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हरियाणा में जंगल सफारी का प्रस्ताव तैयार, विश्व वन्यजीव दिवस पर शुभारंभ करने की तैयारी - HARYANA JUNGLE SAFARI PROJECT

हरियाणा के अरावली क्षेत्र में जंगल सफारी व अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार की गई है.

Haryana Jungle Safari project
Haryana Jungle Safari project (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 24, 2025, 10:38 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार जंगल सफारी और इको-सिस्टम को बढ़ावा देने पर मंथन कर रही है. जिसके चलते हरियाणा सीएम नायब सैनी ने वन एवं वन्य जीव विभाग को जंगल सफारी परियोजना को तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है. राज्य वन विभाग ने अरावली क्षेत्र में जंगल सफारी व ग्रीन वाल प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार भी कर लिया है. इसको लेकर हरियाणा के पर्यावरण और वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के चलते आज बढ़ते प्रदूषण के कारण पर्यावरण संरक्षण एक वैश्विक चिंता का विषय बनता जा रहा है. पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए हमें प्रकृति व वन्य जीव संरक्षण के प्रति संवेदनशील होना होगा.

पीएम ने कही वन्यजीव को बचाने की बात: अब तो निजी क्षेत्र के साथ-साथ कई नए युवा स्टार्टअप भी प्रकृति व वन्यजीव संरक्षण में रुचि दिखा रहे हैं. जो सरकारी प्रयासों के साथ-साथ एक सराहनीय पहल भी है. राव नरबीर ने कहा कि आगामी 3 मार्च, 2025 को विश्व वन्यजीव दिवस पर हमें विलुप्त होती वन्य जीव प्रजातियों को संरक्षित करने का संकल्प लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 'मन की बात' कार्यक्रम के 119वें एपिसोड में भी वन्यजीवों को बचाने की बात कही है.

जंगल सफारी रूपरेखा तैयार: हरियाणा वन विभाग अरावली क्षेत्र में इको-सिस्टम को बढ़ावा देने व इसको संरक्षित करने के प्रति गंभीरता से काम कर रहा है. अरावली क्षेत्र में जंगल सफारी व अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार की गई है. अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट का शुभारंभ केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव गत दिनों कर चुके हैं.

उन्होंने कहा कि जंगल सफारी योजना पहले पर्यटन विभाग द्वारा ही तैयार की जानी थी. लेकिन मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इसकी जिम्मेदारी वन एवं वन्य जीव विभाग को सौंप है. विभाग तेजी से काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि वे स्वयं विभाग के अधिकारियों के साथ नागपुर के गोरेवाड़ा वन्यजीव सफारी और जामनगर, गुजरात के वन तारा परियोजना का दौरा कर चुके हैं. हमारा प्रयास है कि अरावली क्षेत्र में प्रस्तावित जंगल सफारी परियोजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलो से हो.

भूमि का होगा सुधार: वन्यजीव मंत्री ने कहा कि अरावली ग्रीन वॉल परियोजना के तहत हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली समेत चार राज्यों में 1.15 मिलियन हेक्टेयर से ज्यादा भूमि का सुधार बहु-राज्य सहयोग का एक अनुकरणीय मॉडल प्रदर्शित करना है. वनों की स्वदेशी प्रजातियों के साथ वनरोपण, जैव विविधता संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य में सुधार और भूजल पुनर्भरण को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना भी है.

