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उत्तराखंड पॉलिटेक्निक भर्ती मामले में सुनवाई, हाईकोर्ट से इन अभ्यर्थियों के पक्ष में आया फैसला - Uttarakhand Polytechnic Recruitment - UTTARAKHAND POLYTECHNIC RECRUITMENT

Uttarakhand Polytechnic Colleges Recruitment Case नैनीताल हाईकोर्ट से उन अभ्यर्थियों के पक्ष में बड़ा फैसला आया है, जो विज्ञप्ति में जारी शर्तों की वजह से विभिन्न पदों पर आवेदन करने से वंचित हो रहे थे. अब वो अभ्यर्थी भी परीक्षा में शामिल हो सकेंगे, जिनकी बी फार्मा में फर्स्ट डिवीजन नहीं है. यानी सेकंड डिवीजन या अन्य भी परीक्षा में शामिल हो सकेंगे. जानिए पूरा मामला...

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 22, 2024, 4:44 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में खाली पड़े 527 विभिन्न पदों को भरने के लिए जारी विज्ञप्ति की शर्तों को चुनौती देती याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने उन अभ्यर्थियों को भी परीक्षा में शामिल करने को कहा है, जिनकी विज्ञप्ति में जारी शर्तों के अनुसार बी फार्मा में फर्स्ट डिवीजन नहीं थे. यानी अब वे अभ्यर्थी भी इसमें प्रतिभाग कर पाएंगे, जिनकी बी फार्मा में सेकंड डिवीजन या अन्य थी. यह प्रक्रिया कोर्ट के निर्णय के अधीन रहेगी.

दरअसल, पौड़ी जिले के विनोद समेत कई अन्य अभ्यर्थियों ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 7 जुलाई 2023 को जारी विज्ञप्ति को चुनौती दी है. जिसमें उनका कहना है कि राज्य सरकार ने पॉलिटेक्निक कॉलेजों में खाली पड़े 527 विभिन्न पदों को भरने के लिए विज्ञप्ति जारी की थी, लेकिन विज्ञप्ति में शर्त ये रखी थी कि वे ही अभ्यर्थी इसमे शामिल होंगे, जिनकी बी फार्मा में फर्स्ट डिवीजन होगी. जिसकी वजह से वे इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पा रहे हैं. इसलिए उन्हें इसमें प्रतिभाग करने की अनुमति दी जाए.

परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाए: क्योंकि, राज्य सरकार ने खाली पड़े पदों को भरने के लिए 2015 के बाद अब विज्ञप्ति जारी की है. इससे पहले यह नियम लागू नहीं था. उनका कहना था कि वो कई सालों से इसकी तैयारी कर रहे हैं, लेकिन अब राज्य सरकार ने नियमों में संशोधन करके बी फार्मा में फर्स्ट डिवीजन होना अनिवार्य कर दिया, जो कि गलत है. इसलिए उन्हें भी परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाए.

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दरअसल, पौड़ी जिले के विनोद समेत कई अन्य अभ्यर्थियों ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 7 जुलाई 2023 को जारी विज्ञप्ति को चुनौती दी है. जिसमें उनका कहना है कि राज्य सरकार ने पॉलिटेक्निक कॉलेजों में खाली पड़े 527 विभिन्न पदों को भरने के लिए विज्ञप्ति जारी की थी, लेकिन विज्ञप्ति में शर्त ये रखी थी कि वे ही अभ्यर्थी इसमे शामिल होंगे, जिनकी बी फार्मा में फर्स्ट डिवीजन होगी. जिसकी वजह से वे इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पा रहे हैं. इसलिए उन्हें इसमें प्रतिभाग करने की अनुमति दी जाए.

परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाए: क्योंकि, राज्य सरकार ने खाली पड़े पदों को भरने के लिए 2015 के बाद अब विज्ञप्ति जारी की है. इससे पहले यह नियम लागू नहीं था. उनका कहना था कि वो कई सालों से इसकी तैयारी कर रहे हैं, लेकिन अब राज्य सरकार ने नियमों में संशोधन करके बी फार्मा में फर्स्ट डिवीजन होना अनिवार्य कर दिया, जो कि गलत है. इसलिए उन्हें भी परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाए.

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