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HC में गंगा अवैध खनन मामले में मातृ सदन के संतों ने खुद की पैरवी, 26 जुलाई को होगी अगली सुनवाई - Ganga river illegal mining case

Haridwar Ganga River Illegal Mining Case मातृ सदन द्वारा हरिद्वार में रायवाला से भोगपुर के बीच गंगा नदी में अवैध खनन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. हाईकोर्ट में मातृ सदन के संतों ने खुद इस केस की पैरवी की. वहीं कोर्ट ने इस मामले में अगली तिथि 26 जुलाई नियत की है.

uttarakhand high court
उत्तराखंड हाईकोर्ट (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 19, 2024, 6:33 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार में रायवाला से भोगपुर के बीच गंगा नदी में अवैध खनन के खिलाफ मातृ सदन की जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने सुनवाई को जारी रखते हुए अगली सुनवाई 26 जुलाई की तिथि की है. हाईकोर्ट में मामले पर मातृ सदन के संतों ने खुद इस केस की पैरवी की.

मामले के अनुसार हरिद्वार मातृ सदन ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हरिद्वार में रायवाला से भोगपुर के बीच गंगा नदी में नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है. जिससे गंगा नदी के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है. गंगा नदी में खनन करने वाले नेशनल मिशन क्लीन गंगा को पलीता लगा रहे हैं. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि गंगा नदी में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाई जाए, ताकि गंगा नदी के अस्तित्व को बचाया जा सके.

अब खनन कुंभ क्षेत्र में भी किया जा रहा है. याचिकर्ता का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार ने गंगा नदी को बचाने के लिए एनएमसीजी बोर्ड गठित किया है. जिसका मुख्य उद्देश्य गंगा को साफ करना व उसके अस्तित्व को बचाए रखना है. एनएमसीजी द्वारा राज्य सरकार को बार बार आदेश दिए गए कि यहां खनन कार्य नहीं किया जाए. उसके बाद में सरकार द्वारा यहां खनन कार्य करवाया जा रहा है. यूएन ने भी भारत सरकार को निर्देश दिए थे कि गंगा को बचाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा रहे? उसके बाद भी सरकार द्वारा गंगा के अस्तित्व को समाप्त किया जा रहा है.

पढ़ें-रुद्रप्रयाग में अवैध खनन पर प्रशासन का बड़ा एक्शन, ₹23 लाख का जुर्माना के साथ क्रशर किया सीज, भेजा नोटिस

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार में रायवाला से भोगपुर के बीच गंगा नदी में अवैध खनन के खिलाफ मातृ सदन की जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने सुनवाई को जारी रखते हुए अगली सुनवाई 26 जुलाई की तिथि की है. हाईकोर्ट में मामले पर मातृ सदन के संतों ने खुद इस केस की पैरवी की.

मामले के अनुसार हरिद्वार मातृ सदन ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हरिद्वार में रायवाला से भोगपुर के बीच गंगा नदी में नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है. जिससे गंगा नदी के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है. गंगा नदी में खनन करने वाले नेशनल मिशन क्लीन गंगा को पलीता लगा रहे हैं. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि गंगा नदी में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाई जाए, ताकि गंगा नदी के अस्तित्व को बचाया जा सके.

अब खनन कुंभ क्षेत्र में भी किया जा रहा है. याचिकर्ता का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार ने गंगा नदी को बचाने के लिए एनएमसीजी बोर्ड गठित किया है. जिसका मुख्य उद्देश्य गंगा को साफ करना व उसके अस्तित्व को बचाए रखना है. एनएमसीजी द्वारा राज्य सरकार को बार बार आदेश दिए गए कि यहां खनन कार्य नहीं किया जाए. उसके बाद में सरकार द्वारा यहां खनन कार्य करवाया जा रहा है. यूएन ने भी भारत सरकार को निर्देश दिए थे कि गंगा को बचाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा रहे? उसके बाद भी सरकार द्वारा गंगा के अस्तित्व को समाप्त किया जा रहा है.

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