युवाओं को भी किया जा रहा जागरुक: उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से अरावली क्षेत्र में न केवल लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान होंगे, बल्कि जैव विविधता संरक्षण और पर्यावरण अनुकूल संसाधन प्रबंधन को भी बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा में युवा पीढ़ी को प्रकृति को इस नेक कार्य के प्रति जागरूक करने और उनके आजीविका के साधन बढ़ाने के लिए राज्य में वन मित्रों की नियुक्ति की गई है. जो स्थानीय लोगों को वनों से जोड़ रहे हैं.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में बनेगी विश्व की सबसे बड़ी जंगल सफारी, अरावली क्षेत्र के लगभग 10 हजार एकड़ में की जाएगी स्थापित

ये भी पढ़ें: देश के 37 सेवानिवृत्त वन अधिकारियों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, बोले- अरावली को सफारी की नहीं संरक्षण की जरूरत

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार जंगल सफारी और इको-सिस्टम को बढ़ावा देने पर मंथन कर रही है. जिसके चलते हरियाणा सीएम नायब सैनी ने वन एवं वन्य जीव विभाग को जंगल सफारी परियोजना को तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है. राज्य वन विभाग ने अरावली क्षेत्र में जंगल सफारी व ग्रीन वाल प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार भी कर लिया है. इसको लेकर हरियाणा के पर्यावरण और वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के चलते आज बढ़ते प्रदूषण के कारण पर्यावरण संरक्षण एक वैश्विक चिंता का विषय बनता जा रहा है. पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए हमें प्रकृति व वन्य जीव संरक्षण के प्रति संवेदनशील होना होगा.

पीएम ने कही वन्यजीव को बचाने की बात: अब तो निजी क्षेत्र के साथ-साथ कई नए युवा स्टार्टअप भी प्रकृति व वन्यजीव संरक्षण में रुचि दिखा रहे हैं. जो सरकारी प्रयासों के साथ-साथ एक सराहनीय पहल भी है. राव नरबीर ने कहा कि आगामी 3 मार्च, 2025 को विश्व वन्यजीव दिवस पर हमें विलुप्त होती वन्य जीव प्रजातियों को संरक्षित करने का संकल्प लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 'मन की बात' कार्यक्रम के 119वें एपिसोड में भी वन्यजीवों को बचाने की बात कही है.

जंगल सफारी रूपरेखा तैयार: हरियाणा वन विभाग अरावली क्षेत्र में इको-सिस्टम को बढ़ावा देने व इसको संरक्षित करने के प्रति गंभीरता से काम कर रहा है. अरावली क्षेत्र में जंगल सफारी व अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार की गई है. अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट का शुभारंभ केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव गत दिनों कर चुके हैं.

उन्होंने कहा कि जंगल सफारी योजना पहले पर्यटन विभाग द्वारा ही तैयार की जानी थी. लेकिन मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इसकी जिम्मेदारी वन एवं वन्य जीव विभाग को सौंप है. विभाग तेजी से काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि वे स्वयं विभाग के अधिकारियों के साथ नागपुर के गोरेवाड़ा वन्यजीव सफारी और जामनगर, गुजरात के वन तारा परियोजना का दौरा कर चुके हैं. हमारा प्रयास है कि अरावली क्षेत्र में प्रस्तावित जंगल सफारी परियोजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलो से हो.

भूमि का होगा सुधार: वन्यजीव मंत्री ने कहा कि अरावली ग्रीन वॉल परियोजना के तहत हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली समेत चार राज्यों में 1.15 मिलियन हेक्टेयर से ज्यादा भूमि का सुधार बहु-राज्य सहयोग का एक अनुकरणीय मॉडल प्रदर्शित करना है. वनों की स्वदेशी प्रजातियों के साथ वनरोपण, जैव विविधता संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य में सुधार और भूजल पुनर्भरण को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना भी है.

युवाओं को भी किया जा रहा जागरुक: उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से अरावली क्षेत्र में न केवल लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान होंगे, बल्कि जैव विविधता संरक्षण और पर्यावरण अनुकूल संसाधन प्रबंधन को भी बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा में युवा पीढ़ी को प्रकृति को इस नेक कार्य के प्रति जागरूक करने और उनके आजीविका के साधन बढ़ाने के लिए राज्य में वन मित्रों की नियुक्ति की गई है. जो स्थानीय लोगों को वनों से जोड़ रहे हैं.

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