हजारीबाग: जिले में जमीन के म्यूटेशन और निबंधन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. स्थिति ऐसी है कि राज्य सरकार ने भी हजारीबाग में म्यूटेशन में हो रही देरी को लेकर सवाल उठाए हैं. पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ हुई विभागवार बैठक में सीएम ने इस मामले पर सख्ती दिखाई है और जल्द से जल्द म्यूटेशन के काम में तेजी लाने का आदेश दिया है. साथ ही कहा है कि म्यूटेशन 90 दिनों से ज्यादा लंबित नहीं रहना चाहिए.
सीएम के आदेश के बावजूद हजारीबाग के 16 अंचलों के लिए प्राप्त आवेदनों और उनके खारिज होने की संख्या कई सवाल खड़े कर रही है. 12 जून तक जिले के 16 अंचलों में कुल 1,99,162 आवेदन लंबित हैं. जिसमें 90,645 आवेदनों पर विचार कर म्यूटेशन का काम पूरा कर लिया गया. जबकि 6,298 म्यूटेशन को पेंडिंग में डाल दिया गया.
इनमें 972 म्यूटेशन के ऐसे आवेदन हैं जो 30 दिनों की समय अवधि पार कर चुके हैं. जबकि 74 आवेदन ऐसे भी हैं जो 90 दिनों की समय अवधि पार कर चुके हैं और ये आवेदन लंबित हैं. पूरे जिले के सभी अंचलों में कुल 1,02,238 आवेदन अस्वीकृत किए गए हैं. यह आंकड़ा सवाल खड़ा करता है कि आखिर इतने सारे म्यूटेशन के आवेदन कैसे अस्वीकृत कर दिए गए.
डीसी ने अंचल अधिकारियों को शो कॉज
हजारीबाग जिले की डीसी नैंसी सहाय ने लंबित और अस्वीकृत मामलों की सबसे अधिक संख्या वाले छह अंचल अधिकारियों को शो कॉज जारी कर दो दिनों के अंदर जवाब मांगा है. जिन लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, उनमें बड़कागांव, सदर, बरही, कटकमदाग, बरकट्ठा और पदमा के अंचल अधिकारी शामिल हैं.
हजारीबाग उपायुक्त नैंसी सहाय भी मानती हैं कि सभी अंचलों को दिशा-निर्देश जारी करने के बावजूद लापरवाही बरती गई है. जिले में बड़ी संख्या में म्यूटेशन के काम लंबित हैं. इस संबंध में छह अंचल अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है. अब जुर्माना लगाने की तैयारी चल रही है. उपायुक्त ने सभी 6 अंचलाधिकारियों से दो दिनों के अंदर जवाब मांगा है. इसकी एक प्रति विभाग को सौंपी जाएगी. ताकि अधिकारियों पर उचित कार्रवाई की जा सके. साथ ही उन्होंने अन्य सभी अंचलों के अंचलाधिकारियों को म्यूटेशन मामले में लापरवाही नहीं बरतने का निर्देश दिया है.
'म्यूटेशन में देरी का कारण पैसे का खेल'
कटकमदाग के पूर्व मुखिया उदय साहू पिछले कुछ महीनों से अंचल में हो रही अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. उन्होंने उपायुक्त के इस कदम के लिए आभार जताया है और कहा है कि म्यूटेशन में देरी का एकमात्र कारण पैसे का खेल है.
हजारीबाग समेत पूरे झारखंड में म्यूटेशन का खेल कोई नई बात नहीं है. इस बार झारखंड सरकार ने इस पर नकेल कसी है और सवाल पूछे हैं. हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि जिन छह अंचलाधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है, उन पर कार्रवाई होती है या यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाता है.
- बड़कागांव - 69 आवेदन 30 दिनों से अधिक समय से लंबित हैं. जबकि 90 दिनों से अधिक समय से 303 आवेदन लंबित हैं. यहां 668 आवेदन अस्वीकृत किए गए. अस्वीकृत मामले 47.12 प्रतिशत हैं और म्यूटेशन 45.59 प्रतिशत है.
- सदर अंचल - 32102 आवेदन अस्वीकृत हुए हैं. 13 आवेदन 30 दिन से अधिक और चार 90 दिन से अधिक समय से लंबित हैं. अस्वीकृति दर 45.89 प्रतिशत है.
- बरही अंचल - 6997 आवेदन अस्वीकृत किये गये हैं. 12 आवेदन 30 दिनों से अधिक समय से तथा दो आवेदन 90 दिनों से अधिक समय से लंबित हैं.
- कटकमदाग अंचल - 17674 आवेदन अस्वीकृत किए गए हैं. जबकि 49 आवेदन 30 दिनों से अधिक समय से लंबित हैं तथा एक आवेदन 90 दिनों से अधिक समय से लंबित है. अस्वीकृति दर 56.66 प्रतिशत है.
- बरकट्ठा अंचल - 5795 आवेदन अस्वीकृत हुए हैं. 485 आवेदन 30 दिन से अधिक और 236 आवेदन 90 दिन से अधिक समय से लंबित हैं. यहां अस्वीकृति दर 36.61 प्रतिशत है.
- पदमा अंचल - 2452 आवेदन अस्वीकृत हुए, जबकि 14 आवेदन 30 दिन से अधिक और पांच आवेदन 90 दिन से अधिक समय से लंबित हैं. यहां अस्वीकृति दर 40.76 प्रतिशत है.
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