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सिरमौर हेड कांस्टेबल मामला: जसवीर सैनी सस्पेंड, जानें अब तक क्या-क्या हुआ और कहां तक पहुंचा ये केस - Head Constable Jasveer Saini

Head Constable Jasveer Saini suspend: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में बहुचर्चित हेड कांस्टेबल मामले में अब जसवीर सैनी को सस्पेंड कर दिया गया है. मामले में हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए ये कार्रवाई की गई. जानें मामले में कब क्या हुआ? और कैसे पकड़ा मामले ने तूल...

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 6, 2024, 11:04 AM IST

Head Constable Jasveer Saini suspend
हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी निलंबित (ETV Bharat)

सिरमौर: हिमाचल प्रदेश में बहुचर्चित हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी मामला पूरी तरह से मीडिया की सुर्खियों में रहा है. अब इसमें ताजा घटनाक्रम यह सामने आया है कि हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी को सस्पेंड कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि अनुशासनहीनता को लेकर हेड कांस्टेबल पर ये कार्रवाई अमल में लाई गई है. वहीं, इस पूरे मामले की जांच शिमला मुख्यालय से गठित एसआईटी कर रही है. एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने हेड कांस्टेबल को सस्पेंड किए जाने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि नियमानुसार मामले में जांच जारी है.

यहां जानिए कब और क्या-क्या हुआ...

इस पूरे मामले ने पूरे हिमाचल पुलिस महकमे में हड़कंप मचाकर रखा दिया था. दरअसल पिछले महीने 8 जून को सिरमौर जिले के कालाअंब पुलिस थाना के तहत देवनी सड़क पर पंजाब के कुछ लोगों के साथ स्थानीय युवक अनिश व उसके पिता के साथ गाड़ी को साइड न देने को लेकर विवाद होता है. विवाद इतना अधिक बढ़ जाता है कि पंजाब से ताल्लुक रखने वाले कुछ व्यक्ति अनिश व उसके पिता के साथ बुरी तरह से मारपीट करते हैं. यहां तक कि अनिश पर लाठी-डंडों से हमला किया जाता है. इस पूरे मारपीट का एक वीडियो भी सामने आया. पीड़ित पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस थाना में इस संदर्भ में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज करवाया और इस केस की जांच का जिम्मा हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी को सौंपा गया.

हेडकांस्टेबल के वायरल वीडियो ने उड़ा दी हिमाचल पुलिस की नींद

अभी इस केस की जांच चल ही रही थी कि अचानक इसी बीच 12 जून की शाम को सोशल मीडिया पर कालाअंब पुलिस थाना में तैनात हेड कांस्टेबल और मारपीट के उपरोक्त मामले के जांच अधिकारी जसवीर सैनी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होना शुरू हो गया. वीडियो में हेड कांस्टेबल ने एसपी सिरमौर पर कथित प्रताड़ित करने के आरोप लगाने के साथ-साथ मारपीट पक्ष के लोगों पर उसको धमकाने जैसे गंभीर आरोप जड़े. साथ ही वो ऑन कैमरा अपनी नौकरी से त्यागपत्र देने की घोषणा भी करता है. इसके साथ-साथ वह अपनी जिंदगी से तंग आकर सुसाइड करने तक की बात वीडियो में कह डालता है. जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होता है, शिमला से लेकर सिरमौर तक पुलिस महकमे में खलबली मच जाती है. वीडियो के वायरल होने के साथ ही हेड कांस्टेबल लापता हो जाता है.

