ETV Bharat / state

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, शादी का वादा करके महिला से संबंध बनाना दुष्कर्म - allahabad high court

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 11, 2024, 10:05 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेप के आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि शादी का वादा करके महिला से संबंध बनाना दुष्कर्म ही है.

Etv Bharat
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला. (Etv Bharat)

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में दर्ज मुकदमे को रद्द करने की याचिका को खारिज करते हुए महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि किसी महिला से शादी का झूठा वादा कर उससे शारीरिक संबंध बनाना प्रथम दृष्टया रेप है. इच्छा के विरुद्ध धोखाधड़ी, धमकी देकर संबंध बनाना प्रथम दुष्कर्म है. न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता ने राघव कुमार की याचिका पर यह आदेश दिया.

राघव पर आगरा के महिला थाना में 15 नवंबर 2018 को दुष्कर्म सहित वि​भिन्न धाराओं में एक युवती ने मुकदमा कराया था. आरोप है कि याची और शिकायतकर्ता युवती आगरा में एक साथ पढ़ते थे और एक-दूसरे से मिलते रहते थे. युवती का आरोप है कि राघव ने उसे अपने घर बुलाया और चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिलाया. इसके बाद उसके साथ संबंध बनाया. इस घटना का वीडियो व फोटो भी बना लिया. इस प्रकरण में राघव के परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल थे. युवती ने आरोप लगाया कि इस घटना के बाद राघव ने कहा कि उससे शादी करो नहीं तो फोटो वायरल कर बदनाम कर देंगे. ऐसे में मजबूर होकर शादी के लिए तैयार हो गई. इस दौरान राघव ने कई बार शादी का वादा कर संबंध बनाया. बाद में शादी से करने से इन्कार कर दिया. आगरा महिला थाना पुलिस ने आरोप पत्र दा​खिल किया, जिसे याची ने हाईकोर्ट में चुनौती दी.

आरोपी राघव के वकील का कहना कि युवती और उसका क्लाइंट एक साथ पढ़ रहे थे. दोनों सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. दोनों एक-दूसरे को जानते थे, ऐसे में आपसी सहमति से संबंध बनाए और ऐसा संबंध लंबे समय तक चलता रहा. सहमति से बने संबंध मामले में दुष्कर्म की धाराओं में कार्रवाई नहीं की जा सकती. वहीं, अपर शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि आरोपी और युवती के बीच रिश्ते की शुरुआत धोखाधड़ी पर आधारित है. बनाए गए संबंध में युवती को सहमति नहीं थी. इसलिए प्रथम दृष्टया दुष्कर्म का अपराध बनता है. कोर्ट ने तथ्यों का अवलोकन कर पाया कि युवती से प्रथम बार बेहोशी की हालत में संबंध बनाया गया. बाद में शादी का वादा कर संबंध बनाया गया. युवती की ओर से कोई सहमति नहीं थी. इसलिए, बलात्कार का अपराध प्रथम दृष्टया खिलाफ बनता है. कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है.

इसे भी पढ़ें-4000 करोड़ के GST घोटाले के 55 आरोपियों को हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इंकार

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में दर्ज मुकदमे को रद्द करने की याचिका को खारिज करते हुए महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि किसी महिला से शादी का झूठा वादा कर उससे शारीरिक संबंध बनाना प्रथम दृष्टया रेप है. इच्छा के विरुद्ध धोखाधड़ी, धमकी देकर संबंध बनाना प्रथम दुष्कर्म है. न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता ने राघव कुमार की याचिका पर यह आदेश दिया.

राघव पर आगरा के महिला थाना में 15 नवंबर 2018 को दुष्कर्म सहित वि​भिन्न धाराओं में एक युवती ने मुकदमा कराया था. आरोप है कि याची और शिकायतकर्ता युवती आगरा में एक साथ पढ़ते थे और एक-दूसरे से मिलते रहते थे. युवती का आरोप है कि राघव ने उसे अपने घर बुलाया और चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिलाया. इसके बाद उसके साथ संबंध बनाया. इस घटना का वीडियो व फोटो भी बना लिया. इस प्रकरण में राघव के परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल थे. युवती ने आरोप लगाया कि इस घटना के बाद राघव ने कहा कि उससे शादी करो नहीं तो फोटो वायरल कर बदनाम कर देंगे. ऐसे में मजबूर होकर शादी के लिए तैयार हो गई. इस दौरान राघव ने कई बार शादी का वादा कर संबंध बनाया. बाद में शादी से करने से इन्कार कर दिया. आगरा महिला थाना पुलिस ने आरोप पत्र दा​खिल किया, जिसे याची ने हाईकोर्ट में चुनौती दी.

आरोपी राघव के वकील का कहना कि युवती और उसका क्लाइंट एक साथ पढ़ रहे थे. दोनों सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. दोनों एक-दूसरे को जानते थे, ऐसे में आपसी सहमति से संबंध बनाए और ऐसा संबंध लंबे समय तक चलता रहा. सहमति से बने संबंध मामले में दुष्कर्म की धाराओं में कार्रवाई नहीं की जा सकती. वहीं, अपर शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि आरोपी और युवती के बीच रिश्ते की शुरुआत धोखाधड़ी पर आधारित है. बनाए गए संबंध में युवती को सहमति नहीं थी. इसलिए प्रथम दृष्टया दुष्कर्म का अपराध बनता है. कोर्ट ने तथ्यों का अवलोकन कर पाया कि युवती से प्रथम बार बेहोशी की हालत में संबंध बनाया गया. बाद में शादी का वादा कर संबंध बनाया गया. युवती की ओर से कोई सहमति नहीं थी. इसलिए, बलात्कार का अपराध प्रथम दृष्टया खिलाफ बनता है. कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है.

इसे भी पढ़ें-4000 करोड़ के GST घोटाले के 55 आरोपियों को हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इंकार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.