चरखी दादरी: हरियाणा में सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों के बाद अब एनएचएम कर्मचारी भी हड़ताल पर चले गए हैं. ऐसे में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में डॉक्टरों के कमरों में खाली कुर्सियां देखकर मरीज निराश होकर लौट रहे हैं. हड़ताल पर गए डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान करते हुए अनिश्चितकाल हड़ताल का ऐलान कर दिया है.
हड़ताल का साइड इफेक्ट: गौरतलब है कि सरकारी अस्पतालों द्वारा दो दिन से हड़ताल पर हैं. वहीं, अब एनएचएम कर्मचारियों ने भी हड़ताल का ऐलान कर दिया है. ऐसे में अब सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं पर खास असर पड़ रहा है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पतालों में अस्थाई चिकित्सकों व कर्मियों को नियुक्त किया गया है. बावजूद इसके स्वास्थ्य सेवाएं शुरू नहीं हो पा रही है. अस्पतालों में मरीज डॉक्टर की खाली कुर्सियां देखकर बैरंग लौट रहे हैं. साथ ही परेशान मरीज सरकार को भी कोस रहे हैं.
झूठा किया वादा: उधर, प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार से समझौता होने के बाद भी उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया है. कोविड काल में उन्होंने बेहतरीन काम किया तो सरकार ने पक्का करने का भरोसा दिया था. लेकिन अब सरकार अपने वादे से मुकर रही है. उनकी मांगों पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया है. इस बार वे आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे और हड़ताल को अनिश्चितकाल तक भी कर सकते हैं.
मरीज भी परेशान: वहीं,अस्पताल पहुंचे मरीज भी काफी खफा नजर आए. मरीजों ने बताया कि काफी दूर से वे इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे हैं. यहां आने पर जानकारी मिली है कि डॉक्टर व दूसरे कर्मचारी हड़ताल पर हैं. उनकी हड़ताल का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. डॉक्टर व एनएचएम कर्मचारी हड़ताल पर जाने के बाद सिविल अस्पताल में धरने पर बैठे प्रदर्शन कर रहे हैं.
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