ये भी पढे़ं: सिरमौर पुलिस में मचा हड़कंप, हेड कांस्टेबल ने आला अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप, वीडियो वायरल

हड़कंप मचते देख तुरंत एसपी की तरफ से बयान हुआ जारी

सोशल मीडिया पर तेजी से हेड कांस्टेबल का वीडियो वायरल होने पर 12 जून की रात पौने 9 बजे ही एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा की तरफ से इस मामले में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पक्ष रखा गया. जिसमें एसपी ने 8 जून को हुई मारपीट का जिक्र करते हुए कहा कि जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी की जांच से पीड़ित पक्ष नाखुश था. सूचना मिलने पर उच्च अधिकारियों ने जब फाइल की जांच की, तो पाया कि हेड कांस्टेबल ने जांच में काफी अनियमितता बरतीं हैं. इस पर हेड कांस्टेबल को कानून के मुताबिक जांच नियमित रूप से करने के निर्देश दिए गए. साथ ही एसपी ने हेड कांस्टेबल द्वारा वायरल वीडियो में लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद व गैर जिम्मेदाराना करार दिया और जिला पुलिस की तरफ से सभी आरोपों का खंडन किया.

विपक्ष ने मामले को दिया अधिक तूल

तूल पकड़ते देख अगले दिन 13 जून की सुबह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने नाहन में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सुक्खू सरकार को घेरने का प्रयास किया. हेड कांस्टेबल के मामले में बिंदल ने सरकार पर जमकर निशाना साधा और मामले को लेकर चिंता व्यक्त की. वहीं, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने भी इस मामले को लेकर सरकार पर जुबानी हमला बोला था.

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परिजनों और ग्रामीणों ने किया खूब हंगामा

मामले ने उस वक्त अधिक तूल पकड़ लिया, जब विपक्ष के बाद 13 जून की दोपहर साढ़े 12 के करीब नवादा गांव के रहने वाले हेडकांस्टेबल जसवीर सैनी की पत्नी अनिता सहित गांव के दर्जनों लोगों ने डीसी व एसपी कार्यालय पर खूब हंगामा किया. इस दौरान सीधे-सीधे एसपी पर हेडकांस्टेबल को प्रताड़ित करने के कथित आरोप लगाए गए. साथ ही सिरमौर पुलिस से मामले की जांच को न करवाकर उच्च स्तर पर जांच की गुहार लगाई गई. नाहन में दिन भर यह मामला पूरी तरह से गरमाया रहा.

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सीआईडी क्राइम के डीआईजी को सौंपी जांच

13 जून को परिजनों व ग्रामीणों द्वारा खूब हंगामा होने के बाद दबाव को बढ़ता देख इसी दिन शिमला मुख्यालय से हेड कांस्टेबल मिसिंग केस सीआईडी क्राइम को ट्रांसफर कर मामले की जांच का जिम्मा डीआईजी को सौंपा गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीआईजी डीके चौधरी शाम को ही तुरंत जिला मुख्यालय पहुंचे. यहां परिजनों व ग्रामीणों से मुलाकात की. हेड कांस्टेबल की पत्नी अनिता ने डीआईजी को पत्र सौंपा और एसपी सिरमौर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. वहीं, सिरमौर पुलिस की तरफ से भी लापता हेड कांस्टेबल की तलाश में पूरी ताकत झोंक दी गई. विभिन्न टीमें जसवीर की तलाश कर रही थी, लेकिन 13 जून की शाम तक उसका कुछ पता नहीं चल पाया था.

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14 जून को दूसरा पक्ष मामले में सामने लाया नया मोड़

14 जून शुक्रवार को उस वक्त इस मामले में नया मोड़ आ गया, जब 8 जून को हुई मारपीट का पीड़ित पक्ष डीसी सिरमौर को शिकायत पत्र सौंपने पहुंचा. पीड़ित अनिश के चाचा तेजवीर व पिता राजेश कुमार ने सीधे-सीधे जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने हेड कांस्टेबल पर मामले में समझौते का दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए हेड कांस्टेबल की जांच पर सवाल खड़े किए. वह हेड कांस्टेबल की जांच से नाखुश दिखाई दिए. उन्होंने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. लिहाजा मामला सुलझने की बजाय और उलझता चला गया.

