हिसार: हरियाणा के हिसार में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इलेक्ट्रॉनिक ट्रैक्टर लॉन्च किया. किसानों के हित में सरकार ने यह अहम शुरुआत की है. इस इलेक्ट्रॉनिक ट्रैक्टर से मात्र 50 रुपये की बिजली खपत में किसान एक घंटे खेतों में काम कर सकते हैं. जिससे किसानों का डीजल का खर्च बच जाएगा. उत्तर भारत में ये ट्रैक्टर पहली बार हिसार के टीटीसी में लगे कृषि मेले में लॉन्च किया गया है. बताया जा रहा है कि ई-ट्रैक्टर के इस्तेमाल से किसान भाईयों की करीब ढाई लाख रुपये की बचत होगी.
सरकार देगी सब्सिडी: वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने दक्षिण भारत के मुरुगप्पा समूह का मोटर इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर लॉन्च किया है. इस ट्रैक्टर को देखने के लिए हजारों किसान आ रहे हैं. सरकार ने इस ट्रैक्टर पर ईवी नीति के तहत पहले एक हजार ट्रैक्टर के बिकने और पंजीकृत होने पर फीसदी 5 लाख की सब्सिडी देने का फैसला किया है.
मोटर इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर डिवीजन के मार्केटिंग हेड लक्ष्मीकांत पात्रो ने बताया कि मोटर इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर भारत में इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टरों के पहले भारतीय ओईएम हैं. यह टीआई क्लीन मोबिलिटी, टीआईआई की एक डिवीजन और 124 वर्षीय मुरुगप्पा समूह का हिस्सा है. जो कृषि इंजीनियरिंग और वित्त में ग्राहकों की सेवा कर रहा है.
किसानों के लिए आसानी: मोटर इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर किसानों को पूरे देश में नवाचारी और टिकाऊ समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि हम हरियाणा में मोटर इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर लाने के लिे बहुत उत्साहित हैं. हमारा लक्ष्य तकनीक के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाना है. जो उत्पादकता में वृद्धि कुल परिचालन लागत में बचत और उनके पर्यावरणीय प्रभाव को कम करता है.
मोटर ई-ट्रैक्टर के लाभ: पारंपरिक डीजल ट्रैक्टरों की तुलना में कम ईंधन और रखरखाव खर्च, कम परिचालन लागत, डीजल के खर्च में बचत, उन्नत इलेक्ट्रिक ड्राइवट्रेन तकनीक के साथ उत्पादकता में वृद्धि, पर्यावरण के अनुकूल: शून्य टेल्पाइप उत्सर्जन, कार्बन फुटप्रिंट को महत्वपूर्ण रूप से कम करता है. साथ ही डीजल का इस्तेमाल न कर ई-ट्रैक्टर के इस्तेमाल से किसानों का स्वास्थ्य भी सही रहेगा. ध्वनि प्रदूषण से राहत, उत्पादकता में वृद्धि.
ई-ट्रैक्टर की विशेषताएं: 27 एचपी के समकक्ष ट्रैक्टर जो किसानों की जरूरतों को 21-35 एचपी श्रेणी के तहत पूरा करता है. बैटरी क्षमता 23 केडब्ल्यू और पूरी तरह से चार्ज होने में लगभग 4 घंटे लगते है. इसके अलावा, घंटों तक काम करता है. डीजल ट्रैक्टर की तुलना में काफी कम लागत आती है. इसके अलावा, सभी तरह के कृषि कार्य करने में सक्षम और हॉल में 5 टन तक वजन खींच सकता है.
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