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हरियाणा सहकारिता विभाग में 100 करोड़ का घोटाला, सरकारी पैसे से खरीदी जमीन-घर, 10 अफसरों समेत 14 गिरफ्तार - Haryana ACB Expose

Haryana Cooperative Department Scam: हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो ने सहकारिता विभाग में बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है. एसीबी रिपोर्ट्स के मुताबिक सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने सरकारी पैसों से प्लाट और फ्लैट खरीदे हैं. मामले में 10 अफसरों समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया है.

Haryana Cooperative Department Scam
Haryana Cooperative Department Scam
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 2, 2024, 7:30 PM IST

Updated : Feb 3, 2024, 10:02 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. टीम ने सहकारिता विभाग की ओर से चलाई जा रही एकीकृत सहकारी विकास परियोजना में करीब 100 करोड़ से अधिक रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया है. टीम ने इस मामले में 10 सीनियर अधिकारियों और 4 निजी लोगों को गिरफ्तार किया है.

ACB रिपोर्ट के अनुसार: एसीबी के अधिकारी ने बताया कि एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने मामले पर संज्ञान लेते हुए पड़ताल की और इस घोटाले को उजागर किया. उन्होंने बताया कि सहकारिता विभाग के सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति, जिला रजिस्ट्रार सहकारी समिति द्वारा ऑडिटर की मिलीभगत से सरकारी खाते में जमा धनराशि से निजी हित में फ्लैट और जमीन आदि खरीदी जा रही थी. आरोप हैं कि इन अधिकारियों द्वारा सरकारी रिकॉर्ड में बैंक खातों का विवरण आदि भी जाली लगाया गया था. साथ ही बताया कि इस पूरे मामले में एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के नाम पर लगभग 100 करोड़ रुपए का गबन सामने आया है.

करनाल और अंबाला रेंज में केस दर्ज: जांच टीम द्वारा सभी आवश्यक सबूत जुटाते हुए मामले की गहनता से जांच की जा रही है. आरोपियों के खिलाफ करनाल और अंबाला रेंज में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच टीम ने गहनता से जांच कर इस घोटाले में संलिप्त 6 आरोपी गजटेड अधिकारियों समेत ICDP रेवाड़ी के 4 अन्य अधिकारियों और 4 निजी लोगों को गिरफ्तार किया है.

इन आरोपियों की हुई गिरफ्तारी: इस घोटाले के आरोपियों में ऑडिट अफसर बलविंदर, डिप्टी चीफ एडिटर योगेंद्र अग्रवाल, जिला रजिस्ट्रार सहकारी समितियां, करनाल रोहित गुप्ता, सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति(एआरसीएस) अनु कौशिक, रामकुमार, जितेंद्र कौशिक और कृष्ण बेनीवाल शामिल हैं. इनके अलावा इसी विभाग के आईडीपी रेवाड़ी के लेखाकार सुमित अग्रवाल, डेवलपमेंट अधिकारी नितिन शर्मा और विजय सिंह और चार निजी लोगों स्तालिन जीत, नताशा कौशिक, सुभाष और रेखा को गिरफ्तार किया गया है.

कैथल से भी जुड़े तार: हरियाणा के सहकारिता विभाग में हुए 100 करोड रुपए के घोटाले के तार कैथल से भी जुड़े हैं. एंटी करप्शन ब्यूरो कैथल की टीम ने कार्रवाई करते हुए सहकारिता विभाग के असिस्टेंट रजिस्ट्रार जितेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया है. मामले के बारे में जानकारी देते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो कैथल के इंचार्ज सुबह सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा कैथल सहकारिता विभाग को जिले के विभिन्न पैक्स बैंकों के लिए कंप्यूटर और फर्नीचर इत्यादि खरीदने के लिए पैसे भेजे थे . लेकिन आरोपियों द्वारा ग्रांट की राशि में गबन किया गया था. पूरे मामले को लेकर विजिलेंस द्वारा आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था जिसकी जांच के दौरान आरोपियों पर लगे आरोप सही पाए गए. एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक शत्रु जीत कपूर के आदेश पर अस्सिटेंट रजिस्टार जितेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही गबन में शामिल एक और आरोपी तलाश की जा रही है जिसको जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

विकास कार्यों की आड़ में घोटाला: गौरतलब है कि सहकारिता विभाग हरियाणा द्वारा एकीकृत सहकारी विकास परियोजना संचालित की जा रही है. इस परियोजना के तहत ग्रामीण और कृषि क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करते हुए विकास कार्य करवाए जाते हैं. साथ ही सहकारी समितियों को विकसित किया जाता है.

'भ्रष्टाचार करने पर होगी सख्त कार्रवाई': हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भ्रष्टाचारी चाहे कोई भी हो, किसी भी विभाग का क्यों न हो, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई किया जाना तय है. डीजीपी कपूर ने कहा कि ब्यूरो पारदर्शिता व निष्पक्षता के साथ दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए वचनबद्ध है. उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि यदि कोई भी अधिकारी व कर्मचारी सरकारी काम की एवज में रिश्वत मांगता है, तो तुरंत हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो के टोल फ्री नंबर (1800-180-2022) या 1064 पर सूचना दें.