ये भी पढ़ें: जिस केस की जांच कर रहा था लापता हेड कॉन्स्टेबल, उस मारपीट का वीडियो आया सामने

14 जून की शाम आई बड़ी खबर

14 जून को सीआईडी क्राइम के डीआईजी डीके चौधरी कालाअंब में पहुंच दिन भर मामले की जांच में जुट रहे. दूसरी तरफ सिरमौर पुलिस भी लगातार हेड कांस्टेबल की तलाश में जगह-जगह खाक छानती रही. खुफिया तंत्र को भी अलर्ट किया जा चुका था. कॉल डिटेल्स सहित सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला गया, ताकि हेड कांस्टेबल को कोई सुराग लग पाया. इसी बीच देर शाम एक बड़ी खबर सामने आई. सीआईडी और जिला पुलिस के सहयोग से लापता हुए जसवीर सैनी का पता चल गया. उसे हरियाणा के नारायणगढ़ के पास से पकड़कर नाहन लाया गया. देर रात मेडिकल चेकअप के दौरान तबीयत खराब होने की वजह से हेड कांस्टेबल जसवीर को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में मिला लापता हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी, CID और हिमाचल पुलिस ने ऐसे ढूंढ निकाला

जसवीर की बरामदगी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुआ खुलासा

14 जून की देर शाम हेड कांस्टेबल के मिलने के बाद अगले दिन सभी की निगाहें सीआईडी और पुलिस महकमे द्वारा आयोजित होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी रही. दोपहर साढ़े 11 बजे एसपी रमन कुमार मीणा व अन्य पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में डीआईजी डीके चौधरी ने मामले से जुड़ी जानकारी को मीडिया के साथ साझा किया. लापता होने के तीसरे दिन सही सलामत मिले हेड कांस्टेबल के मामले में डीआईजी ने कहा कि हेड कांस्टेबल की पत्नी की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने इस मामले में डीजीपी को निर्देश दिए, जिसके बाद हेड कांस्टेबल मिसिंग केस सीआईडी को ट्रांसफर किया गया. उन्होंने कहा कि जब वह जांच के लिए यहां पहुंचे, उन्होंने पाया कि जिला पुलिस यहां पहले से ही हेड कांस्टेबल की तलाश के लिए हर स्तर पर अलग-अलग टीम बनाकर जांच में जुटी थी. वह भी सीआईडी के 2 से 4 लोग साथ लेकर यहां आए. जिला पुलिस टेक्निकल व सर्विलांस सहित विभिन्न टीमें गठित कर अपना काम कर रही थी.

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एक फोन कॉल से पकड़ में आया हेडकांस्टेबल

डीआईजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि जांच करते करते इसी बीच 14 जून की शाम को कालाअंब में ही मौजूद पांवटा साहिब की डीएसपी अदिती सिंह को एक फोन कॉल आई कि लापता हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी नारायणगढ़ के समीप एक ट्यूबवेल पर लेटा हुआ है. इसके बाद डीएसपी की अगुवाई में टीम नारायणगढ़ के पास गुजरा क्षेत्र में पहुंची, जहां हेडकांस्टेबल ट्यूबवेल पर लेटा हुआ था. यहां से टीम ने उसे सुरक्षित पकड़ लिया. हेडकांस्टेबल की बरामदगी के बाद परिजनों को भी सूचित कर बुलाया लिया गया, लेकिन जब मेडिकल के लिए हेड कांस्टेबल को लेकर गए, तो उसकी तबीयत थोड़ी ठीक नहीं थी, जिसके चलते उसे नाहन मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया. लिहाजा हेड कांस्टेबल के बयान कलमबंद नहीं हो पाए.

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लापता नहीं बल्कि छिपा हुआ था हेड कांस्टेबल

प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्टेट सीआईडी के डीआईजी डीके चौधरी ने ये भी कहा था कि हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी लापता नहीं था, बल्कि छिपा हुआ था, क्योंकि लापता तो वो होता है, जिसे पता नहीं चलता कि वह कहां जा रहा है. उन्होंने मामले में डिटेल इन्क्वायरी कर विभागीय जांच की बात भी कही.

