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राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे हाटी समुदाय के छात्र, HPU में हुई बैठक - Hatti community

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 21, 2024, 7:29 PM IST

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में हाटी छात्र समुदाय ने विशेष बैठक का आयोजन किया. इस दौरान एसटी एक्ट लागू करवाने और प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी करवाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया गया. कार्यक्रम के दौरान सिरमौर के सभी महाविद्यालयों में हाटी छात्र संगठन की इकाइयां गठित करने का निर्णय लिया गया.

HATTI COMMUNITY
बैठक में मौजूद हाटी समुदाय के छात्र (ईटीवी भारत)

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में हाटी छात्र समुदाय ने विशेष बैठक का आयोजन किया. बैठक में हाटी समुदाय के हितों के संरक्षण को लेकर चर्चा हुई. इस दौरान एसटी एक्ट लागू करवाने और प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी करवाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया गया. आयोग से हाटी समुदाय उनके हितों की रक्षा करने की गुहार लगाएगा.

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में आयोजित विशेष कार्यक्रम में केंद्रीय हाटी समिति के अध्यक्ष डॉ. अमीचंद कमल, कर्नल नरेश चौहान, हाटी समिति शिमला के अध्यक्ष डॉ.रमेश सिंगटा, महासचिव खजान ठाकुर, कोषाध्यक्ष सुरजीत सिंह ठाकुर, पूर्व अध्यक्ष प्रदीप सिंह सिंगटा ने विशेषतौर पर हिस्सा लिया. बैठक में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए डॉ. अमीचंद कमल ने कहा कि वो हाटी समुदाय को उनका हक दिलवाने के लिए कानूनी जंग लड़ रहे हैं. इसमें छात्र समुदाय का सहयोग अपेक्षित रहेगा. कार्यक्रम के दौरान सिरमौर के सभी महाविद्यालयों में हाटी छात्र संगठन की इकाइयां गठित करने का निर्णय लिया गया. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हाटी छात्र संगठन का पहली बार गठन किया गया है. केंद्रीय हाटी समिति के निर्देश पर यह पहल हुई है.

'हाटी मुद्दे को भटकाने से छात्रों का हो रहा नुकसान'

डॉ. अमीचंद कमल ने कहा कि वह समाज को जोड़ने में भरोसा रखते हैं तोड़ने में नहीं, हाटी समिति सामाजिक ताना-बाना बरकरार रखने और लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात समाज के बीच रखती रही है. हाटी समिति शिमला के अध्यक्ष डॉ. रमेश सिंगटा ने छात्रों का आह्वान किया कि वो हाटी मुद्दे पर अग्रिम पंक्ति में खड़े रहें, समिति उनका हर संभव सहयोग करने को तैयार है. हाटी समुदाय के मामले को लटकाने और भटकाने से छात्रों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है. ज्यादा समय तक इसे सहन नहीं किया जाएगा. इसके लिए फिर से जनता को जागरूक करने की जरूरत है.

हाईकोर्ट में सुनवाई का इंतजार

बता दें कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हाटी समुदाय को जानजातिय दर्जा देने पर फिल्हाल रोक लगाई है. हाईकोर्ट में लगभग 12 अलग-अलग समुदाय के लोगों की ओर से यह याचिकाएं दायर की गई हैं. हाटी समुदाय के लोगों को अब जनजातीय प्रमाणपत्र लेने के लिए न्यायालय के निर्णय का इंतजार करना होगा. इस मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी.

ये भी पढ़े: बिलासपुर गोलीकांड: पूर्व विधायक बंबर ठाकुर का बेटा निकला आरोपी, पुलिस रिमांड पर दो आरोपी, पुरंजन की तलाश जारी

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में हाटी छात्र समुदाय ने विशेष बैठक का आयोजन किया. बैठक में हाटी समुदाय के हितों के संरक्षण को लेकर चर्चा हुई. इस दौरान एसटी एक्ट लागू करवाने और प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी करवाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया गया. आयोग से हाटी समुदाय उनके हितों की रक्षा करने की गुहार लगाएगा.

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में आयोजित विशेष कार्यक्रम में केंद्रीय हाटी समिति के अध्यक्ष डॉ. अमीचंद कमल, कर्नल नरेश चौहान, हाटी समिति शिमला के अध्यक्ष डॉ.रमेश सिंगटा, महासचिव खजान ठाकुर, कोषाध्यक्ष सुरजीत सिंह ठाकुर, पूर्व अध्यक्ष प्रदीप सिंह सिंगटा ने विशेषतौर पर हिस्सा लिया. बैठक में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए डॉ. अमीचंद कमल ने कहा कि वो हाटी समुदाय को उनका हक दिलवाने के लिए कानूनी जंग लड़ रहे हैं. इसमें छात्र समुदाय का सहयोग अपेक्षित रहेगा. कार्यक्रम के दौरान सिरमौर के सभी महाविद्यालयों में हाटी छात्र संगठन की इकाइयां गठित करने का निर्णय लिया गया. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हाटी छात्र संगठन का पहली बार गठन किया गया है. केंद्रीय हाटी समिति के निर्देश पर यह पहल हुई है.

'हाटी मुद्दे को भटकाने से छात्रों का हो रहा नुकसान'

डॉ. अमीचंद कमल ने कहा कि वह समाज को जोड़ने में भरोसा रखते हैं तोड़ने में नहीं, हाटी समिति सामाजिक ताना-बाना बरकरार रखने और लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात समाज के बीच रखती रही है. हाटी समिति शिमला के अध्यक्ष डॉ. रमेश सिंगटा ने छात्रों का आह्वान किया कि वो हाटी मुद्दे पर अग्रिम पंक्ति में खड़े रहें, समिति उनका हर संभव सहयोग करने को तैयार है. हाटी समुदाय के मामले को लटकाने और भटकाने से छात्रों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है. ज्यादा समय तक इसे सहन नहीं किया जाएगा. इसके लिए फिर से जनता को जागरूक करने की जरूरत है.

हाईकोर्ट में सुनवाई का इंतजार

बता दें कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हाटी समुदाय को जानजातिय दर्जा देने पर फिल्हाल रोक लगाई है. हाईकोर्ट में लगभग 12 अलग-अलग समुदाय के लोगों की ओर से यह याचिकाएं दायर की गई हैं. हाटी समुदाय के लोगों को अब जनजातीय प्रमाणपत्र लेने के लिए न्यायालय के निर्णय का इंतजार करना होगा. इस मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी.

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