ये भी पढ़ें: चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद: पुलिस हिरासत में हरियाणा AAP अध्यक्ष सुशील गुप्ता समेत कई कार्यकर्ता, प्रदर्शन करने जा रहे थे दिल्ली

ये भी पढ़ें: मेयर चुनाव नतीजों के विरोध में चंडीगढ़ में कांग्रेस का प्रदर्शन, 'लोकतंत्र शोक सभा' का किया आयोजन

चंडीगढ़: हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. टीम ने सहकारिता विभाग की ओर से चलाई जा रही एकीकृत सहकारी विकास परियोजना में करीब 100 करोड़ से अधिक रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया है. टीम ने इस मामले में 10 सीनियर अधिकारियों और 4 निजी लोगों को गिरफ्तार किया है.

ACB रिपोर्ट के अनुसार: एसीबी के अधिकारी ने बताया कि एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने मामले पर संज्ञान लेते हुए पड़ताल की और इस घोटाले को उजागर किया. उन्होंने बताया कि सहकारिता विभाग के सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति, जिला रजिस्ट्रार सहकारी समिति द्वारा ऑडिटर की मिलीभगत से सरकारी खाते में जमा धनराशि से निजी हित में फ्लैट और जमीन आदि खरीदी जा रही थी. आरोप हैं कि इन अधिकारियों द्वारा सरकारी रिकॉर्ड में बैंक खातों का विवरण आदि भी जाली लगाया गया था. साथ ही बताया कि इस पूरे मामले में एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के नाम पर लगभग 100 करोड़ रुपए का गबन सामने आया है.

करनाल और अंबाला रेंज में केस दर्ज: जांच टीम द्वारा सभी आवश्यक सबूत जुटाते हुए मामले की गहनता से जांच की जा रही है. आरोपियों के खिलाफ करनाल और अंबाला रेंज में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच टीम ने गहनता से जांच कर इस घोटाले में संलिप्त 6 आरोपी गजटेड अधिकारियों समेत ICDP रेवाड़ी के 4 अन्य अधिकारियों और 4 निजी लोगों को गिरफ्तार किया है.

इन आरोपियों की हुई गिरफ्तारी: इस घोटाले के आरोपियों में ऑडिट अफसर बलविंदर, डिप्टी चीफ एडिटर योगेंद्र अग्रवाल, जिला रजिस्ट्रार सहकारी समितियां, करनाल रोहित गुप्ता, सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति(एआरसीएस) अनु कौशिक, रामकुमार, जितेंद्र कौशिक और कृष्ण बेनीवाल शामिल हैं. इनके अलावा इसी विभाग के आईडीपी रेवाड़ी के लेखाकार सुमित अग्रवाल, डेवलपमेंट अधिकारी नितिन शर्मा और विजय सिंह और चार निजी लोगों स्तालिन जीत, नताशा कौशिक, सुभाष और रेखा को गिरफ्तार किया गया है.

कैथल से भी जुड़े तार: हरियाणा के सहकारिता विभाग में हुए 100 करोड रुपए के घोटाले के तार कैथल से भी जुड़े हैं. एंटी करप्शन ब्यूरो कैथल की टीम ने कार्रवाई करते हुए सहकारिता विभाग के असिस्टेंट रजिस्ट्रार जितेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया है. मामले के बारे में जानकारी देते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो कैथल के इंचार्ज सुबह सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा कैथल सहकारिता विभाग को जिले के विभिन्न पैक्स बैंकों के लिए कंप्यूटर और फर्नीचर इत्यादि खरीदने के लिए पैसे भेजे थे . लेकिन आरोपियों द्वारा ग्रांट की राशि में गबन किया गया था. पूरे मामले को लेकर विजिलेंस द्वारा आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था जिसकी जांच के दौरान आरोपियों पर लगे आरोप सही पाए गए. एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक शत्रु जीत कपूर के आदेश पर अस्सिटेंट रजिस्टार जितेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही गबन में शामिल एक और आरोपी तलाश की जा रही है जिसको जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

विकास कार्यों की आड़ में घोटाला: गौरतलब है कि सहकारिता विभाग हरियाणा द्वारा एकीकृत सहकारी विकास परियोजना संचालित की जा रही है. इस परियोजना के तहत ग्रामीण और कृषि क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करते हुए विकास कार्य करवाए जाते हैं. साथ ही सहकारी समितियों को विकसित किया जाता है.

'भ्रष्टाचार करने पर होगी सख्त कार्रवाई': हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भ्रष्टाचारी चाहे कोई भी हो, किसी भी विभाग का क्यों न हो, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई किया जाना तय है. डीजीपी कपूर ने कहा कि ब्यूरो पारदर्शिता व निष्पक्षता के साथ दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए वचनबद्ध है. उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि यदि कोई भी अधिकारी व कर्मचारी सरकारी काम की एवज में रिश्वत मांगता है, तो तुरंत हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो के टोल फ्री नंबर (1800-180-2022) या 1064 पर सूचना दें.

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Last Updated : Feb 3, 2024, 10:02 AM IST
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