सवालों के जवाब में एसपी ने किया चौंकाने वाले खुलासे

डीआईजी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद एसपी रमन कुमार मीणा ने भी सवालों के जवाब में कहा कि एक गरीब व्यक्ति जिसके साथ मारपीट होती है, उसकी सही जांच के निर्देश देने पर जो हेड कांस्टेबल ने मामले में सोशल मीडिया ट्रायल किया गया या किस तरह करवाया गया, यह सभी जांच का विषय है. एसपी ने ये भी कहा कि एक व्यक्ति को बाहरी राज्य के 6-6 फुट के लड़के लाठियों लेकर जानवर की तरह मार रहे हैं और इस केस में न तो एक्सरे करवाया गया, न पीड़ित के कहने के बावजूद मारपीट का वीडियो कब्जे में लिया गया, न ही पीड़ित की स्टेटमेंट को सही तरीके से रिकॉर्ड किया गया. लिहाजा मामले में सही जांच करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन उसके अगले ही दिन हेड कांस्टेबल का यह वीडियो वायरल हो गया. एसपी ने यहां देवनी सड़क पर 8 जून को हुई मारपीट के मामले का जिक्र किया था, जिसकी जांच का जिम्मा हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी को दिया गया था.

10 जून को दिए निर्देश, अगले दिन वीडियो हुआ वायरल

एसपी सिरमौर ने ये भी कहा कि पीड़ित पक्ष आरोप लगा था कि जांच अधिकारी हेडकांस्टेबल ने उन पर लगातार मामले में समझौता करने का दबाव बनाया और साथ ही उन्हें धमकाया. उन्होंने बताया कि 8 जून को मारपीट का यह केस दर्ज हुआ और 10 जून को जैसे ही पीड़ित उनके पास पहुंचे, तो हेड कांस्टेबल को कानून के मुताबिक सही जांच करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इसके अगले ही दिन 11 जून को हेडकांस्टेबल का यह वीडियो वायरल हो गया. इसी बीच मारपीट के उस केस को भी सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया, जिसकी जांच हेड कांस्टेबल कर रहा था.

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पैसों के लेनदेन को लेकर कथित वायरल ऑडियो आया सामने

इसी बीच हेड कांस्टेबल का पैसों के लेनदेन का एक कथित विडियो भी वायरल हो गया। पत्रकार वार्ता में इस कथित ऑडियो पर पूछे गए सवाल पर एसपी मीणा ने कहा कि दरअसल पैसों के लेन-देन का यह मामला किसी और अन्य केस से संबंधित है, जिसकी शिकायत गत 17 मई को आई. एसपी ने कहा कि शिकायत में एक व्यक्ति ने हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी पर 45 हजार रुपए लेने का आरोप लगाया और उस व्यक्ति ने हेड कांस्टेबल की ऑडियो बनाई है. एसपी ने बताया कि यह ऑडियो जांच के लिए पुलिस को मिला और इसकी प्रारंभिक जांच डीएसपी हेडक्वार्टर द्वारा की गई, जिसमें आरोपों की पुष्टि भी पाई गई थी, लेकिन आगामी जांच से पहले ही हेड कांस्टेबल का यह सारा प्रकरण सामने आ गया. हेडकांस्टेबल प्रकरण मामले में हिमाचल पुलिस की छवि को बड़ा दाग लगा है, जिसे प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीआईजी चौधरी और एसपी मीणा दोनों ने स्वीकार किया था.

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मामले की जांच को लेकर एसआईटी का गठन

15 जून की देर शाम बहुचर्चित हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी से जुड़े मामले की जांच को एसआईटी को सौंप दिया गया. डीजीपी के निर्देश के बाद राज्य पुलिस के आईजी (इंटेलिजेंस) ने एसआईटी गठन के आदेश जारी किए. एसआईटी की अगुवाई एएसपी (एएनटीएफ) यानी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स रमेश कुमार शर्मा को सौंपी गई है और अब यही टीम इस पूरे मामले की आगामी जांच कर रही है.

