे नंबर पर जबलपुर-36 है. इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़वानी में 14, मंडला में 12 और सतना में 11 हैं. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 'गांव और शहरों में स्वास्थ्य अधोसंरचना में मध्य प्रदेश में वर्ष 2005 से 2023 तक हुई प्रगति का आकलन किया गया है. वर्ष 2005 में गांवों में उप स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या 8874 थी, जो अब 10258 हो गई है. इनमें से 3996 उप स्वास्थ्य केन्द्र सरकारी भवनों में लग रहे थे, अब 8626 सरकारी भवन में है.

स्वास्थ्य सेवा तंत्र कैसे काम करता है

उप स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की व्यवस्था और समुदाय के बीच पहली संपर्क संस्था है. मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, पोषण, टीकाकरण, दस्त नियंत्रण, संचारी और गैर-संचारी रोगों के नियंत्रण के संबंध में निचले स्तर पर सेवाएं दी जाती है. आदर्श स्थिति में एक उपकेंद्र में कम से कम एक सहायक नर्स मिडवाइफ, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता और एक पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता उपलब्ध रहते हैं. यह कम से कम चार गांव को सेवाएं देता है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समुदाय और चिकित्सा अधिकारी के बीच की संपर्क संस्था के रूप में काम करता है. यह 6 उप केन्द्रों के लिए एक रेफरल इकाई है. इसमें 4 से 6 बिस्तर की सुविधा होती है और यह 26 गांव को कवर करता है.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ऐसा रहता है सिस्टम

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 4 चिकित्सा विशेषज्ञ, पैरामेडिकल स्टाफ, फिजिशियन, प्रसूति व स्त्री रोग विशेषज्ञ और बाल रोग विशेषज्ञ होते हैं. इसमें एक ऑपरेशन थिएटर, एक्स-रे, लेबर रूम और प्रयोगशाला सुविधाओं के साथ 30 बिस्तर की क्षमता रहती है. एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कम से कम चार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए एक रेफरल इकाई के रूप में संचालित होता है. यह 121 गांव को सेवाएं दे सकता है. उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिलकर प्रदेश में 308252.00 वर्ग किलोमीटर में सेवाएं दे रहे हैं. इसमें 93 हजार वर्ग किलोमीटर जनजाति क्षेत्र है.

भोपाल: केंद्र सरकार ने हेल्थ डायनेमिक्स ऑफ इंडिया की ताजा रिपोर्ट जारी की है. इसमें सरकार ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर प्रदेशों की रैकिंग जारी की है. इसमें मध्य प्रदेश के लिए अच्छी खबर है. दरअसल, देश में एमपी पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां शहरी क्षेत्रों के सभी 328 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों के मामले में ओडिशा और छत्तीसगढ़ अव्वल

एमपी में ग्रामीण क्षेत्रों के 1440 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में से 695 में आयुष सुविधाएं उपलब्ध हैं और शेष में बढ़ाई जा रही हैं. जनजातीय क्षेत्रों में 228 प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष डाक्टर उपलब्ध हैं. इस मापदण्ड पर मध्य प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है. वहीं प्रथम स्थान पर 296 की संख्या के साथ ओडीशा और 279 की संख्या के साथ छत्तीसगढ़ दूसरे स्थान पर है.

जिला अस्पतालों के संचालन में एमपी तीसरे स्थान पर

रिपोर्ट के अनुसार सब डिविजनल स्तर पर संचालित अस्पतालों और जिला अस्पतालों की संख्या के हिसाब से मध्य प्रदेश देश के प्रथम तीन राज्यों में शामिल है. यहां सब डिविजनल अस्पतालों की संख्या 144 है. तमिलनाडु में 281 की संख्या के साथ पहले और कर्नाटक 147 की संख्या के साथ दूसरे नंबर पर है. प्रदेश में जिला अस्पतालों की संख्या 52 है. इन मामले में एमपी देश में दूसरे स्थान पर है, जबकि 125 स्वास्थ्य केंद्रों के साथ उत्तर प्रदेश पहले और दिल्ली 40 के साथ तीसरे स्थान पर हैं.

एमपी में ऐसा है हेल्थ सिस्टम

रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के 55,885 गांवों में 10,258 उप स्वास्थ्य केन्द्र सेवाएं दे रहे हैं. गांवों में 1440 और शहरी क्षेत्र में 328 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं. गांवों में 332 और शहरों में 21 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं. सब डिविजन स्तर पर 144 और जिला स्तर पर 52 अस्पताल संचालित हैं. रिपोर्ट के अनुसार 13 मेडिकल कॉलेज कार्यरत हैं. धार जिले में सबसे ज्यादा 479 उप स्वास्थ्य केन्द्र हैं. दूसरे नम्बर पर बड़वानी 329, तीसरे स्थान पर रीवा 326 और चौथे पर सतना 302 हैं.

सबसे अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छिंदवाड़ा में

प्रदेश में ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा 68 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छिंदवाड़ा में है. इसके बाद खरगोन में 58 और रीवा 46 हैं. शहरों में भोपाल में सबसे ज्यादा 54 केन्द्र है. दूसरे नंबर पर इंदौर-40 और तीसरे नंबर पर जबलपुर-36 है. इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़वानी में 14, मंडला में 12 और सतना में 11 हैं. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 'गांव और शहरों में स्वास्थ्य अधोसंरचना में मध्य प्रदेश में वर्ष 2005 से 2023 तक हुई प्रगति का आकलन किया गया है. वर्ष 2005 में गांवों में उप स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या 8874 थी, जो अब 10258 हो गई है. इनमें से 3996 उप स्वास्थ्य केन्द्र सरकारी भवनों में लग रहे थे, अब 8626 सरकारी भवन में है.

स्वास्थ्य सेवा तंत्र कैसे काम करता है

उप स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की व्यवस्था और समुदाय के बीच पहली संपर्क संस्था है. मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, पोषण, टीकाकरण, दस्त नियंत्रण, संचारी और गैर-संचारी रोगों के नियंत्रण के संबंध में निचले स्तर पर सेवाएं दी जाती है. आदर्श स्थिति में एक उपकेंद्र में कम से कम एक सहायक नर्स मिडवाइफ, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता और एक पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता उपलब्ध रहते हैं. यह कम से कम चार गांव को सेवाएं देता है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समुदाय और चिकित्सा अधिकारी के बीच की संपर्क संस्था के रूप में काम करता है. यह 6 उप केन्द्रों के लिए एक रेफरल इकाई है. इसमें 4 से 6 बिस्तर की सुविधा होती है और यह 26 गांव को कवर करता है.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ऐसा रहता है सिस्टम

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 4 चिकित्सा विशेषज्ञ, पैरामेडिकल स्टाफ, फिजिशियन, प्रसूति व स्त्री रोग विशेषज्ञ और बाल रोग विशेषज्ञ होते हैं. इसमें एक ऑपरेशन थिएटर, एक्स-रे, लेबर रूम और प्रयोगशाला सुविधाओं के साथ 30 बिस्तर की क्षमता रहती है. एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कम से कम चार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए एक रेफरल इकाई के रूप में संचालित होता है. यह 121 गांव को सेवाएं दे सकता है. उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिलकर प्रदेश में 308252.00 वर्ग किलोमीटर में सेवाएं दे रहे हैं. इसमें 93 हजार वर्ग किलोमीटर जनजाति क्षेत्र है.

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