जींद: हरियाणा के कई इलाकों में तूफान और बारिश ने कई किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है. जींद की बात करें तो मौसम में बदलाव की वजह से धान की फसल बिछ गई. जिससे किसानों को उत्पादन घटने से नुकसान की आशंका है. बारामती बासमती धान की फसल में बाली आ चुकी है. ऐसे में फसल गिरने से चावल पकाव अच्छे से नहीं हो पाएगा.
धान की आवक में लगातार वृद्धि: इस समय मंडियों में पीआर धान की आवक में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन मिलर्स की हड़ताल के चलते खरीद में दिक्कत आ रही है. शनिवार शाम तक जिलेभर की अनाज मंडियों में करीब 89 हजार क्विंटल पीआर धान की आवक हो चुकी थी और 1360 क्विंटल की ही खरीद हुई. वीरवार और शुक्रवार लगातार दो दिन मंडियों में पीआर धान की खरीद नहीं हुई. मार्केट कमेटी और खरीद एजेंसियों के अधिकारी चुनावी ड्यूटी में व्यस्त थे. जिसके कारण भी खरीद नहीं हो पाई.
तेज तूफान के बाद फसल बर्बाद: पिल्लूखेड़ा क्षेत्र में ज्यादा फसल बिछी है. किसान सुबह खेतों में पहुंचे तो जमीन पर बिछी हुई धान देखकर चिंतित हो गए. मौसम विभाग के अनुसार मौसम परिवर्तनशील है और गुलाबी ठंड भी धीरे-धीरे दस्तक देने लगी है. ऐसे में किसान लगातार फसलों का निरीक्षण करते रहें. बारिश के चलते दो डिग्री तापमान में गिरावट दर्ज की गई.
तापमान में गिरावट: वहीं, अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री रहा. हवा की गति 11 किलोमीटर रही और मौसम में आद्रता 44 प्रतिशत बनी रही. मौसम विभाग के अनुसार आगामी दिनों में तापमान में हल्की गिरावट आएगी. बता दें कि बासमती 1509 धान की कटाई चल रही है. वहीं, बासमती 1121 और 1718 की कटाई 10 अक्टूबर के बाद शुरू होगी.
हिसार में चढ़ा पारा: वहीं, हिसार की बात करें तो यहां गर्मी पसीने छुड़वा रही है. इस माह लोगों को कूलर व एसी का सहारा लेना पड़ रहा है. आलम ये है कि हिसार में अधिकतम तापमान दर्ज किया है. जिसके चलते हिसार सबसे गर्म जिला रहा. शहर में 37.4 के पार पारा दर्ज किया गया. रात के समय 21 डिग्री तापमान दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने 8 व 9 अक्टूबर को बारिश की संभावना जताई है.
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