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हेड कांस्टेबल ने वीडियो में कही बातें दोहराई

16 जून को हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी के बयान कलमबंद कर लिए गए. स्टेट सीआईडी (क्राइम) के डीआईजी डीके चौधरी ने हेड कांस्टेबल के बयान दर्ज किए. डीआईजी चौधरी ने बताया था कि हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी के बयान कलमबंद कर लिए गए है, जिसमें उसने उन्हीं बातों को दोहराया है, जो उसने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कहीं थीं. अब इस मामले में हैड कांस्टेबल को निलंबित किया गया है.

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सिरमौर: हिमाचल प्रदेश में बहुचर्चित हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी मामला पूरी तरह से मीडिया की सुर्खियों में रहा है. अब इसमें ताजा घटनाक्रम यह सामने आया है कि हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी को सस्पेंड कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि अनुशासनहीनता को लेकर हेड कांस्टेबल पर ये कार्रवाई अमल में लाई गई है. वहीं, इस पूरे मामले की जांच शिमला मुख्यालय से गठित एसआईटी कर रही है. एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने हेड कांस्टेबल को सस्पेंड किए जाने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि नियमानुसार मामले में जांच जारी है.

यहां जानिए कब और क्या-क्या हुआ...

इस पूरे मामले ने पूरे हिमाचल पुलिस महकमे में हड़कंप मचाकर रखा दिया था. दरअसल पिछले महीने 8 जून को सिरमौर जिले के कालाअंब पुलिस थाना के तहत देवनी सड़क पर पंजाब के कुछ लोगों के साथ स्थानीय युवक अनिश व उसके पिता के साथ गाड़ी को साइड न देने को लेकर विवाद होता है. विवाद इतना अधिक बढ़ जाता है कि पंजाब से ताल्लुक रखने वाले कुछ व्यक्ति अनिश व उसके पिता के साथ बुरी तरह से मारपीट करते हैं. यहां तक कि अनिश पर लाठी-डंडों से हमला किया जाता है. इस पूरे मारपीट का एक वीडियो भी सामने आया. पीड़ित पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस थाना में इस संदर्भ में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज करवाया और इस केस की जांच का जिम्मा हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी को सौंपा गया.

हेडकांस्टेबल के वायरल वीडियो ने उड़ा दी हिमाचल पुलिस की नींद

अभी इस केस की जांच चल ही रही थी कि अचानक इसी बीच 12 जून की शाम को सोशल मीडिया पर कालाअंब पुलिस थाना में तैनात हेड कांस्टेबल और मारपीट के उपरोक्त मामले के जांच अधिकारी जसवीर सैनी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होना शुरू हो गया. वीडियो में हेड कांस्टेबल ने एसपी सिरमौर पर कथित प्रताड़ित करने के आरोप लगाने के साथ-साथ मारपीट पक्ष के लोगों पर उसको धमकाने जैसे गंभीर आरोप जड़े. साथ ही वो ऑन कैमरा अपनी नौकरी से त्यागपत्र देने की घोषणा भी करता है. इसके साथ-साथ वह अपनी जिंदगी से तंग आकर सुसाइड करने तक की बात वीडियो में कह डालता है. जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होता है, शिमला से लेकर सिरमौर तक पुलिस महकमे में खलबली मच जाती है. वीडियो के वायरल होने के साथ ही हेड कांस्टेबल लापता हो जाता है.

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हड़कंप मचते देख तुरंत एसपी की तरफ से बयान हुआ जारी

सोशल मीडिया पर तेजी से हेड कांस्टेबल का वीडियो वायरल होने पर 12 जून की रात पौने 9 बजे ही एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा की तरफ से इस मामले में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पक्ष रखा गया. जिसमें एसपी ने 8 जून को हुई मारपीट का जिक्र करते हुए कहा कि जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी की जांच से पीड़ित पक्ष नाखुश था. सूचना मिलने पर उच्च अधिकारियों ने जब फाइल की जांच की, तो पाया कि हेड कांस्टेबल ने जांच में काफी अनियमितता बरतीं हैं. इस पर हेड कांस्टेबल को कानून के मुताबिक जांच नियमित रूप से करने के निर्देश दिए गए. साथ ही एसपी ने हेड कांस्टेबल द्वारा वायरल वीडियो में लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद व गैर जिम्मेदाराना करार दिया और जिला पुलिस की तरफ से सभी आरोपों का खंडन किया.

विपक्ष ने मामले को दिया अधिक तूल

तूल पकड़ते देख अगले दिन 13 जून की सुबह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने नाहन में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सुक्खू सरकार को घेरने का प्रयास किया. हेड कांस्टेबल के मामले में बिंदल ने सरकार पर जमकर निशाना साधा और मामले को लेकर चिंता व्यक्त की. वहीं, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने भी इस मामले को लेकर सरकार पर जुबानी हमला बोला था.

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परिजनों और ग्रामीणों ने किया खूब हंगामा

मामले ने उस वक्त अधिक तूल पकड़ लिया, जब विपक्ष के बाद 13 जून की दोपहर साढ़े 12 के करीब नवादा गांव के रहने वाले हेडकांस्टेबल जसवीर सैनी की पत्नी अनिता सहित गांव के दर्जनों लोगों ने डीसी व एसपी कार्यालय पर खूब हंगामा किया. इस दौरान सीधे-सीधे एसपी पर हेडकांस्टेबल को प्रताड़ित करने के कथित आरोप लगाए गए. साथ ही सिरमौर पुलिस से मामले की जांच को न करवाकर उच्च स्तर पर जांच की गुहार लगाई गई. नाहन में दिन भर यह मामला पूरी तरह से गरमाया रहा.

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सीआईडी क्राइम के डीआईजी को सौंपी जांच

13 जून को परिजनों व ग्रामीणों द्वारा खूब हंगामा होने के बाद दबाव को बढ़ता देख इसी दिन शिमला मुख्यालय से हेड कांस्टेबल मिसिंग केस सीआईडी क्राइम को ट्रांसफर कर मामले की जांच का जिम्मा डीआईजी को सौंपा गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीआईजी डीके चौधरी शाम को ही तुरंत जिला मुख्यालय पहुंचे. यहां परिजनों व ग्रामीणों से मुलाकात की. हेड कांस्टेबल की पत्नी अनिता ने डीआईजी को पत्र सौंपा और एसपी सिरमौर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. वहीं, सिरमौर पुलिस की तरफ से भी लापता हेड कांस्टेबल की तलाश में पूरी ताकत झोंक दी गई. विभिन्न टीमें जसवीर की तलाश कर रही थी, लेकिन 13 जून की शाम तक उसका कुछ पता नहीं चल पाया था.

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14 जून को दूसरा पक्ष मामले में सामने लाया नया मोड़

14 जून शुक्रवार को उस वक्त इस मामले में नया मोड़ आ गया, जब 8 जून को हुई मारपीट का पीड़ित पक्ष डीसी सिरमौर को शिकायत पत्र सौंपने पहुंचा. पीड़ित अनिश के चाचा तेजवीर व पिता राजेश कुमार ने सीधे-सीधे जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने हेड कांस्टेबल पर मामले में समझौते का दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए हेड कांस्टेबल की जांच पर सवाल खड़े किए. वह हेड कांस्टेबल की जांच से नाखुश दिखाई दिए. उन्होंने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. लिहाजा मामला सुलझने की बजाय और उलझता चला गया.

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14 जून की शाम आई बड़ी खबर

14 जून को सीआईडी क्राइम के डीआईजी डीके चौधरी कालाअंब में पहुंच दिन भर मामले की जांच में जुट रहे. दूसरी तरफ सिरमौर पुलिस भी लगातार हेड कांस्टेबल की तलाश में जगह-जगह खाक छानती रही. खुफिया तंत्र को भी अलर्ट किया जा चुका था. कॉल डिटेल्स सहित सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला गया, ताकि हेड कांस्टेबल को कोई सुराग लग पाया. इसी बीच देर शाम एक बड़ी खबर सामने आई. सीआईडी और जिला पुलिस के सहयोग से लापता हुए जसवीर सैनी का पता चल गया. उसे हरियाणा के नारायणगढ़ के पास से पकड़कर नाहन लाया गया. देर रात मेडिकल चेकअप के दौरान तबीयत खराब होने की वजह से हेड कांस्टेबल जसवीर को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया.

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जसवीर की बरामदगी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुआ खुलासा

14 जून की देर शाम हेड कांस्टेबल के मिलने के बाद अगले दिन सभी की निगाहें सीआईडी और पुलिस महकमे द्वारा आयोजित होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी रही. दोपहर साढ़े 11 बजे एसपी रमन कुमार मीणा व अन्य पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में डीआईजी डीके चौधरी ने मामले से जुड़ी जानकारी को मीडिया के साथ साझा किया. लापता होने के तीसरे दिन सही सलामत मिले हेड कांस्टेबल के मामले में डीआईजी ने कहा कि हेड कांस्टेबल की पत्नी की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने इस मामले में डीजीपी को निर्देश दिए, जिसके बाद हेड कांस्टेबल मिसिंग केस सीआईडी को ट्रांसफर किया गया. उन्होंने कहा कि जब वह जांच के लिए यहां पहुंचे, उन्होंने पाया कि जिला पुलिस यहां पहले से ही हेड कांस्टेबल की तलाश के लिए हर स्तर पर अलग-अलग टीम बनाकर जांच में जुटी थी. वह भी सीआईडी के 2 से 4 लोग साथ लेकर यहां आए. जिला पुलिस टेक्निकल व सर्विलांस सहित विभिन्न टीमें गठित कर अपना काम कर रही थी.

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एक फोन कॉल से पकड़ में आया हेडकांस्टेबल

डीआईजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि जांच करते करते इसी बीच 14 जून की शाम को कालाअंब में ही मौजूद पांवटा साहिब की डीएसपी अदिती सिंह को एक फोन कॉल आई कि लापता हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी नारायणगढ़ के समीप एक ट्यूबवेल पर लेटा हुआ है. इसके बाद डीएसपी की अगुवाई में टीम नारायणगढ़ के पास गुजरा क्षेत्र में पहुंची, जहां हेडकांस्टेबल ट्यूबवेल पर लेटा हुआ था. यहां से टीम ने उसे सुरक्षित पकड़ लिया. हेडकांस्टेबल की बरामदगी के बाद परिजनों को भी सूचित कर बुलाया लिया गया, लेकिन जब मेडिकल के लिए हेड कांस्टेबल को लेकर गए, तो उसकी तबीयत थोड़ी ठीक नहीं थी, जिसके चलते उसे नाहन मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया. लिहाजा हेड कांस्टेबल के बयान कलमबंद नहीं हो पाए.

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लापता नहीं बल्कि छिपा हुआ था हेड कांस्टेबल

प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्टेट सीआईडी के डीआईजी डीके चौधरी ने ये भी कहा था कि हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी लापता नहीं था, बल्कि छिपा हुआ था, क्योंकि लापता तो वो होता है, जिसे पता नहीं चलता कि वह कहां जा रहा है. उन्होंने मामले में डिटेल इन्क्वायरी कर विभागीय जांच की बात भी कही.

सवालों के जवाब में एसपी ने किया चौंकाने वाले खुलासे

डीआईजी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद एसपी रमन कुमार मीणा ने भी सवालों के जवाब में कहा कि एक गरीब व्यक्ति जिसके साथ मारपीट होती है, उसकी सही जांच के निर्देश देने पर जो हेड कांस्टेबल ने मामले में सोशल मीडिया ट्रायल किया गया या किस तरह करवाया गया, यह सभी जांच का विषय है. एसपी ने ये भी कहा कि एक व्यक्ति को बाहरी राज्य के 6-6 फुट के लड़के लाठियों लेकर जानवर की तरह मार रहे हैं और इस केस में न तो एक्सरे करवाया गया, न पीड़ित के कहने के बावजूद मारपीट का वीडियो कब्जे में लिया गया, न ही पीड़ित की स्टेटमेंट को सही तरीके से रिकॉर्ड किया गया. लिहाजा मामले में सही जांच करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन उसके अगले ही दिन हेड कांस्टेबल का यह वीडियो वायरल हो गया. एसपी ने यहां देवनी सड़क पर 8 जून को हुई मारपीट के मामले का जिक्र किया था, जिसकी जांच का जिम्मा हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी को दिया गया था.

10 जून को दिए निर्देश, अगले दिन वीडियो हुआ वायरल

एसपी सिरमौर ने ये भी कहा कि पीड़ित पक्ष आरोप लगा था कि जांच अधिकारी हेडकांस्टेबल ने उन पर लगातार मामले में समझौता करने का दबाव बनाया और साथ ही उन्हें धमकाया. उन्होंने बताया कि 8 जून को मारपीट का यह केस दर्ज हुआ और 10 जून को जैसे ही पीड़ित उनके पास पहुंचे, तो हेड कांस्टेबल को कानून के मुताबिक सही जांच करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इसके अगले ही दिन 11 जून को हेडकांस्टेबल का यह वीडियो वायरल हो गया. इसी बीच मारपीट के उस केस को भी सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया, जिसकी जांच हेड कांस्टेबल कर रहा था.

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पैसों के लेनदेन को लेकर कथित वायरल ऑडियो आया सामने

इसी बीच हेड कांस्टेबल का पैसों के लेनदेन का एक कथित विडियो भी वायरल हो गया। पत्रकार वार्ता में इस कथित ऑडियो पर पूछे गए सवाल पर एसपी मीणा ने कहा कि दरअसल पैसों के लेन-देन का यह मामला किसी और अन्य केस से संबंधित है, जिसकी शिकायत गत 17 मई को आई. एसपी ने कहा कि शिकायत में एक व्यक्ति ने हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी पर 45 हजार रुपए लेने का आरोप लगाया और उस व्यक्ति ने हेड कांस्टेबल की ऑडियो बनाई है. एसपी ने बताया कि यह ऑडियो जांच के लिए पुलिस को मिला और इसकी प्रारंभिक जांच डीएसपी हेडक्वार्टर द्वारा की गई, जिसमें आरोपों की पुष्टि भी पाई गई थी, लेकिन आगामी जांच से पहले ही हेड कांस्टेबल का यह सारा प्रकरण सामने आ गया. हेडकांस्टेबल प्रकरण मामले में हिमाचल पुलिस की छवि को बड़ा दाग लगा है, जिसे प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीआईजी चौधरी और एसपी मीणा दोनों ने स्वीकार किया था.

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मामले की जांच को लेकर एसआईटी का गठन

15 जून की देर शाम बहुचर्चित हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी से जुड़े मामले की जांच को एसआईटी को सौंप दिया गया. डीजीपी के निर्देश के बाद राज्य पुलिस के आईजी (इंटेलिजेंस) ने एसआईटी गठन के आदेश जारी किए. एसआईटी की अगुवाई एएसपी (एएनटीएफ) यानी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स रमेश कुमार शर्मा को सौंपी गई है और अब यही टीम इस पूरे मामले की आगामी जांच कर रही है.

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हेड कांस्टेबल ने वीडियो में कही बातें दोहराई

16 जून को हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी के बयान कलमबंद कर लिए गए. स्टेट सीआईडी (क्राइम) के डीआईजी डीके चौधरी ने हेड कांस्टेबल के बयान दर्ज किए. डीआईजी चौधरी ने बताया था कि हेड कांस्टेबल जसवीर सैनी के बयान कलमबंद कर लिए गए है, जिसमें उसने उन्हीं बातों को दोहराया है, जो उसने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कहीं थीं. अब इस मामले में हैड कांस्टेबल को निलंबित किया गया है.

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